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नामांकन रद्द होने के बाद प्रत्याशी पहुंचा अदालत, अब तक चार लोकसभा और तीन विधानसभा का लड़ चुका है चुनाव - Noor Hasan Nomination

Noor Hasan Nomination. गोड्डा लोकसभा सीट से नामांकन रद्द होने के बाद नूर हसन ने चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. नूर हसन हर बार चुनाव लड़ते हैं, इस बार नामांकन रद्द होने के बाद वह चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

Noor Hasan Nomination
नूर हसन (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 19, 2024, 9:40 AM IST

नामांकन रद्द होने के बाद नूर हसन पहुंचे अदालत (ईटीवी भारत)

गोड्डा: झारखंड गठन के बाद गोड्डा लोकसभा सीट से अबतक एक प्रत्याशी ऐसा है जो लगभग चार बार चुनाव लड़ चुका है. लेकिन हर बार उसे करारी हार का सामना करना पड़ता है. इस बार फिर उसने चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. लेकिन, चुनाव आयोग ने उसका नामांकन रद्द कर दिया. ये व्यक्ति हैं नूर हसन.

झारखंड बनने के बाद नूर हसन ने चार संसदीय चुनावों में हिस्सा लिया है, हालांकि हर बार उनकी जमानत जब्त हो गई है. इसके अलावा नूर हसन ने तीन विधानसभा चुनावों में भी अपनी किस्मत आजमाई है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इस बार लोकसभा चुनाव में नूर हसन फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन दूसरी वजहों से.

दरअसल, नूर हसन ने इस बार भी नामांकन दाखिल किया था, लेकिन स्क्रूटनी में उनका नामांकन रद्द हो गया. अब नूर हसन इसे लेकर हाईकोर्ट चले गए हैं. उन्होंने जिला चुनाव इकाई पर गलत तरीके से उनका नामांकन रद्द करने का आरोप लगाया है.

गौरतलब है कि गोड्डा लोकसभा के लिए कुल 29 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था, जिसमें 8 का नामांकन रद्द हुआ, जिसमें नूर हसन का नाम भी शामिल है. बाद में 2 लोगों ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद बाकी 19 उम्मीदवार बचे हैं.

कौन हैं नूर हसन

आपको बता दें कि नूर हसन पेशे से पत्रकार हैं. वे पत्रकारों की आवाज उठाते रहे हैं. वे राष्ट्रीय समता पार्टी के महासचिव भी हैं जिसके सदस्य कभी जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश हुआ करते थे. नूर हसन के चुनावी गणित पर नजर डालें तो 2002 के गोड्डा लोकसभा उपचुनाव में उन्हें 2224 वोट मिले थे, 2004 में 5641 वोट मिले थे, 2009 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था, 2014 में उन्हें 5132 वोट मिले थे और 2019 में उन्हें 2307 वोट मिले थे. इसके अलावा वे तीन विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. वे गोड्डा शहर के रहने वाले हैं.

यह भी पढ़ें: गोड्डा लोकसभा सीट से एआईएमआईएम प्रत्याशी ने लिया नाम वापस, बीजेपी प्रत्याशी निशिकांत का दावा साबित हुआ गलत - Lok Sabha Election 2024

यह भी पढ़ें: अबकी बार इंडिया गठबंधन का प्रधानमंत्री फहराएगा लाल किले पर झंडा, प्रदीप यादव का दावा - lok sabha election 2024

यह भी पढ़ें: गोड्डा लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अभिषेक झा ने किया नामांकन, कभी थे निशिकांत के शागिर्द अब विरोध में ठोकेंगे ताल - Lok Sabha Election 2024

नामांकन रद्द होने के बाद नूर हसन पहुंचे अदालत (ईटीवी भारत)

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झारखंड बनने के बाद नूर हसन ने चार संसदीय चुनावों में हिस्सा लिया है, हालांकि हर बार उनकी जमानत जब्त हो गई है. इसके अलावा नूर हसन ने तीन विधानसभा चुनावों में भी अपनी किस्मत आजमाई है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इस बार लोकसभा चुनाव में नूर हसन फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन दूसरी वजहों से.

दरअसल, नूर हसन ने इस बार भी नामांकन दाखिल किया था, लेकिन स्क्रूटनी में उनका नामांकन रद्द हो गया. अब नूर हसन इसे लेकर हाईकोर्ट चले गए हैं. उन्होंने जिला चुनाव इकाई पर गलत तरीके से उनका नामांकन रद्द करने का आरोप लगाया है.

गौरतलब है कि गोड्डा लोकसभा के लिए कुल 29 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था, जिसमें 8 का नामांकन रद्द हुआ, जिसमें नूर हसन का नाम भी शामिल है. बाद में 2 लोगों ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद बाकी 19 उम्मीदवार बचे हैं.

कौन हैं नूर हसन

आपको बता दें कि नूर हसन पेशे से पत्रकार हैं. वे पत्रकारों की आवाज उठाते रहे हैं. वे राष्ट्रीय समता पार्टी के महासचिव भी हैं जिसके सदस्य कभी जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश हुआ करते थे. नूर हसन के चुनावी गणित पर नजर डालें तो 2002 के गोड्डा लोकसभा उपचुनाव में उन्हें 2224 वोट मिले थे, 2004 में 5641 वोट मिले थे, 2009 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था, 2014 में उन्हें 5132 वोट मिले थे और 2019 में उन्हें 2307 वोट मिले थे. इसके अलावा वे तीन विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. वे गोड्डा शहर के रहने वाले हैं.

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