डूंगरपुर: जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के लिए बजट नहीं मिलने से बच्चों को उधार की थाली परोसी जा रही है. पिछले 2 माह से कुकिंग कन्वर्जन का बजट नहीं मिल रहा. स्कूलों में मिड डे मील योजना का संचालन करने में परेशानी आ रही है. इसके साथ ही मिड डे मील योजना में मील बनाने वाले कुक कम हेल्पर्स को भी पिछले 2 माह से मानदेय नहीं मिला. इसके चलते उन्हें भी घर चलाने में दिक्कत आ रही है.
मुख्य जिला शिक्षाधिकारी नवीन प्रकाश जैन का कहना है कि दो महीने से बजट नहीं मिला है. इस वजह से परेशानी आ रही है. सरकार को बजट के लिए डिमांड भेजी गई है, बजट आते ही जल्द भुगतान कर दिया जाएगा. सरकारी स्कूलों में स्कूली बच्चों की पोषण स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार की ओर से मिड डे मील योजना का संचालन किया जा रहा है. जिले के 2244 सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल योजना का संचालन किया जा रहा है. इसमें एक लाख 82 हजार 377 बच्चे योजना का लाभ उठा रहे है, लेकिन डूंगरपुर जिले में पिछले 2 माह से सरकारी स्कूलों में मिड डे मील का बजट नहीं आ रहा. मिड डे मील प्रभारियों को भोजन के लिए उधारी से काम चलाना पड़ रहा है.
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कुक कम हेल्पर्स को भी 2 माह से नहीं मिला मानदेय: मिड डे मील योजना में काम कर रहे कुक कम हेल्पर्स को भी पिछले 2 माह से मानदेय नहीं मिला. डूंगरपुर जिले में 3 हजार 831 कुक हेल्पर्स है. इसकी राशि करीब 1 करोड़ 53 लाख 24 हजार रुपए बताई जा रही है. हेल्पर्स ने बताया कि उन्हें वैसे ही 2000 रुपए प्रतिमाह का अल्प मानदेय मिलता है. वह भी समय पर नहीं मिल रहा. उन्हें घर चलाने में परेशानी हो रही है.
शिक्षक संगठन भी कर चुके मांग: जिले में राष्ट्रीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी ऋषि चौबीसा ने बताया कि मिड डे मील योजना में बजट आवंटन नहीं होने से इसके क्रियान्वयन में परेशानी आ रही है. जिले के सभी ब्लॉक्स में करीब 5 करोड़ रुपए बकाया चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षक संघ राष्ट्रीय के अलावा अन्य शिक्षक संगठनों ने विभाग को बजट आवंटन के लिए पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक बजट आवंटित नहीं हुआ है. उन्होंने सरकार से जल्द बजट आवंटन की मांग की है.