सरगुजा: सोमवार को नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई. लंबे समय के बाद हुई इस बैठक में विशेष रूप से विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आमंत्रित किया गया. बैठक में खाद्य, विद्युत, स्वास्थ्य, पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित हुए. जिनसे जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर चर्चा की. वहीं सूचना के बाद भी बैठक में शामिल नहीं होने वाले एनएच व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को लेकर सदन की ओर से नाराजगी जाहिर की गई और उन पर कार्रवाई के लिए सदन से प्रस्ताव पास किया गया.
नगर निगम की बैठक में हमर क्लीनिक का उठा मुद्दा: नगर निगम की बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आए अधिकारियों के सामने हमर क्लिनिक का मुद्दा उठाया गया. महापौर डॉ. अजय तिर्की, लोनिवि प्रभारी शफी अहमद व अन्य पार्षदों ने कहा कि "शहर में कुल 11 हमर क्लिनिक खुलने थे लेकिन वर्तमान में सिर्फ 8 क्लिनिक ही चल रहे है. इनमें भी डॉक्टर नियमित रूप से उपलब्ध नहीं है. अस्पताल में 144 प्रकार की दवाओं का वितरण किया जाना था जो नहीं हो रहा है. अस्पताल में आने वाले मरीजों के ब्लड सैम्पल लेकर हमर लैब भेजे जाने थे जिसका पालन नहीं हो रहा है.नवागढ़ का हमर क्लिनिक बनकर तैयार है लेकिन लोकार्पण नहीं किया जा रहा है."
इस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आई अधिकारी ने बताया "नवागढ़ क्लिनिक के भवन में यूनानी अस्पताल भी चल रहा है और हमर क्लिनिक के लिए सिर्फ दो कमरे मिले हैं, जिससे दिक्कतें हो रही है. गांधी स्टेडियम चौपाटी के पास हमर क्लिनिक का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है. नियम के अनुसार अस्पताल में 105 प्रकार की दवाइयां दी जा रही है जबकि बॉन्ड के डॉक्टरों का समय समाप्त हो गया, जिससे कुछ अस्पतालों में समस्या आई थी. फिर से नए डॉक्टरों की पदस्थापना की जा रही है."
लोकनिर्माण विभाग प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि नवागढ़ क्लिनिक का निर्माण विभाग द्वारा कराया गया और यदि ड्राइंग डिजाइन में लापरवाही हुई है तो संबंधित विभाग पर कार्रवाई की जाए. इस पर नगर निहगम नेता प्रतिपक्ष व लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने भी हमर क्लिनिक के लिए एक कमेटी बनाने की बात कही."
भाजपा पार्षद ने बैठक को बताया औपचारिक: अंबिकापुर नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने कहा- "अंबिकापुर नगर निगम की सामान्य सभा थी, बिंदू तो बहुत थे लेकिन सिर्फ औपचारिक बैठक हुई. शहर की मूल समस्या सड़क, आवारा पशुओं और कुत्तों को लेकर है. इस गंभीर विषयों पर ना तो एजेंडा में कुछ था ना ही कोई चर्चा हुई. आज की बैठक में शहरों में राशन को लेकर चरमराई व्यवस्था पर अधिकारियों के साथ बैठक हुई. स्वास्थ्य और बिजली पर विभाग के बड़े अधिकारियों को बैठक में शामिल होना था लेकिन उन्होंने अपने मातहतों को बैठक में भेज दिया जिनके पास निर्णय लेने का भी अधिकार नहीं है. अंबिकापुर नगर निगम में कांग्रेस की सरकार सिर्फ फॉरमेलिटी कर रही है, मूल समस्या से इन्हें कोई सरोकार नहीं है. "
नहीं आए लोक निर्माण विभाग व एनएच के अधिकारी: सामान्य सभा की बैठक में कई विभागों को पत्र लिखकर जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था लेकिन एनएच व लोनिवि के अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए. अंबिकापुर मेयर अजय तिर्की ने बताया-" अंबिकापुर नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में नगरीय क्षेत्रों के विभागों के प्रमुखों को बुलाया गया था. जैसे शहर में सड़क की समस्या ज्यादा है. लेकिन एनएच और पीड्ब्ल्यू के अधिकारी नहीं पहुंच पाएं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास, खाद्य विभाग, विद्युत विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी आए थे. सभी सदस्यों ने शहर से जुड़ी समस्याएं बताई. नगर निगम को भी निर्देश किया गया है कि नगरीय क्षेत्र की सड़कों का मरम्मत किया जाएं."
अंबिकापुर मेयर अजय तिर्की ने बताया-" शासन की ओर से मिले 6 करोड़ के मदों के प्रस्ताव को पास करना है. एमआईसी में जो सब्जेक्ट पास होता है और खर्च करने के लिए जो अनुशंसा की जाती है, उन्हें सामान्य सभा में प्रस्तुत करना होता है. गीला कचरा के निपटान के लिए एक प्रपोजल सीएनजी गैस बनाने के लिए आया है. शूटिंग रेंज के लिए अपना प्रस्ताव दिया है. उन प्रस्तावों पर चर्चा हुई. शहरों में सड़कों पर मवेशियों की संख्या पर भी प्रस्ताव रखे गए हैं."
पुलिस विभाग ने रखा सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव: सामान्य सभा की बैठक में सरगुजा पुलिस की ओर से एएसपी अमोलक सिंह ढिल्लो, टीआई कोतवाली मनीष सिंह परिहार भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि "शहर का विस्तार तेजी हो रहा है और आए दिन सड़क दुर्घटना, मारपीट, चोरी सहित अन्य घटनाएं हो रही है. ऐसे मामलों में सीसीटीवी एक अहम भूमिका निभाता है. उन्होंने सीसीटीवी लगाने के लिए पार्षद निधि प्रदान करने का आह्वान किया ताकि शहर में सर्वे कराकर सीसीटीवी लगाए जा सके. इस पर सभापति ने कहा कि पार्षद अपनी निधि की अनुमति दे देंगे, लेकिन पार्षद निधि से सीसीटीवी लगाने का प्रावधान नहीं है. इसलिए सदन की ओर से शहर में स्वच्छता, कचरा प्रबंधन व अन्य विषयों को जोड़कर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा और शासन से मंजूरी मिलने के बाद पार्षद निधि जारी की जाएगी."