गोड्डा: झारखंड गठन के बाद गोड्डा लोकसभा सीट से अबतक एक प्रत्याशी ऐसा है जो लगभग चार बार चुनाव लड़ चुका है. लेकिन हर बार उसे करारी हार का सामना करना पड़ता है. इस बार फिर उसने चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. लेकिन, चुनाव आयोग ने उसका नामांकन रद्द कर दिया. ये व्यक्ति हैं नूर हसन.
झारखंड बनने के बाद नूर हसन ने चार संसदीय चुनावों में हिस्सा लिया है, हालांकि हर बार उनकी जमानत जब्त हो गई है. इसके अलावा नूर हसन ने तीन विधानसभा चुनावों में भी अपनी किस्मत आजमाई है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इस बार लोकसभा चुनाव में नूर हसन फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन दूसरी वजहों से.
दरअसल, नूर हसन ने इस बार भी नामांकन दाखिल किया था, लेकिन स्क्रूटनी में उनका नामांकन रद्द हो गया. अब नूर हसन इसे लेकर हाईकोर्ट चले गए हैं. उन्होंने जिला चुनाव इकाई पर गलत तरीके से उनका नामांकन रद्द करने का आरोप लगाया है.
गौरतलब है कि गोड्डा लोकसभा के लिए कुल 29 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था, जिसमें 8 का नामांकन रद्द हुआ, जिसमें नूर हसन का नाम भी शामिल है. बाद में 2 लोगों ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद बाकी 19 उम्मीदवार बचे हैं.
कौन हैं नूर हसन
आपको बता दें कि नूर हसन पेशे से पत्रकार हैं. वे पत्रकारों की आवाज उठाते रहे हैं. वे राष्ट्रीय समता पार्टी के महासचिव भी हैं जिसके सदस्य कभी जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश हुआ करते थे. नूर हसन के चुनावी गणित पर नजर डालें तो 2002 के गोड्डा लोकसभा उपचुनाव में उन्हें 2224 वोट मिले थे, 2004 में 5641 वोट मिले थे, 2009 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था, 2014 में उन्हें 5132 वोट मिले थे और 2019 में उन्हें 2307 वोट मिले थे. इसके अलावा वे तीन विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. वे गोड्डा शहर के रहने वाले हैं.
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