नई दिल्ली/नोएडा: गौतम बुद्ध नगर कलेक्टर सूरजपुर पर पिछले 9 दिनों से किसान धरना पर बैठे थे. जिला प्रशासन ने अब किसानों की मांग मानते हुए हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया. वहीं, रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद किसानों ने मंगलवार को अपना धरना समाप्त कर दिया. संयुक्त मोर्चा की ओर से समन्वय समिति हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और फिर आंदोलन की आगे की रणनीति बनाकर घोषणा करेगी.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर बीते दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आंदोलन किया था. आंदोलन के बाद जब किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली कूच का ऐलान किया था. इसके बाद अधिकारियों से वार्ता के बाद किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए हाई पावर कमेटी बनाने पर सहमति बनी. इसके बाद यूपी सरकार ने एक हाई पावर कमेटी के गठन का निर्णय लिया और बताया कि यह कमेटी किसानों की समस्याओं को सुनकर उन पर शासन को रिपोर्ट भेजेगी. उसके बाद यह कमेटी समस्याओं के निस्तारण का रास्ता भी निकलेगी. 21 फरवरी को रिवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में इस हाई पावर कमेटी बनाई गई, जिसमें मेरठ मंडल कमिश्नर और जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर सदस्य बनाए गए.
हाई पावर कमेटी बन जाने के बाद उसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई. इसके बाद गौतम बुद्ध नगर के किसान हाई पावर कमेटी द्वारा शासन को की गई सिफारिश को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे. लेकिन अधिकारियों द्वारा कमेटी की सिफारिशों को सार्वजनिक नहीं किया गया. इसके चलते किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट सूरजपुर पर प्रदर्शन करते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. आंदोलन के नौवें दिन प्रशासन ने किसानों की मांगों को मानते हुए कमेटी की सिफारिश को सार्वजनिक करते हुए किसानों को सौंप दिया.
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि किसानों का धरना हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मकसद से शुरू हुआ था. इसमें एनटीपीसी के किसानों की समिति के गठन के संबंध में, रोजगार के संबंध में, जिले में डीएमआईसी, पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, हाइटेक सिटी और अंसल हाइटेक सिटी आदि सभी प्रोजेक्ट के सक्षम अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी के हस्तक्षेप पर एक महीने के अंदर उनकी समस्याओं को निराकरण आश्वासन दिया गया है. इसके बाद किसानों ने मांगों को पूरा होने के बाद अनिश्चितकालीन धरने को समाप्त कर दिया.
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