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नीति आयोग उपाध्यक्ष ने उत्तराखंड शासन के अधिकारियों के साथ की बैठक, इन बड़े मुद्दों पर हुई गहन चर्चा

बैठक में उत्तराखंड को Knowledge Hub के रूप में विकसित करने पर हुई चर्चा, ईको पर्यटन के साथ ही वाइब्रेंट विलेज योजना पर हुई बातचीत

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

UTTARAKHAND NITI AAYOG MEETING
नीति आयोग उपाध्यक्ष के साथ बैठक (फोटो सोर्स @DIPR_UK)

देहरादून: नीति आयोग उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ आज सीएम धामी की बैठक हुई. जिसमें हरिद्वार के विकास को लेकर चर्चा हुई. शाम को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ नीति आयोग की बैठक हुई. जिसमें राज्य से जुड़े बड़े मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आयोग के समक्ष उत्तराखंड राज्य की विशेष परिस्थितियों के संदर्भ में अपेक्षित बिंदुओं को रखा.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा नीति आयोग द्वारा जारी SDG India Index 2023-24 में उत्तराखण्ड राज्य को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. राज्य के जल स्रोतों एवं नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु SARRA (Spring and River Rejuventation Authority) का गठन कर अब तक 5428 स्रोतों का जल संरक्षण तथा संवर्द्धन कर पुनर्जीवीकरण कर दिया गया है, जबकि 228 वर्षा कालीन छोटी-बड़ी नदियों का Catchment Treatment कर पुनर्जीवित किया गया है. राज्य सरकार हिम आधारित नदियों (Glaciel River) को वर्षा आधारित नदियों (Rainfed River) से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना की रूपरेखा तैयार कर रही है. इसके दीर्घकालिक परिणाम Game Changer साबित होंगे.

Incubation Centre स्थापित करने के लिए सहयोग: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में Cluster आधारित Rural Incubation Centre स्थापित किये जा रहे हैं. जिसके लिए प्रारम्भ में पायलट Project के रूप में दो Rural Incubation Centre स्थापित किये हैं, जिसके आशातीत परिणाम प्राप्त हुए हैं. द्वितीय चरण में हम समस्त जनपदों में Rural Incubation Centre स्थापित करने जा रहे हैं. व्यापक स्तर पर Incubation Centre स्थापित करने के लिए भारत सरकार से तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग की अपेक्षा है.

अधिक विकेन्द्रीकृत, नियोजन एवं नीतियों की आवश्यकता: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा भारत सरकार द्वारा संचालित केन्द्रपोषित योजनाओं के लिए One Size Fit for All की परिकल्पना पर आधारित होने के कारण योजनाओं के निर्धारित मानकों को बदलना तथा शिथिलता प्रदान करने के साथ ही अधिक विकेन्द्रीकरण, नियोजन एवं नीतियों की आवश्यकता है. भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कौशल परिषद व सेक्टर के गठन के दृष्टिगत राज्य में हमें Green Skilling के साथ-साथ Eco-Tourism Activity के लिये नीति आयोग से तकनीकी सहायता की आवश्यकता है. राज्य सरकार द्वारा नीति आयोग की भांति गठित "State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand" (SETU) के माध्यम से कार्य करना आंरभ कर दिया है. सेतु के संचालन में नीति आयोग द्वारा प्रायोजित State Support Mission को बल मिलेगा. सेतु आयोग, उत्तराखण्ड में प्रभावी नीति नियोजन के लिए वर्तमान में सलाहकारों, डोमेन एक्सपर्टस, रिचर्स एशोसियेट, इनर्टन्सशिप हेतु विज्ञापन कर नियुक्तियां की जा रही हैं.

लैंगिक असमानता दूर करने में UCC की भूमिका: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा लैंगिक असमानता को कम करने के लिए उत्तराखण्ड UCC एक्ट लागू किये जाने से महिलाओं को लैंगिक समानता का अधिकार प्राप्त होगें. इसके साथ ही राज्य में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी और दंगारोधी कानून लागू कर दिये गये हैं. इसी प्रकार लैंगिक समानता को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण तथा सहकारी प्रबंध समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है. राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू होने के फलस्वरूप सभी प्रकार की परीक्षाओं में शत-प्रतिशत पारदर्शिता आयी है. जिस कारण राज्य में विभिन्न परीक्षा परिणाम निर्धारित समय में जारी हुए हैं तथा युवाओं में System के प्रति विश्वास स्थापित हुआ है.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया प्रदेश में अधिक से अधिक निवेशको को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 25 निवेशोन्मुखी नीतियां (Investor Friendly Policy) बनायी गयी हैं. जिसके अन्तर्गत राज्य की निवेशक केन्द्रित नीतियां, बुनियादी ढांचे में निवेश, कुशल जन शक्ति की उपलब्धता और सुशासन की नींव वर्ष 2023 में रखने के उपरान्त वैश्विक निवेश सम्मेलन में 3.56 लाख करोड़ के MoU के सापेक्ष वर्तमान तक 75000 करोड़ के निवेश की Grounding हो चुकी है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और आपदाओं की दृष्टिगत हेलीकॉप्टर सेवा को बढ़ावा देना केवल पर्यटन ही नहीं यातायात की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के संबंध में अनुरोध किया कि पूर्वोत्तर के राज्यों के भांति उत्तराखंड राज्य को भी 24 प्रतिशत Capital Subsidy वाली श्रेणी में सम्मिलित किया जाये.


मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा जल विद्युत योजनाओं अन्तर्गत 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति राज्य सरकार को प्रदान होने से राज्य में लगभग 170 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता का यथाशीघ्र उपयोग हो सकेगा. लगभग 3000 मेगावाट तक विद्युत क्षमता का उपयोग विकसित भारत @ 2047 के विजन के अन्तर्गत स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करते हुए Net Zero के लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहयोग प्रदान करेगा.

'पीएम कृषि सिंचाई योजना' Guidelines में Lift Irrigation सम्मिलित: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा राज्य के उद्यानिकी विकास के लिए सिंचाई के अन्य विकल्पों लिए अनुरोध है कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित "पीएम कृषि सिंचाई योजना" के Guidelines में Lift Irrigation को भी सम्मिलित करने पर विचार करने किया जाए. जल जीवन मिशन योजना के द्वारा प्रदेश में जल आपूर्ति की दिशा में अभूतपूर्व सुधार एवं प्रगति हुई है. इसके लिए पर्वतीय क्षेत्र के जल स्रोतों के Gradiant को ध्यान में रखते हुए Source Augmentation को भी जल जीवन मिशन की गाइडलाइन्स में सम्मिलित किए जाने का अनुरोध किया जाता है. उत्तराखण्ड में उच्च गुणवत्ता युक्त "Planting Material Hub" बनने की प्रबल सम्भावनाओं के लिए National Horticulture Board तथा National Seed Corporation से सहयोग की अपेक्षा है, ताकि राज्य Planting Material Hub बनकर अन्य राज्यों को भी Planting Material उपलब्ध करा सके. इस संबंध मे राज्य केंद्र सरकार से सहयोग का आकांक्षी है.

उत्तराखंड को Knowledge Hub के रूप में विकसित करना: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा उत्तराखण्ड को Knowledge Hub के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र नीति 2024 प्रख्यापित की गयी है. सेवा क्षेत्र नीति के अन्तर्गत शिक्षा, आईटी, डाटा सेन्टर, वेलनेस, आयुष, खेल आदि पर विशेष फोकस किया गया है. राज्य में प्रारम्भ से ही मसूरी, नैनीताल तथा देहरादून में उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था रही है. वर्तमान में राज्य में 23 निजी विश्वविद्यालय 12 राज्य, एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा 4 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान कार्यरत हैं. राज्य को Knowledge Hub के रूप में विकसित करने हेतु K-12, राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को स्थापित करने के लिए सेवा क्षेत्र नीति के अन्तर्गत्त आकर्षक प्रावधान किये गये हैं. K-12 स्कूलों के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में रू0 25 करोड़ तथा मैदानी क्षेत्रों में रू0 50 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं पर 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी का प्रावधान है. उच्च शिक्षा के संस्थानों के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ तथा मैदानी क्षेत्रों में 100 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं पर भी 25 प्रतिशत से अधिक की सब्सिडी (अधिकतम रू0 100 करोड़ सब्सिडी प्रति परियोजना) का प्रावधान है.


ईको पर्यटन पर फोकस: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा राज्य में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं. इनमें प्रभावी कचरा प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता एवं जल संरक्षण जैसी पर्यावरण अनूकुल मानकों का पालन करने वाले होमस्टे एवं लॉज आदि को स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग (SGLR) द्वारा प्रमाणित करना शामिल है. नैनीताल और देहरादून के 79 होमस्टे को ग्रीन लीफ रेटिंग प्रदान की गई है. दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना के माध्यम से स्थानीय लोगों को इको-फ्रेंडली होमस्टे स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता एवं प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हो रही है. आयुष विभाग के सहयोग से 184 होमस्टे को वेलनेस स्टे के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं. ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 18 गांवों का थीमेटिक विकास के लिए चिन्हीकरण किया गया है. वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत पिथौरागढ़ के गुंजी एवं चमोली के माणा गांव हेतु मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं. इसी प्रकार स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA), नई दिल्ली द्वारा उत्तरकाशी में बघोरी और रुद्रप्रयाग में सारी गांव के लिए मॉडल विलेज विकास योजनाएं तैयार की जा रही हैं. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और फूलों की घाटी जैसे स्थानों पर जैव विविधता की क्षति कम करने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं. केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे क्षेत्रों को प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया है. इस अभियान को अन्य पर्यटन स्थलों पर भी विस्तारित करने की योजना है.


वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा वाईब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम के अन्तर्गत तीन सीमान्त जनपदों उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ के 5 विकासखण्डों के कुल 51 गावों का चयन किया गया है. उक्त गांवों के विकास के लिये मुख्यतः पर्यटन विकास, आजीविका सृजन, ऊर्जा, सड़क निर्माण, कौशल विकास तथा समाजिक अवस्थानाओं का सुदृढीकरण किया जा रहा है. भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशानुसर राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आहुत स्टेट लेवल एमपॉवर्ड कमेटी (एस०एल०एस०सी०) बैठक में अनुमोदन के उपरान्त रू0 520.13 करोड़ की कुल 523 योजनायें भारत सरकार को प्रेषित की गयी है, जिसके सापेक्ष 195.76 करोड़ की 140 योजनायें स्वीकृत की गयी है. वाईब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम के अन्तर्गत 43.96 कि०मी० सड़क निर्माण की स्वीकृत तथा 21 पुलों के निर्माण के लिए डीपीआर गठित कर दी गयी है. विभिन्न गांवों में रैन शेल्टर, Arrival Plaza प्रवेश द्वार, चेक पोस्ट आदि का निर्माण गतिमान है. गुंजी मनेला को शिव नगरी थीम पर विकसित किया जा रहा है. टूरिस्ट फैसीलिटी का सेंटर का निर्माण के लिए DPR स्वीकृत हो गई है.

पढ़ें- नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने की सीएम धामी के कार्यों की तारीफ, सरकार ने बैठक में विशेष पैकेज की रखी मांग

देहरादून: नीति आयोग उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ आज सीएम धामी की बैठक हुई. जिसमें हरिद्वार के विकास को लेकर चर्चा हुई. शाम को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ नीति आयोग की बैठक हुई. जिसमें राज्य से जुड़े बड़े मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आयोग के समक्ष उत्तराखंड राज्य की विशेष परिस्थितियों के संदर्भ में अपेक्षित बिंदुओं को रखा.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा नीति आयोग द्वारा जारी SDG India Index 2023-24 में उत्तराखण्ड राज्य को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. राज्य के जल स्रोतों एवं नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु SARRA (Spring and River Rejuventation Authority) का गठन कर अब तक 5428 स्रोतों का जल संरक्षण तथा संवर्द्धन कर पुनर्जीवीकरण कर दिया गया है, जबकि 228 वर्षा कालीन छोटी-बड़ी नदियों का Catchment Treatment कर पुनर्जीवित किया गया है. राज्य सरकार हिम आधारित नदियों (Glaciel River) को वर्षा आधारित नदियों (Rainfed River) से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना की रूपरेखा तैयार कर रही है. इसके दीर्घकालिक परिणाम Game Changer साबित होंगे.

Incubation Centre स्थापित करने के लिए सहयोग: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में Cluster आधारित Rural Incubation Centre स्थापित किये जा रहे हैं. जिसके लिए प्रारम्भ में पायलट Project के रूप में दो Rural Incubation Centre स्थापित किये हैं, जिसके आशातीत परिणाम प्राप्त हुए हैं. द्वितीय चरण में हम समस्त जनपदों में Rural Incubation Centre स्थापित करने जा रहे हैं. व्यापक स्तर पर Incubation Centre स्थापित करने के लिए भारत सरकार से तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग की अपेक्षा है.

अधिक विकेन्द्रीकृत, नियोजन एवं नीतियों की आवश्यकता: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा भारत सरकार द्वारा संचालित केन्द्रपोषित योजनाओं के लिए One Size Fit for All की परिकल्पना पर आधारित होने के कारण योजनाओं के निर्धारित मानकों को बदलना तथा शिथिलता प्रदान करने के साथ ही अधिक विकेन्द्रीकरण, नियोजन एवं नीतियों की आवश्यकता है. भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कौशल परिषद व सेक्टर के गठन के दृष्टिगत राज्य में हमें Green Skilling के साथ-साथ Eco-Tourism Activity के लिये नीति आयोग से तकनीकी सहायता की आवश्यकता है. राज्य सरकार द्वारा नीति आयोग की भांति गठित "State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand" (SETU) के माध्यम से कार्य करना आंरभ कर दिया है. सेतु के संचालन में नीति आयोग द्वारा प्रायोजित State Support Mission को बल मिलेगा. सेतु आयोग, उत्तराखण्ड में प्रभावी नीति नियोजन के लिए वर्तमान में सलाहकारों, डोमेन एक्सपर्टस, रिचर्स एशोसियेट, इनर्टन्सशिप हेतु विज्ञापन कर नियुक्तियां की जा रही हैं.

लैंगिक असमानता दूर करने में UCC की भूमिका: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा लैंगिक असमानता को कम करने के लिए उत्तराखण्ड UCC एक्ट लागू किये जाने से महिलाओं को लैंगिक समानता का अधिकार प्राप्त होगें. इसके साथ ही राज्य में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी और दंगारोधी कानून लागू कर दिये गये हैं. इसी प्रकार लैंगिक समानता को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण तथा सहकारी प्रबंध समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है. राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू होने के फलस्वरूप सभी प्रकार की परीक्षाओं में शत-प्रतिशत पारदर्शिता आयी है. जिस कारण राज्य में विभिन्न परीक्षा परिणाम निर्धारित समय में जारी हुए हैं तथा युवाओं में System के प्रति विश्वास स्थापित हुआ है.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया प्रदेश में अधिक से अधिक निवेशको को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 25 निवेशोन्मुखी नीतियां (Investor Friendly Policy) बनायी गयी हैं. जिसके अन्तर्गत राज्य की निवेशक केन्द्रित नीतियां, बुनियादी ढांचे में निवेश, कुशल जन शक्ति की उपलब्धता और सुशासन की नींव वर्ष 2023 में रखने के उपरान्त वैश्विक निवेश सम्मेलन में 3.56 लाख करोड़ के MoU के सापेक्ष वर्तमान तक 75000 करोड़ के निवेश की Grounding हो चुकी है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और आपदाओं की दृष्टिगत हेलीकॉप्टर सेवा को बढ़ावा देना केवल पर्यटन ही नहीं यातायात की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के संबंध में अनुरोध किया कि पूर्वोत्तर के राज्यों के भांति उत्तराखंड राज्य को भी 24 प्रतिशत Capital Subsidy वाली श्रेणी में सम्मिलित किया जाये.


मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा जल विद्युत योजनाओं अन्तर्गत 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति राज्य सरकार को प्रदान होने से राज्य में लगभग 170 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता का यथाशीघ्र उपयोग हो सकेगा. लगभग 3000 मेगावाट तक विद्युत क्षमता का उपयोग विकसित भारत @ 2047 के विजन के अन्तर्गत स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करते हुए Net Zero के लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहयोग प्रदान करेगा.

'पीएम कृषि सिंचाई योजना' Guidelines में Lift Irrigation सम्मिलित: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा राज्य के उद्यानिकी विकास के लिए सिंचाई के अन्य विकल्पों लिए अनुरोध है कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित "पीएम कृषि सिंचाई योजना" के Guidelines में Lift Irrigation को भी सम्मिलित करने पर विचार करने किया जाए. जल जीवन मिशन योजना के द्वारा प्रदेश में जल आपूर्ति की दिशा में अभूतपूर्व सुधार एवं प्रगति हुई है. इसके लिए पर्वतीय क्षेत्र के जल स्रोतों के Gradiant को ध्यान में रखते हुए Source Augmentation को भी जल जीवन मिशन की गाइडलाइन्स में सम्मिलित किए जाने का अनुरोध किया जाता है. उत्तराखण्ड में उच्च गुणवत्ता युक्त "Planting Material Hub" बनने की प्रबल सम्भावनाओं के लिए National Horticulture Board तथा National Seed Corporation से सहयोग की अपेक्षा है, ताकि राज्य Planting Material Hub बनकर अन्य राज्यों को भी Planting Material उपलब्ध करा सके. इस संबंध मे राज्य केंद्र सरकार से सहयोग का आकांक्षी है.

उत्तराखंड को Knowledge Hub के रूप में विकसित करना: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा उत्तराखण्ड को Knowledge Hub के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र नीति 2024 प्रख्यापित की गयी है. सेवा क्षेत्र नीति के अन्तर्गत शिक्षा, आईटी, डाटा सेन्टर, वेलनेस, आयुष, खेल आदि पर विशेष फोकस किया गया है. राज्य में प्रारम्भ से ही मसूरी, नैनीताल तथा देहरादून में उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था रही है. वर्तमान में राज्य में 23 निजी विश्वविद्यालय 12 राज्य, एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा 4 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान कार्यरत हैं. राज्य को Knowledge Hub के रूप में विकसित करने हेतु K-12, राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को स्थापित करने के लिए सेवा क्षेत्र नीति के अन्तर्गत्त आकर्षक प्रावधान किये गये हैं. K-12 स्कूलों के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में रू0 25 करोड़ तथा मैदानी क्षेत्रों में रू0 50 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं पर 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी का प्रावधान है. उच्च शिक्षा के संस्थानों के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ तथा मैदानी क्षेत्रों में 100 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं पर भी 25 प्रतिशत से अधिक की सब्सिडी (अधिकतम रू0 100 करोड़ सब्सिडी प्रति परियोजना) का प्रावधान है.


ईको पर्यटन पर फोकस: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा राज्य में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं. इनमें प्रभावी कचरा प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता एवं जल संरक्षण जैसी पर्यावरण अनूकुल मानकों का पालन करने वाले होमस्टे एवं लॉज आदि को स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग (SGLR) द्वारा प्रमाणित करना शामिल है. नैनीताल और देहरादून के 79 होमस्टे को ग्रीन लीफ रेटिंग प्रदान की गई है. दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना के माध्यम से स्थानीय लोगों को इको-फ्रेंडली होमस्टे स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता एवं प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हो रही है. आयुष विभाग के सहयोग से 184 होमस्टे को वेलनेस स्टे के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं. ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 18 गांवों का थीमेटिक विकास के लिए चिन्हीकरण किया गया है. वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत पिथौरागढ़ के गुंजी एवं चमोली के माणा गांव हेतु मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं. इसी प्रकार स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA), नई दिल्ली द्वारा उत्तरकाशी में बघोरी और रुद्रप्रयाग में सारी गांव के लिए मॉडल विलेज विकास योजनाएं तैयार की जा रही हैं. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और फूलों की घाटी जैसे स्थानों पर जैव विविधता की क्षति कम करने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं. केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे क्षेत्रों को प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया है. इस अभियान को अन्य पर्यटन स्थलों पर भी विस्तारित करने की योजना है.


वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा वाईब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम के अन्तर्गत तीन सीमान्त जनपदों उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ के 5 विकासखण्डों के कुल 51 गावों का चयन किया गया है. उक्त गांवों के विकास के लिये मुख्यतः पर्यटन विकास, आजीविका सृजन, ऊर्जा, सड़क निर्माण, कौशल विकास तथा समाजिक अवस्थानाओं का सुदृढीकरण किया जा रहा है. भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशानुसर राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आहुत स्टेट लेवल एमपॉवर्ड कमेटी (एस०एल०एस०सी०) बैठक में अनुमोदन के उपरान्त रू0 520.13 करोड़ की कुल 523 योजनायें भारत सरकार को प्रेषित की गयी है, जिसके सापेक्ष 195.76 करोड़ की 140 योजनायें स्वीकृत की गयी है. वाईब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम के अन्तर्गत 43.96 कि०मी० सड़क निर्माण की स्वीकृत तथा 21 पुलों के निर्माण के लिए डीपीआर गठित कर दी गयी है. विभिन्न गांवों में रैन शेल्टर, Arrival Plaza प्रवेश द्वार, चेक पोस्ट आदि का निर्माण गतिमान है. गुंजी मनेला को शिव नगरी थीम पर विकसित किया जा रहा है. टूरिस्ट फैसीलिटी का सेंटर का निर्माण के लिए DPR स्वीकृत हो गई है.

पढ़ें- नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने की सीएम धामी के कार्यों की तारीफ, सरकार ने बैठक में विशेष पैकेज की रखी मांग

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