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बिहार चुनाव से पहले नीतीश की टीम से 'मिसफिट' चेहरे आउट, सामाजिक समीकरण को साधने के लिए बनाई 'जिताऊ' रणनीति! - Nitish Kumar

JDU New Committee: लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लक्ष्य बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर है. ऐसे में बतौर जेडीयू अध्यक्ष वह पार्टी को नई धार देने में जुटे हैं. इसी कड़ी में जनता दल यूनाइटेड की नई कमेटी से कई दिग्गज नेताओं की छुट्टी कर दी गई है, वहीं कई नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश कमेटी से भी कई नेताओं को बाहर कर दिया गया है. जिस वजह से नाराजगी की भी चर्चा शुरू हो गई है. पढ़ें पूरी खबर..

JDU New Committee
जेडीयू की नई कोर कमेटी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 26, 2024, 11:32 AM IST

Updated : Aug 26, 2024, 12:04 PM IST

जेडीयू की नई कमेटी पर पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह की प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ समय से जनता दल यूनाइटेड में संगठन के स्तर पर लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है. राष्ट्रीय पदाधिकारी की जो सूची जारी हुई है, उसमें नीतीश कुमार सहित 23 नेताओं के नाम शामिल हैं. 29 राज्यों का प्रभार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दी गई है. कई नेताओं को एक से अधिक राज्यों का प्रभार मिला है लेकिन कई दिग्गज नेताओं को संगठन से बाहर भी कर दिया गया है.

प्रभार छिनने से बलियावी नाराज?: गुलाम रसूल बलियावी लंबे समय से पश्चिम बंगाल का प्रभार संभाल रहे थे लेकिन अब बंगाल की जिम्मेदारी कहकशां परवीन को दी गई है. संगठन में जिम्मेदारी नहीं मिलने से कई नेताओं में नाराजगी भी है. हालांकि बलियावी का कहना है कि मेरी तरफ से तो कोई नाराजगी नहीं है लेकिन यदि पार्टी नाराज होगी तो मैं कुछ नहीं कर सकता हूं. असल में गुलाम रसूल बलियावी इन दिनों बिहार-झारखंड का दौरा कर रहे हैं. वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर उनके तेवर तल्ख हैं. वहीं, एमएलसी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनको फिर से रिपीट नहीं किया गया है. पहले से ही नाराजगी थी और अब संगठन से भी बाहर कर दिया गया है.

JDU New Committee
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (ETV Bharat)

"मेरी तरफ से तो कहीं कोई नाराजगी जैसी बात नहीं है लेकिन अगर हमारी पार्टी हमसे किसी कारण नाराज होगी तो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूं. जहां तक भविष्य की बात है तो आगे की रणनीति आप लोगों को पता चल ही जाएगी, अभी इंतजार करिये."- गुलाम रसूल बलियावी, पूर्व विधान पार्षद, जेडीयू

प्रदेश कमेटी से कई दिग्गज बाहर: वहीं, राज्य स्तर की कमिटी में भी बड़े बदलाव किए गए हैं, कमेटी को छोटा कर दिया गया है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सहित कुल 116 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. कई दिग्गज नेताओं को कमिटी में जगह नहीं दी गई है. जिसमें पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह, रंजू गीता, मनजीत सिंह, निखिल मंडल, राहुल शर्मा और अभिषेक झा भी शामिल हैं. फिलहाल सभी नेता किसी तरह की नाराजगी की बात से इनकार कर रहे हैं. रंजू गीता ने कहा कि पार्टी का जो फैसला है, उसे मान रहे हैं. संभव है कि चुनाव को देखते हुए कमिटी तैयार की गई है.

JDU New Committee
मनीष वर्मा के साथ प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (ETV Bharat)

'जेडीयू में कोई नेता नाराज नहीं': पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह से बातचीत के दौरान जब यह पूछा गया कि संगठन में आप लोगों की अब पार्टी को जरूरत नहीं है? इस सवाल पर जय कुमार सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है. चुनावी वर्ष है, बहुत सारे कर्मठ साथियों को एडजस्ट किया जा रहा है. बिहार में 243 सीटों पर सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ना है तो पार्टी के अनुभवी नेताओं को भी संगठन में जगह दी गई है, जिससे चुनाव के समय उम्मीदवारों की मदद की जा सके.

जिम्मेदारी नहीं मिली तो चुनाव लड़ेंगे आप?: इस सवाल पर कि क्या पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए तैयारी शुरू करने को कहा है? इस पर जय कुमार सिंह ने कहा कि अभी चुनाव में समय है, इसलिए अभी कोई निर्देश नहीं आया है. हम लोग पार्टी में बहुत विश्वास रखते हैं और नीतीश कुमार अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा उनके हर फैसले पर पैनी नजर रहती है. हालांकि वह किसी भी तरह की नाराजगी की बात से इनकार करते हैं.

"चुनावी साल है ये. ऐसे में कई कर्मठ साथियों को एडजस्ट किया जा रहा है. बिहार में 243 सीटों पर सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ना है तो पार्टी के अनुभवी नेताओं को भी संगठन में जगह दी गई है. कहीं कोई नाराजगी की बात नहीं है. जहां तक मेरे चुनाव लड़ने की बात है तो अभी चुनाव में समय है, इसलिए अभी कोई निर्देश नहीं आया है."- जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री सह जेडीयू नेता

JDU New Committee
मुख्यमंत्री के साथ कार्यकारी अध्यक्ष संजय (ETV Bharat)

चुनाव में इन सभी को मिल सकता है मौका: जय कुमार सिंह, रंजू गीता और मंजीत सिंह 2020 में विधानसभा चुनाव हार गए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि 2025 विधानसभा चुनाव में इन सभी को फिर से लड़ाया जाएगा. शायद यही वजह है कि इनको किसी भी कमेटी में जगह नहीं दी गई है. हालांकि लंबे समय से पार्टी का प्रवक्ता का काम देख रहे राहुल शर्मा, निखिल मंडल और अभिषेक झा को भी जगह नहीं मिली है. निखिल मंडल भी मधेपुरा से चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि अभिषेक झा एमएलसी का उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. वह देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के बाद जो सीट खाली हुई है, वहां से जेडीयू का उम्मीदवार होंगे.

जेडीयू की कमेटी में कौन-कौन?: 23 सदस्यीय जेडीयू के राष्ट्रीय स्तर की कमेटी में अध्यक्ष के अलावे एक कार्यकारी अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, एक राष्ट्रीय प्रवक्ता, एक कोषाध्यक्ष, 8 महासचिव और 6 सचिव होंगे. वहीं, 116 सदस्यीय जेडीयू प्रदेश कमिटी में प्रदेश अध्यक्ष के अलावे 10 उपाध्यक्ष, 49 महासचिव, 46 सचिव, 9 प्रवक्ता और एक कोषाध्यक्ष होंगे.

जातीय और सामाजिक समीकरण का ख्याल: राष्ट्रीय स्तर की कमेटी में पार्टी के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है तो वहीं कुछ नेताओं को बाहर का रास्ता भी दिखाया गया है लेकिन प्रदेश स्तर की कमेटी का गठन नीतीश कुमार ने 2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया है. इसमें जातीय के साथ सामाजिक समीकरण को भी साधने की कोशिश की गई है. प्रदेश स्तर की कमेटी में लव-कुश समीकरण के साथ अति पिछड़ा पर विशेष जोर दिया गया है.

इन जातियों के इतने चेहरे: प्रदेश स्तर की कमेटी में 26 कुर्मी नेताओं को जगह दी गई है, जबकि 10 कोईरी नेताओं को, 19 अति पिछड़ा जाति, 10 दलित, 10 वैश्य, 10 यादव, 9 राजपूत, 7 भूमिहार, 4 ब्राह्मण, एक कायस्थ और 8 अल्पसंख्यक के साथ एक बंगाली को भी कमिटी में जगह दी गई है. जिन नेताओं को फिलहाल कमिटी से बाहर रखा गया है, वह वेट एंड वॉच में हैं क्योंकि 2025 विधानसभा चुनाव है. उन्हें उम्मीद है कि पार्टी का टिकट उन्हें मिलेगा और इसलिए फिलहाल खुलकर कुछ भी विरोध में बोलने से बच रहे हैं.

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जेडीयू की नई कमेटी पर पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह की प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

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प्रभार छिनने से बलियावी नाराज?: गुलाम रसूल बलियावी लंबे समय से पश्चिम बंगाल का प्रभार संभाल रहे थे लेकिन अब बंगाल की जिम्मेदारी कहकशां परवीन को दी गई है. संगठन में जिम्मेदारी नहीं मिलने से कई नेताओं में नाराजगी भी है. हालांकि बलियावी का कहना है कि मेरी तरफ से तो कोई नाराजगी नहीं है लेकिन यदि पार्टी नाराज होगी तो मैं कुछ नहीं कर सकता हूं. असल में गुलाम रसूल बलियावी इन दिनों बिहार-झारखंड का दौरा कर रहे हैं. वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर उनके तेवर तल्ख हैं. वहीं, एमएलसी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनको फिर से रिपीट नहीं किया गया है. पहले से ही नाराजगी थी और अब संगठन से भी बाहर कर दिया गया है.

JDU New Committee
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (ETV Bharat)

"मेरी तरफ से तो कहीं कोई नाराजगी जैसी बात नहीं है लेकिन अगर हमारी पार्टी हमसे किसी कारण नाराज होगी तो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूं. जहां तक भविष्य की बात है तो आगे की रणनीति आप लोगों को पता चल ही जाएगी, अभी इंतजार करिये."- गुलाम रसूल बलियावी, पूर्व विधान पार्षद, जेडीयू

प्रदेश कमेटी से कई दिग्गज बाहर: वहीं, राज्य स्तर की कमिटी में भी बड़े बदलाव किए गए हैं, कमेटी को छोटा कर दिया गया है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सहित कुल 116 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. कई दिग्गज नेताओं को कमिटी में जगह नहीं दी गई है. जिसमें पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह, रंजू गीता, मनजीत सिंह, निखिल मंडल, राहुल शर्मा और अभिषेक झा भी शामिल हैं. फिलहाल सभी नेता किसी तरह की नाराजगी की बात से इनकार कर रहे हैं. रंजू गीता ने कहा कि पार्टी का जो फैसला है, उसे मान रहे हैं. संभव है कि चुनाव को देखते हुए कमिटी तैयार की गई है.

JDU New Committee
मनीष वर्मा के साथ प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (ETV Bharat)

'जेडीयू में कोई नेता नाराज नहीं': पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह से बातचीत के दौरान जब यह पूछा गया कि संगठन में आप लोगों की अब पार्टी को जरूरत नहीं है? इस सवाल पर जय कुमार सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है. चुनावी वर्ष है, बहुत सारे कर्मठ साथियों को एडजस्ट किया जा रहा है. बिहार में 243 सीटों पर सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ना है तो पार्टी के अनुभवी नेताओं को भी संगठन में जगह दी गई है, जिससे चुनाव के समय उम्मीदवारों की मदद की जा सके.

जिम्मेदारी नहीं मिली तो चुनाव लड़ेंगे आप?: इस सवाल पर कि क्या पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए तैयारी शुरू करने को कहा है? इस पर जय कुमार सिंह ने कहा कि अभी चुनाव में समय है, इसलिए अभी कोई निर्देश नहीं आया है. हम लोग पार्टी में बहुत विश्वास रखते हैं और नीतीश कुमार अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा उनके हर फैसले पर पैनी नजर रहती है. हालांकि वह किसी भी तरह की नाराजगी की बात से इनकार करते हैं.

"चुनावी साल है ये. ऐसे में कई कर्मठ साथियों को एडजस्ट किया जा रहा है. बिहार में 243 सीटों पर सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ना है तो पार्टी के अनुभवी नेताओं को भी संगठन में जगह दी गई है. कहीं कोई नाराजगी की बात नहीं है. जहां तक मेरे चुनाव लड़ने की बात है तो अभी चुनाव में समय है, इसलिए अभी कोई निर्देश नहीं आया है."- जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री सह जेडीयू नेता

JDU New Committee
मुख्यमंत्री के साथ कार्यकारी अध्यक्ष संजय (ETV Bharat)

चुनाव में इन सभी को मिल सकता है मौका: जय कुमार सिंह, रंजू गीता और मंजीत सिंह 2020 में विधानसभा चुनाव हार गए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि 2025 विधानसभा चुनाव में इन सभी को फिर से लड़ाया जाएगा. शायद यही वजह है कि इनको किसी भी कमेटी में जगह नहीं दी गई है. हालांकि लंबे समय से पार्टी का प्रवक्ता का काम देख रहे राहुल शर्मा, निखिल मंडल और अभिषेक झा को भी जगह नहीं मिली है. निखिल मंडल भी मधेपुरा से चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि अभिषेक झा एमएलसी का उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. वह देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के बाद जो सीट खाली हुई है, वहां से जेडीयू का उम्मीदवार होंगे.

जेडीयू की कमेटी में कौन-कौन?: 23 सदस्यीय जेडीयू के राष्ट्रीय स्तर की कमेटी में अध्यक्ष के अलावे एक कार्यकारी अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, एक राष्ट्रीय प्रवक्ता, एक कोषाध्यक्ष, 8 महासचिव और 6 सचिव होंगे. वहीं, 116 सदस्यीय जेडीयू प्रदेश कमिटी में प्रदेश अध्यक्ष के अलावे 10 उपाध्यक्ष, 49 महासचिव, 46 सचिव, 9 प्रवक्ता और एक कोषाध्यक्ष होंगे.

जातीय और सामाजिक समीकरण का ख्याल: राष्ट्रीय स्तर की कमेटी में पार्टी के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है तो वहीं कुछ नेताओं को बाहर का रास्ता भी दिखाया गया है लेकिन प्रदेश स्तर की कमेटी का गठन नीतीश कुमार ने 2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया है. इसमें जातीय के साथ सामाजिक समीकरण को भी साधने की कोशिश की गई है. प्रदेश स्तर की कमेटी में लव-कुश समीकरण के साथ अति पिछड़ा पर विशेष जोर दिया गया है.

इन जातियों के इतने चेहरे: प्रदेश स्तर की कमेटी में 26 कुर्मी नेताओं को जगह दी गई है, जबकि 10 कोईरी नेताओं को, 19 अति पिछड़ा जाति, 10 दलित, 10 वैश्य, 10 यादव, 9 राजपूत, 7 भूमिहार, 4 ब्राह्मण, एक कायस्थ और 8 अल्पसंख्यक के साथ एक बंगाली को भी कमिटी में जगह दी गई है. जिन नेताओं को फिलहाल कमिटी से बाहर रखा गया है, वह वेट एंड वॉच में हैं क्योंकि 2025 विधानसभा चुनाव है. उन्हें उम्मीद है कि पार्टी का टिकट उन्हें मिलेगा और इसलिए फिलहाल खुलकर कुछ भी विरोध में बोलने से बच रहे हैं.

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Last Updated : Aug 26, 2024, 12:04 PM IST
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