जबलपुर: नाइजीरिया का एक युवक जान अमबरी उर्फ ब्राउन इन दिनों जबलपुर पुलिस का मेहमान बना हुआ है. इस युवक के पास पासपोर्ट तो है, लेकिन वीजा नहीं है और वापस नाइजीरिया जाने के लिए पैसे भी नहीं हैं. ऐसी स्थिति में जबलपुर पुलिस को इसे डिटेंशन सेंटर में रखकर मेहमानवाजी करवा रही है. ब्राउन एक जलसाजी के मामले में पकड़ा गया था.
मेट्रोमोनियल फ्रॉड मामले में हुआ था गिरफ्तार
नाइजीरिया के रहने वाले जॉन अंबारी उर्फ ब्राउन को स्टेट साइबर सेल ने मेट्रोमोनियल फ्रॉड करने के आरोप में हिरासत में लिया था. ब्राउन पर धारा 419, 420 120 भी 66 सी और आईटी एक्ट के तहत मामले दर्ज थे. ब्राउन के खिलाफ 2018 में पहला मामला दर्ज हुआ था. 22 जनवरी 2021 को ब्राउन जमानत मिल गई थी, लेकिन इसके बाद वह कोर्ट नहीं आया इसलिए उसे 7 जून 2024 को स्टेट साइबर सेल ने दिल्ली से पकड़ के दोबारा कोर्ट के सामने पेश किया, लेकिन कोर्ट ने 5 जुलाई को जिला अदालत में ब्राउन के पक्ष में फैसला दिया और उसे दोष मुक्त करार दिया गया.
सिविल लाइन थाने में रह रहा ब्राउन
इस फैसले के बाद एक नई समस्या खड़ी हो गई. ब्राउन के पास नाइजीरियन पासपोर्ट है, लेकिन उसके पास भारत में रहने का वीजा नहीं है. ऐसी स्थिति में ब्राउन को जबलपुर के सिविल लाइन थाने में बने डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. 5 जुलाई के बाद से वह लगातार सिविल लाइन थाने में ही रह रहा है. सिविल लाइन थाना प्रभारी धीरज राज ने बताया कि "ब्राउन को डिटेंशन सेंटर के बाहर नहीं छोड़ा जा सकता, क्योंकि बिना वीजा के उसका भारत में घूमने फिरना गैरकानूनी है. ब्राउन के पास नाइजीरिया वापस लौटने के पैसे नहीं है. ऐसी स्थिति में ब्राउन फिलहाल थाने में ही है और उसके खाने-पीने रहने का इंतजाम प्रशासन कर रहा है. जब तक उसके वापस जाने का आर्थिक बंदोबस्त नहीं होता तब तक ब्राउन जबलपुर की डिटेंशन सेंटर में ही रहेगा.
यहां पढ़ें... नाइजीरियाई नागरिक के खिलाफ लुक आउट नोटिस, फेसबुक पर विदेशी महिलाओं की प्रोफाइल बना करता था ठगी |
ब्राउन वापस नहीं जाना चाहता नाइजीरिया
हालांकि ब्राउन जेल में रहकर हिंदी सीख गया है और वह वापस नाइजीरिया नहीं जाना चाहता, बल्कि वह दिल्ली में रहकर कुछ कारोबार करना चाहता है. इसके लिए भी उसे सरकार से वीजा लेना होगा. जबलपुर पुलिस लगातार नाइजीरियन एंबेसी से बात कर रही है और पुलिस का कहना है कि जल्द ही ब्राउन को नाइजीरिया वापस भेजा जाएगा.