पटनाः बिहार सरकार फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, वेबसाइट और यूट्यूब पर कम से एक लाख फॉलोअर्स या सब्सक्राइबर्स और कम से कम 50 हजार प्रतिमाह एवरेज यूनिक एवरेज वाले व्यक्ति या फर्म को सरकार धनराशि देगी. उन्हें सरकार की लोकहितकारी और विकास योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना होगा. इसके लिए नीतीश सरकार के नेतृत्व में बिहार सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सोशल मीडिया एवं अन्य ऑनलाइन मीडिया नियमावली 2024 लाई है.
विधानसभा चुनाव की तैयारीः सरकार के इस निर्णय पर राजनीति तेज हो गयी है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोशल मीडिया के सहारे 2025 की लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं. नीतीश कुमार ऐसे तो खुद ब्रांड है लेकिन सोशल मीडिया के महत्व को समझ रहे हैं और इसलिए सोशल मीडिया का सरकार के स्तर पर बड़े पैमाने पर प्रयोग की तैयारी शुरू हो गई है. वहीं विपक्ष का मानना है कि करोड़ रुपया खर्च कर सरकार ब्रांडिंग में लगी है.
मुट्ठी में दुनियाः सूचना जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है आज जिसके हाथ में मोबाइल है, उसकी मुट्ठी में दुनिया है. सोशल मीडिया की भूमिका अहम हो गई है. जिस बिहार के बारे में कहा जाता था कि विकास नहीं हो सकता है, केवल बालू और पानी है उस बिहार का विकास नीतीश कुमार ने किया. हर वर्ग के लिए योजना चलाई है और उसे सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश हम लोगों की हो रही है.
"हम लोगों ने कैबिनेट में भी सोशल मीडिया के लिए पॉलिसी लाई है और विभाग के स्तर पर भी काम हो रहा है . विपक्ष के आरोप पर महेश्वर हजारी का कहना है कि विपक्ष की सोच और हम लोगों की सोच अलग है राशि खर्च करने का कोई मामला नहीं है."- महेश्वर हजारी, मंत्री सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
RJD ने साधा निशानाः सोशल मीडिया पर सरकार कितनी राशि खर्च करेगी, इसका तो खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन नीतीश कुमार जब अपनी महिला संवाद यात्रा के लिए 225 करोड़ की राशि खर्च करने का फैसला लिया है, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोशल मीडिया पर हजारों करोड़ की राशि खर्च कर सकती है. नीतीश की महिला संवाद यात्रा पर विपक्ष हमलावर है. सोशल मीडिया पर खर्च को भी आरजेडी हमलावर है. राजद नेता का कहना है कि इससे नीतीश सरकार को कोई फायदा नहीं होगा.
"नीतीश कुमार सरकारी धन से सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी ब्रांडिंग तो कर सकते हैं, लेकिन जनता के बीच नीतीश सरकार का इमेज अब समाप्त हो चुका है. इससे उनको कोई फायदा नहीं होगा."- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता
सोशल मीडिया से बढ़ती लोकप्रियताः राजनीतिक विश्लेषक अरुण पांडे का कहना है सोशल मीडिया का इमीडिएट इफेक्ट होता है. आज नेताओं की लोकप्रियता का ग्राफ सोशल मीडिया के माध्यम से ही आंका जाता है. उत्तर प्रदेश की सरकार ने तो पहले ही सोशल मीडिया को बड़े स्तर पर रिकॉग्नाइज किया है. अब नीतीश कुमार भी इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं. नीतीश कुमार सरकार की योजनाएं, उपलब्धियां और अपने कार्यक्रम का प्रचार प्रसार करेगी. 2025 में इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने वाली है.
प्रचार का सबसे सरल माध्यमः बिहार में पी आर एजेंसी चला रहे राजनीतिक विशेषज्ञ सुनील पांडे का कहना है सोशल मीडिया सबसे सस्ता प्रचार का माध्यम है. इसके माध्यम से तत्काल लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाती है. मोबाइल का जिस प्रकार से प्रसार हुआ है उसके कारण इसका महत्व और बढ़ गया है. सबसे बड़ी बात की इसका असर तुरंत होता है. इसकी कोई सीमा भी नहीं है. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल करते हैं. अब कई राज्यों में इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है.
"नीतीश सरकार एजेंसियों का सहारा ले रही है. अब और भी बड़े पैमाने पर 40 विभागों में इसके प्रचार प्रसार की तैयारी हो रही है, जिससे उन विभागों की योजनाओं को और उपलब्धियां को जनता तक सीधे पहुंचाया जाए. जो जानकारी है कुछ विभागों में सोशल मीडिया टीम ने काम करना भी शुरू कर दिया है."- सुनील पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ
सोशल मीडिया पर बिहार के विभागः सोशल मीडिया के मामले में बिहार में विभागों में भी होड़ मची है. बिहार पुलिस सोशल मीडिया के फॉलोअर्स के मामले में देश में पांचवें स्थान पर है. वहीं फेसबुक पर बिहार पुलिस फॉलोअर्स की संख्या में देश में दूसरे स्थान पर है. बिहार में जितने भी विभाग हैं उसमें पुलिस के सोशल मीडिया फॉलोअर्स की संख्या सबसे अधिक है. बिहार में सोशल मीडिया के फॉलोवर्स के मामले में बिहार बोर्ड दूसरे स्थान पर. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग तीसरे स्थान पर, स्वास्थ्य विभाग चौथे और पर्यटन विभाग 5 में स्थान पर है.
सोशल मीडिया को लेकर बदली नीतीश की सोचः कभी नीतीश कुमार सोशल मीडिया का मजाक उड़ाते थे. लेकिन, आज बिहार में नेताओं के सबसे अधिक फॉलोअर्स वाली सूची में नीतीश कुमार अव्वल हैं. नीतीश कुमार अपने कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार पहले से करते रहे हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय में भी सोशल मीडिया की एक एजेंसी काम कर रही है. वहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में भी एक एजेंसी काम कर रही है. यानी दो एजेंसी पहले से नीतीश कुमार के उपलब्धियां उनके कार्यक्रमों को प्रचार प्रसार करने में लगी है. अब सोशल मीडिया चलाने वाले लोगों को भी प्रमोट करने के लिए सरकार ने पॉलिसी तैयार की है.
सोशल मीडिया पर नीतीश के फॉलोअर्सः सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स के हिसाब से आज नेताओं की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 करोड़ से अधिक फॉलोअर्स सोशल मीडिया X पर है. विश्व के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं. जहां तक बिहार की बात करें नीतीश कुमार के सोशल मीडिया X पर 88 लाख फॉलोअर्स हैं. वहीं फेसबुक पर 21 लाख हैं. उनके मुकाबले लालू यादव का 64 लाख X पर तो वही फेसबुक पर 13 लाख के करीब फॉलोअर्स हैं. तेजस्वी यादव का भी 53 लाख X पर और 29 लाख फेसबुक पर फॉलोअर्स हैं.
इसे भी पढ़ेंः क्या झारखंड-महाराष्ट्र की राह पर चलेंगे नीतीश, महिलाओं के लिए खोलेंगे खजाना! बिहार फतह का बनाया फुलप्रूफ प्लान
इसे भी पढ़ेंः 'भूलिएगा मत.. बिहार में सब काम मैंने किया है' नीतीश कुमार का बड़ा दावा