नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी सत्येंद्र जैन की ट्रायल कोर्ट के समन जारी करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने ED को नोटिस जारी करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील विवेक गुरनानी ने नोटिस का विरोध करते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन को जुलाई 2022 में ही समन जारी किया गया था, लेकिन जब ईडी उनके डिफॉल्ट जमानत का विरोध कर रही है तब उन्होंने ये याचिका दायर किया है.
हालांकि, ED की दलीलों को दरकिनार करते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि वे सभी सवालों का जवाब बहस के दौरान देंगे. इसके पहले 28 मई को सत्येंद्र जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया गया था. जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई. इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.
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इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है. ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था.