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ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने मेट्रो की मांग को लेकर किया प्रदर्शन, कहा- मेट्रो नहीं तो वोट नहीं

Demand Of Metro Connectivity: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लोगों ने एक बार फिर मेट्रो की मांग को लेकर रविवार को प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों ने मेट्रो नहीं तो वोट नहीं के नारे भी लगाए.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 29, 2024, 1:49 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थानीय निवासियों ने मेट्रो परियोजना को स्वीकृत देने की मांग को लेकर रविवार को एक मूर्ति चौक पर प्रदर्शन कर धरना दिया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मेट्रो नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए. उनका कहना है कि सरकार एक तरफ क्लीन/ग्रीन एनर्जी पर जोर दे रही है तो दूसरी तरफ मेट्रो जैसी महत्वपूर्ण परियोजना की देरी पर खामोश है.

मेट्रो के सिविल स्ट्रक्चर के लिए साल 2020 के बाद चार बार निविदा निकल चुकी है. इसके बाद भी यहां अभी तक संशोधित डीपीआर में ही एनएमआरसी के अधिकारी अटके हैं. एक दशक में भी एक प्लान न बनाने वाली संस्था के सहारे विकास का खांचा खींचने की कोशिश कितना सफल होगा. यह वर्तमान सरकार के जिम्मेदार नेताओं के लिए विचारणीय विषय है. इस दौरान निवासियों ने साफ शब्दों में कहा वे लोकसभा चुनाव के दौरान मेट्रो के बगैर प्रत्याशियों को वोट नहीं देंगे.

यह भी पढ़ें- सड़क हादसे में घायल स्कूटर सवार की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप

प्रदर्शन में शामिल रोहित मिश्रा ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में निवासी कई हफ्ते से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. ऐसा लग रहा है जैसे लाखों लोगों के लिए रोज-रोज आने वाली समस्याओं से इनका कोई सरोकार नहीं है.

वहीं, नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि एक दशक से अधिक समय हो गया लेकिन इस क्षेत्र में सार्वजानिक परिवहन नगण्य है. यह क्षेत्र देश का सबसे जबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला इलाका होने वाला है. सरकार को अविलम्ब, इलेक्ट्रिक बस से सेक्टरों को जोड़ना चाहिए, साथ ही मेट्रो के लिए पुरानी निविदा के आधार पर निर्माणकर्ता का चयन कर कार्य आरम्भ करना चाहिए.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थानीय निवासियों ने मेट्रो परियोजना को स्वीकृत देने की मांग को लेकर रविवार को एक मूर्ति चौक पर प्रदर्शन कर धरना दिया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मेट्रो नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए. उनका कहना है कि सरकार एक तरफ क्लीन/ग्रीन एनर्जी पर जोर दे रही है तो दूसरी तरफ मेट्रो जैसी महत्वपूर्ण परियोजना की देरी पर खामोश है.

मेट्रो के सिविल स्ट्रक्चर के लिए साल 2020 के बाद चार बार निविदा निकल चुकी है. इसके बाद भी यहां अभी तक संशोधित डीपीआर में ही एनएमआरसी के अधिकारी अटके हैं. एक दशक में भी एक प्लान न बनाने वाली संस्था के सहारे विकास का खांचा खींचने की कोशिश कितना सफल होगा. यह वर्तमान सरकार के जिम्मेदार नेताओं के लिए विचारणीय विषय है. इस दौरान निवासियों ने साफ शब्दों में कहा वे लोकसभा चुनाव के दौरान मेट्रो के बगैर प्रत्याशियों को वोट नहीं देंगे.

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प्रदर्शन में शामिल रोहित मिश्रा ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में निवासी कई हफ्ते से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. ऐसा लग रहा है जैसे लाखों लोगों के लिए रोज-रोज आने वाली समस्याओं से इनका कोई सरोकार नहीं है.

वहीं, नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि एक दशक से अधिक समय हो गया लेकिन इस क्षेत्र में सार्वजानिक परिवहन नगण्य है. यह क्षेत्र देश का सबसे जबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला इलाका होने वाला है. सरकार को अविलम्ब, इलेक्ट्रिक बस से सेक्टरों को जोड़ना चाहिए, साथ ही मेट्रो के लिए पुरानी निविदा के आधार पर निर्माणकर्ता का चयन कर कार्य आरम्भ करना चाहिए.

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