ETV Bharat / state

अविश्वास प्रस्ताव के फेर में फंसी जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा, 13 दिसंबर को होगी अहम बैठक - JIND ZILA PARISHAD

Jind Zila Parishad: जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा बीजेपी में शामिल हो गई हैं. जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव के समीकरण बदल गए हैं.

Jind Zila Parishad
Jind Zila Parishad (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 8, 2024, 10:10 AM IST

जींद: अविश्वास प्रस्ताव के फेर में फंसी जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा अपने पति के साथ बीजेपी में शामिल हो गई. सीएम नायब सैनी ने उन्हें पटका पहना कर बीजेपी में ज्वाइन कराया. इस दौरान कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार, महिपाल ढांडा और चेयरमैन कर्मबीर सैनी मौजूद रहे. जींद परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हुई थी. जिसके बाद बीजेपी पार्षदों ने मनीषा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए डीसी से अविश्वास प्रस्ताव की मांग की थी.

बीजेपी में शामिल जिला परिषद मनीषा रंधावा: 13 दिसंबर को अब मनीषा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा. बीजेपी का दामन थामने के बाद समीकरण कितने बदले हैं. ये 13 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. दरअसल मनीषा रंधावा के सिर पर जिला परिषद अध्यक्ष का ताज जेजेपी के समर्थन से सजा था. उस दौरान जेजेपी-बीजेपी गठबंधन में सरकार चला रही थी. मनीषा रंधावा का जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला भाजपा समर्थित उम्मीदवार से था. जिसमें एक मत से मनीषा रंधावा विजयी हुई थी.

जेजेपी के समर्थन से जीती थी मनीषा: विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट गया था. इस बीच मनीषा रंधावा ने भी जेजेपी को अलविदा कह कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. विस चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई. जिसके चलते जिला परिषद की चौधर चलाने में दिक्कत पैदा होने लगी. भाजपा की नजर भी जिला परिषद अध्यक्ष पद लगी हुई थी. अब भाजपा का दामन थामने के साथ मनीषा रंधावा को जिला परिषद का ताज बचने की आस जगी है.

13 दिसंबर को होनी है अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक: जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा के खिलाफ पार्षदों ने मोर्चा खोला हुआ है. 25 सदस्यीय जिला परिषद में 18 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र देकर जिला परिषद अध्यक्ष के विश्वास खोने की बात कह कर अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने की मांग की थी. जिस पर डीसी ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 13 दिसंबर की तारीख निर्धारित की. अब जींद जिला परिषद अध्यक्ष ने भाजपा का दामन थाम लिया है. इसी के साथ साथ वो भी भाजपा के रणनीतिकारों में शामिल हो गई है. अब मनीषा रंधावा को कितना फायदा मिलेगा, ये तो 13 दिसंबर को पता चल पाएगा.

बदल गए समीकरण: फिलहाल जींद जिला परिषद में समीकरण जरूर बदल गए हैं. जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा ने बताया कि सीएम नायब सैनी ने उन्हें भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई है. भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा पार्टी के काम करेंगी और पार्टी को मजबूत करेंगी. अब वो पीएम नरेंद्र मोदी की पानीपत रैली की तैयारियों में जुट गई हैं. अविश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि वो भाजपा की कार्यकर्ता हैं. पार्टी का जो आदेश होगा. वो सर्वोपरि है.

ये भी भी पढ़ें- खतरे में जींद जिला पारिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा की कुर्सी! पार्षदों ने डीसी को सौंपा अविश्वास प्रस्ताव का शपथ पत्र

जींद: अविश्वास प्रस्ताव के फेर में फंसी जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा अपने पति के साथ बीजेपी में शामिल हो गई. सीएम नायब सैनी ने उन्हें पटका पहना कर बीजेपी में ज्वाइन कराया. इस दौरान कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार, महिपाल ढांडा और चेयरमैन कर्मबीर सैनी मौजूद रहे. जींद परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हुई थी. जिसके बाद बीजेपी पार्षदों ने मनीषा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए डीसी से अविश्वास प्रस्ताव की मांग की थी.

बीजेपी में शामिल जिला परिषद मनीषा रंधावा: 13 दिसंबर को अब मनीषा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा. बीजेपी का दामन थामने के बाद समीकरण कितने बदले हैं. ये 13 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. दरअसल मनीषा रंधावा के सिर पर जिला परिषद अध्यक्ष का ताज जेजेपी के समर्थन से सजा था. उस दौरान जेजेपी-बीजेपी गठबंधन में सरकार चला रही थी. मनीषा रंधावा का जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला भाजपा समर्थित उम्मीदवार से था. जिसमें एक मत से मनीषा रंधावा विजयी हुई थी.

जेजेपी के समर्थन से जीती थी मनीषा: विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट गया था. इस बीच मनीषा रंधावा ने भी जेजेपी को अलविदा कह कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. विस चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई. जिसके चलते जिला परिषद की चौधर चलाने में दिक्कत पैदा होने लगी. भाजपा की नजर भी जिला परिषद अध्यक्ष पद लगी हुई थी. अब भाजपा का दामन थामने के साथ मनीषा रंधावा को जिला परिषद का ताज बचने की आस जगी है.

13 दिसंबर को होनी है अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक: जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा के खिलाफ पार्षदों ने मोर्चा खोला हुआ है. 25 सदस्यीय जिला परिषद में 18 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र देकर जिला परिषद अध्यक्ष के विश्वास खोने की बात कह कर अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने की मांग की थी. जिस पर डीसी ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 13 दिसंबर की तारीख निर्धारित की. अब जींद जिला परिषद अध्यक्ष ने भाजपा का दामन थाम लिया है. इसी के साथ साथ वो भी भाजपा के रणनीतिकारों में शामिल हो गई है. अब मनीषा रंधावा को कितना फायदा मिलेगा, ये तो 13 दिसंबर को पता चल पाएगा.

बदल गए समीकरण: फिलहाल जींद जिला परिषद में समीकरण जरूर बदल गए हैं. जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा ने बताया कि सीएम नायब सैनी ने उन्हें भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई है. भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा पार्टी के काम करेंगी और पार्टी को मजबूत करेंगी. अब वो पीएम नरेंद्र मोदी की पानीपत रैली की तैयारियों में जुट गई हैं. अविश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि वो भाजपा की कार्यकर्ता हैं. पार्टी का जो आदेश होगा. वो सर्वोपरि है.

ये भी भी पढ़ें- खतरे में जींद जिला पारिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा की कुर्सी! पार्षदों ने डीसी को सौंपा अविश्वास प्रस्ताव का शपथ पत्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.