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ये 9 रेलकर्मी जिन्होंने टाल दिए बड़े हादसे, यात्रियों की मदद को बढ़ाया हाथ, बने सम्मान के हकदार

अपनी सूझबूझ से कई लोगों की बचाई जान, मंडल रेल प्रबंधक ने प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित.

सम्मानित किए गए रेलकर्मी.
सम्मानित किए गए रेलकर्मी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

लखनऊ: पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के प्रबन्धक आदित्य कुमार ने संरक्षा से जुड़े ऐसे नौ कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया, जिन्होंने अपनी सूझबूझ से कई बड़े रेल हादसे टाल दिए. अगर ये अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम न देते तो कई दुर्घटनाएं हो सकती थीं और लोगों के जानमाल का नुकसान हो सकता था.

मण्डल रेल प्रबन्धक आदित्य कुमार ने कहा कि यात्री सुरक्षा व संरक्षित ट्रेन परिचालन को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी रेलकर्मी निष्ठापूर्वक ड्यूटी सम्पादित करते हैं. उनकी कर्तव्यनिष्ठा को और बल प्रदान करने की दिशा में उनके योगदान को सम्मानित किया गया है. उन्होंने कर्मचारियों को डयूटी के प्रति उनकी कर्तव्य निष्ठा, सतर्कता, लगन व परिश्रम के लिए उनका आभार व्यक्त कर बधाई दी.

ये रेलकर्मी किए गए सम्मानित

  1. दिनेश कुमार मीना, स्टेशन अधीक्षक, टप्पा खजूरिया: 26 अक्टूबर को टप्पा खजूरिया रेलवे स्टेशन पर डयूटी के दौरान थ्रू सिगनल जा रही मालगाड़ी के छठवें वैगन में तेज चिंगारी व धुंआ निकलते हुए देखा. इसकी सूचना बिना किसी देरी के मालगाड़ी के ट्रेन मैनेजर को दी. परसेन्डी स्टेशन पर गाड़ी चेक करने के बाद क्षतिग्रस्त वैगन को आइसोलेट किया गया. उनकी सतर्कता से दुर्घटना होने से बच गई.
  2. अरुण कुमार, सिगनल अनुरक्षक, बस्ती: 12 अक्टूबर को बस्ती यार्ड में ट्रैक सर्किट 200 टी की विफलता की सूचना मिलने पर साइट पर जाकर देखा कि रेल पटरी टूटी हुई थी. इसकी सूचना सिगनल कन्ट्रोल के माध्यम से इन्जीनियरिंग कन्ट्रोल को देते हुए और रेल संरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरिंग विभाग से अटेन्ड करवाया.
  3. विवेक सिंह, सहायक, सिगनल, करनैलगंज: 22 अक्टूबर को सरयू यार्ड में ओएचई किमी. संख्या 697/8-10 पर क्वाड केबिल कट गया था. उन्होंने अपनी टेलीकाम टीम के साथ करनैलगंज से सरयू स्टेशन पहुंचकर केबिल कटने के स्थल को चिन्हित कर केबिल जोड़ने में तत्परता दिखाई. केबिल को जोड़कर सिगनलिंग सर्किट को कियाशील किया, जिससे गाड़ियों की लेटलतीफी को रोका जा सका.
  4. राजेश कुमार पण्डित व प्रदीप कुमार/सिगनल अनुरक्षक-।/डालीगंज: एक अक्टूबर को डालीगंज स्टेशन पर रिले रूम में एसी वायरिंग के शार्ट सर्किट से आग लगने की घटना हुई. सिगनल अनुरक्षक राजेश कुमार पण्डित और प्रदीप कुमार ने फायर एलार्म सिस्टम द्वारा एलार्म देने पर आग बुझाने में सराहनीय कार्य किया. इससे रिले रूम में लगी आग पर तत्काल काबू पाने में सफलता प्राप्त हुई. सिगनलिंग उपकरणों की सम्भावित क्षति को रोका जा सका.
  5. सुमन कुमार सिंह, लोको पायलट (माल) और निधि सोनकर, वरिष्ठ सहायक लोको पायलट: 27 अक्टूबर को ट्रेन संख्या अप बीसीएन के लोको संख्या 24524 पर कार्य के दौरान बुढ़वल-बिन्दौरा के मध्य किमी संख्या 721/01 पर ओएचई वायर लटकता हुआ दिखायी दिया. तत्काल आपातकालीन ब्रेक लगाया गया. इसके बाद चेक करने पर पाया गया कि बीटी इन्सुलेटर टूटने से कैंटीलीवर एसेम्बली पूरा लटक रहा था. इस प्रकार लोको पायलटों की सतर्कता और सजगता से सम्भावित दुर्घटना को बचाया जा सका.
  6. जेपी चावला, सीनियर सेक्शन इंजीनियर/सिगनल डालीगंज: उत्कृष्ट तकनीकी दक्षता और पर्यवेक्षण क्षमता का परिचय देते हुए कमलापुर-खैराबाद (18 किमी.) खण्ड में क्वाड केबिल जाइन्टस को ठीक कराया. एकल मीडिया पर क्रियाशील एक्सल काउन्टर को दोहरे मीडिया पर कियाशील कर रेल परिचालन में संरक्षा को सुनिश्चित किया. इसके अलावा इनके नेतृत्व में बादशाहनगर स्टेशन के माइक्रोवेव परिसर में स्थापित ओएफसी उपकरण और टेलीफोन एक्सचेन्ज को निर्धारित ब्लाक समय में प्लेटफार्म पर स्थित ओएफसी कक्ष में विस्थापित कर सभी रूटों को सुचारू रूप से कियाशील कर प्रशंसनीय कार्य किया.
  7. संजय कुमार सिंह, कार्यालय अधीक्षक/अंशकालिक नागरिक सुरक्षा निरीक्षक/सिगनल कारखाना/गोरखपुर कैण्ट और धर्मेश चन्द्र श्रीवास्तव, मुख्य नागरिक सुरक्षा निरीक्षक, महाप्रबन्धक कार्यालय, गोरखपुर 18 जुलाई को दुघर्टनाग्रस्त ट्रेन संख्या 15904 डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के घायल यात्रियों को एम्बुलेन्स से मनकापुर रेलवे स्टेशन पर लाए. रिलीफ ट्रेन से घायल यात्रियों के बीच अल्पाहार और पीने का पानी वितरित किया. रिलीफ गाड़ी संख्या ईसीआर ट्रेन के साथ गोरखपुर जंक्शन पहुंचकर मेडिकल टीम के साथ घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार प्रदान कराया. चलने में अशक्त घायल महिला यात्रियों को व्हील चेयर से उनकी निर्धारित बर्थ पर बिठाया.

ये अफसर रहे मौजूद : सम्मान समारोह कार्यक्रम में वरिष्ठ मण्डल संरक्षा अधिकारी डा. शिल्पी कनौजिया, वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबंधक प्रसन्न कात्यान, वरिष्ठ मण्डल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर वैभव श्रीवास्तव मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में 7 दिन तक बुजुर्ग को रखा डिजिटल अरेस्ट, खाते में ट्रांसफर करा लिए 19 लाख रुपये

लखनऊ: पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के प्रबन्धक आदित्य कुमार ने संरक्षा से जुड़े ऐसे नौ कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया, जिन्होंने अपनी सूझबूझ से कई बड़े रेल हादसे टाल दिए. अगर ये अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम न देते तो कई दुर्घटनाएं हो सकती थीं और लोगों के जानमाल का नुकसान हो सकता था.

मण्डल रेल प्रबन्धक आदित्य कुमार ने कहा कि यात्री सुरक्षा व संरक्षित ट्रेन परिचालन को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी रेलकर्मी निष्ठापूर्वक ड्यूटी सम्पादित करते हैं. उनकी कर्तव्यनिष्ठा को और बल प्रदान करने की दिशा में उनके योगदान को सम्मानित किया गया है. उन्होंने कर्मचारियों को डयूटी के प्रति उनकी कर्तव्य निष्ठा, सतर्कता, लगन व परिश्रम के लिए उनका आभार व्यक्त कर बधाई दी.

ये रेलकर्मी किए गए सम्मानित

  1. दिनेश कुमार मीना, स्टेशन अधीक्षक, टप्पा खजूरिया: 26 अक्टूबर को टप्पा खजूरिया रेलवे स्टेशन पर डयूटी के दौरान थ्रू सिगनल जा रही मालगाड़ी के छठवें वैगन में तेज चिंगारी व धुंआ निकलते हुए देखा. इसकी सूचना बिना किसी देरी के मालगाड़ी के ट्रेन मैनेजर को दी. परसेन्डी स्टेशन पर गाड़ी चेक करने के बाद क्षतिग्रस्त वैगन को आइसोलेट किया गया. उनकी सतर्कता से दुर्घटना होने से बच गई.
  2. अरुण कुमार, सिगनल अनुरक्षक, बस्ती: 12 अक्टूबर को बस्ती यार्ड में ट्रैक सर्किट 200 टी की विफलता की सूचना मिलने पर साइट पर जाकर देखा कि रेल पटरी टूटी हुई थी. इसकी सूचना सिगनल कन्ट्रोल के माध्यम से इन्जीनियरिंग कन्ट्रोल को देते हुए और रेल संरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरिंग विभाग से अटेन्ड करवाया.
  3. विवेक सिंह, सहायक, सिगनल, करनैलगंज: 22 अक्टूबर को सरयू यार्ड में ओएचई किमी. संख्या 697/8-10 पर क्वाड केबिल कट गया था. उन्होंने अपनी टेलीकाम टीम के साथ करनैलगंज से सरयू स्टेशन पहुंचकर केबिल कटने के स्थल को चिन्हित कर केबिल जोड़ने में तत्परता दिखाई. केबिल को जोड़कर सिगनलिंग सर्किट को कियाशील किया, जिससे गाड़ियों की लेटलतीफी को रोका जा सका.
  4. राजेश कुमार पण्डित व प्रदीप कुमार/सिगनल अनुरक्षक-।/डालीगंज: एक अक्टूबर को डालीगंज स्टेशन पर रिले रूम में एसी वायरिंग के शार्ट सर्किट से आग लगने की घटना हुई. सिगनल अनुरक्षक राजेश कुमार पण्डित और प्रदीप कुमार ने फायर एलार्म सिस्टम द्वारा एलार्म देने पर आग बुझाने में सराहनीय कार्य किया. इससे रिले रूम में लगी आग पर तत्काल काबू पाने में सफलता प्राप्त हुई. सिगनलिंग उपकरणों की सम्भावित क्षति को रोका जा सका.
  5. सुमन कुमार सिंह, लोको पायलट (माल) और निधि सोनकर, वरिष्ठ सहायक लोको पायलट: 27 अक्टूबर को ट्रेन संख्या अप बीसीएन के लोको संख्या 24524 पर कार्य के दौरान बुढ़वल-बिन्दौरा के मध्य किमी संख्या 721/01 पर ओएचई वायर लटकता हुआ दिखायी दिया. तत्काल आपातकालीन ब्रेक लगाया गया. इसके बाद चेक करने पर पाया गया कि बीटी इन्सुलेटर टूटने से कैंटीलीवर एसेम्बली पूरा लटक रहा था. इस प्रकार लोको पायलटों की सतर्कता और सजगता से सम्भावित दुर्घटना को बचाया जा सका.
  6. जेपी चावला, सीनियर सेक्शन इंजीनियर/सिगनल डालीगंज: उत्कृष्ट तकनीकी दक्षता और पर्यवेक्षण क्षमता का परिचय देते हुए कमलापुर-खैराबाद (18 किमी.) खण्ड में क्वाड केबिल जाइन्टस को ठीक कराया. एकल मीडिया पर क्रियाशील एक्सल काउन्टर को दोहरे मीडिया पर कियाशील कर रेल परिचालन में संरक्षा को सुनिश्चित किया. इसके अलावा इनके नेतृत्व में बादशाहनगर स्टेशन के माइक्रोवेव परिसर में स्थापित ओएफसी उपकरण और टेलीफोन एक्सचेन्ज को निर्धारित ब्लाक समय में प्लेटफार्म पर स्थित ओएफसी कक्ष में विस्थापित कर सभी रूटों को सुचारू रूप से कियाशील कर प्रशंसनीय कार्य किया.
  7. संजय कुमार सिंह, कार्यालय अधीक्षक/अंशकालिक नागरिक सुरक्षा निरीक्षक/सिगनल कारखाना/गोरखपुर कैण्ट और धर्मेश चन्द्र श्रीवास्तव, मुख्य नागरिक सुरक्षा निरीक्षक, महाप्रबन्धक कार्यालय, गोरखपुर 18 जुलाई को दुघर्टनाग्रस्त ट्रेन संख्या 15904 डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के घायल यात्रियों को एम्बुलेन्स से मनकापुर रेलवे स्टेशन पर लाए. रिलीफ ट्रेन से घायल यात्रियों के बीच अल्पाहार और पीने का पानी वितरित किया. रिलीफ गाड़ी संख्या ईसीआर ट्रेन के साथ गोरखपुर जंक्शन पहुंचकर मेडिकल टीम के साथ घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार प्रदान कराया. चलने में अशक्त घायल महिला यात्रियों को व्हील चेयर से उनकी निर्धारित बर्थ पर बिठाया.

ये अफसर रहे मौजूद : सम्मान समारोह कार्यक्रम में वरिष्ठ मण्डल संरक्षा अधिकारी डा. शिल्पी कनौजिया, वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबंधक प्रसन्न कात्यान, वरिष्ठ मण्डल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर वैभव श्रीवास्तव मौजूद रहे.

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