नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट पर विज्ञापन चलवाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गैंग के तीन सरगना सहित 21 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस उपायुक्त शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर-63 पुलिस ने एक सूचना के आधार पर आकाश, गुंजन तथा योगेंद्र और उनके यहां काम करने वाले अन्य 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग विभिन्न कंपनियों से संपर्क कर वेबसाइट पर विज्ञापन चलवाने का झांसा देते थे. पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि बरामद किए हैं.
गिरफ्तार आरोपियों मे 16 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं. इनकी पहचान जोगेन्द्र कुमार, हिमांशु शर्मा, गोपाल सक्सेना, रेयांश शर्मा, अखिल गर्ग, निशांत, रवि कुमार, सरस भारद्वाज, अनिल कुमार, कार्तिक मिश्रा, आकाश यादव, पंकज उपाध्याय, लोकेश चौधरी, प्रदीप कुमार, मुकुल त्यागी, आकाश शर्मा, स्वीटी, मोनिका वर्मा, गुंजन चौहान, पूर्ति, गुंजन कात्याल के रूप में की गई हैं.
डीसीपी सेंट्रल शक्ति अवस्थी ने बताया कि आरोपियों की तरफ लोगों को बताया जाता था कि अगर आपको इस ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर अपना सामान बेचना है तो आपको हमे फीस के रूप में पैसे अदा करने होंगे. इसके बाद हम आपका सामान ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ब्रिकी के लिए प्रासारित करा देंगे. लोग इनके ऊपर विश्वास कर लेते थे, और ये लोग उनके विश्वास का फायदा उठाकर प्रलोभन देकर ई-कॉमर्स में सामान प्रसारित करने के एवज में उनसे पैसे ठगते थे. जब लोग इन लोगों के झांसे में आकर पैसे इनके खाते में भेज देते थे. ये लोग न तो उनका सामान ई-कॉमर्स पर प्रसारित करते थे और न ही उनके पैसे वापस करते थे. यह सभी लोग इसी प्रकार अन्य लोगों से चैट करके सर्विस देने के नाम पर पैसा हड़पते थे.
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यह लोग अधिकांश रूप से गैर राज्य के लोगों को अपना शिकार बनाते थे, ताकि वो यहां आकर कोई शिकायत न कर सके. उन्होंने बताया कि ये सभी फर्जी सर्टिफिकेट एवं अन्य डाटा कंपनी के डायरेक्टर जोगेन्द्र, गुंजन कात्याल व आकाश शर्मा द्वारा तैयार कर अपने कर्मचारियों को दिया जाता था. उसके बाद इनके कर्मचारी कॉल करके तथा तैयार किये गये फर्जी सर्टिफिकेट व्हाटसऐप पर भेजकर लोगों को प्रलोभित करके विश्वास में लेकर पैसे ठगते थे. इनके द्वारा जो पैसा ठगा जाता है उसका कुछ हिस्सा डायरेक्टर जोगेन्द्र, गुंजन कात्याल व आकाश शर्मा अपने कर्मचारियों को कैस में बांट देते थे. शेष बचे पैसे को यह तीनों आपस में बराबर बांट लेते थे. इस प्रकार से इन्फोबीम सोल्यूसेन्स कंपनी की तरफ से कई लोगों के साथ धोखाधडी की गई है.
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