नई दिल्ली/नोएडा: ठगी के बढ़ते मामलों के बीच साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने अगस्त में 22 मामलों में चार करोड़ 81 लाख रुपये फ्रीज कराकर पीड़ितों को वापस कराए हैं. इस दौरान 12 ठगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने सलाखों के पीछे भी भेजा है. ठगी के शुरुआती घंटे में जिस पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की उनकी 50 प्रतिशत से अधिक की रकम को पुलिस ने बैंक अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर फ्रीज करा दिया है. यह जानकारी एडीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बुधवार को दी.
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी ने बताया कि साइबर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ठगी की शिकायत मिलते ही उन खातों को फ्रीज कराने का प्रयास किया जाता है, जिनमें ठगी की रकम ट्रांसफर होती है. अगस्त में पुलिस को इसमें उल्लेखनीय सफलता मिली है. साइबर क्राइम थाने में दर्ज दस मुकदमा और पोर्टल से मिली 12 शिकायतें सहित कुल 22 मामलों में पुलिस ने चार करोड़ 81 लाख 38 हजार 806 रुपये की रकम को फ्रीज कराया है. यह रकम पीड़ितों के मूल खाते में फिर से ट्रांसफर कर दी गई है. साइबर ठगी से संबंधित मामलों का त्वरित संज्ञान लेते हुए पुलिस पीड़ितों को जल्द से जल्द सहायता प्रदान करने का प्रयास करती है.
पुलिस द्वारा संबंधित बैंक अधिकारियों और अन्य एजेंसियों से सामंजस्य स्थापित करते हुए साइबर ठगी के पैसों को जल्द से जल्द पीड़ितों के खातों में वापस कराया जाता है. इसके अलावा माह में करोड़ों की ठगी में शामिल 12 आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसमें से ज्यादातर वे आरोपी है, जिन्होंने ठग गिरोह को कमीशन पर अपना खाता उपलब्ध कराया है.
एडीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव का कहना है कि साइबर की घटना होने के तत्काल बाद पीड़ित अगर संबंधित बैंक और साइबर हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कर दे तो उसके पैसे को फ्रिज करना आसान हो जाता है. गौतमबुद्ध नगर साइबर क्राइम टीम हर पीड़ित की तत्काल मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और लोगों की मदद की गई है. यह आने वाले समय में तत्परता जारी रहेगी.
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