अलीगढ़: जिले में सिविल लाइंस इलाके की शिक्षिका से साइबर ठगी के मामले में शनिवार को नाइजीरिया के नागरिक को जिला कोर्ट ने 7 साल की कैद और 10 लाख रुपये की सजा सुनाई गई है. दंड की रुपये का 50 फीसदी धनराशि पीड़ित पक्ष को देने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है. बता दें कि जिले में यह साइबर अपराध के मामले में पहली सजा है. इसमें गवाहों की कोर्ट में गवाही कराई गई और साक्ष्य के आधार पर दोषी को सजा हुई है. दरअसल, नाइजीरियन युवक वैवाहिक विज्ञापन की साइट पर फर्जी अकाउंट बनाकर महिलाओं को महंगे उपहार देने के बहाने ठगता था.
shaadi.com पर बनाया पर फेक आईडी
सऊदी अरब में काम करने वाली अलीगढ़ निवासी महिला शिक्षिका की दोस्ती shaadi.com पर एक नाइजीरियन मूल के व्यक्ति से हुई थी. उसने shaadi.com पर फेक प्रोफाइल बनाकर शादी का प्रस्ताव दिया और महिला से दोस्ती कर महंगा गिफ्ट भेजने का झांसा दिया. महिला को विश्वास में लेकर गिफ्ट पर लगने वाले कस्टम चार्ज, इनकम टैक्स चार्ज आदि के नाम पर शिक्षिका से चार लाख 80 हजार रुपये ठग लिए. बता दें कि यह घटना 24 जुलाई 2021 की है. जब महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है तो, उसने अलीगढ़ परिक्षेत्र में साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया.
ठगी का रुपया दिल्ली से निकाला गया
साइबर क्राइम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. जिस खाते में रकम भेजी गई थी, पुलिस ने उसे ट्रेस किया तो वह चेन्नई की एक महिला का निकला. जानकारी करने पर पता चला कि महिला को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. पूछताछ में महिला ने बताया कि एक शातिर ने उनसे भी 25 हजार रुपये ठग लिए हैं. ठग के झांसे में आने के दौरान उन्होंने अपने नाम का सिम उसे भेजा था. साइबर क्राइम पुलिस ने उसे खाते में लगे एक मोबाइल नंबर की लोकेशन देखी, जो दिल्ली के उत्तम नगर में मिली. ठगी का पैसा इसी महिला के एकाउंट से निकाला गया था. तकनीकी की मदद से यह पता लगा कि वह सिम कितने फोन में लगा था. इसके बाद नाइजीरियन ओनेका सोलोमन विज़डम उर्फ सोलोमन का नाम सामने में आया, जो दिल्ली के जनकपुरी इलाके में पंखा रोड, चाणक्य पैलेस का रहने वाला निकला. जिसे हैदराबाद पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. वह तेलंगाना की चंचलगुड़ा जेल बंद था.
24 साल की उम्र में ही बन गया साइबर ठग
24 वर्षीय नाइजीरियन ठग ओनेका सोलोमन तेलंगाना की जेल से तलब कर अलीगढ़ जेल में दाखिल किया गया. करीब डेढ़ साल से सोलोमन यहां बंद था. वहीं, इस मामले में तेरह गवाह कराए गए. साथ ही बैंक से आशुतोष कुमार मित्तल को मुंबई, मोबाइल कंपनी से कौशलेंद्र त्रिपाठी को लखनऊ से तलब करा कर बयान कराए गए. इसमें पुलिस की ओर से पैरवी करने में साइबर क्राइम के इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार, सब इंस्पेक्टर समर पाल सिंह व अन्य लोग शामिल रहे.
बिजनेस में हुआ था नुकसान
बताया जा रहा है कि ओनेका फर्जी तस्वीर लगाकर खुद को रियल एस्टेट कारोबारी बताता था. वह अपने आप को एनआरआई कहता और विदेश में रहने की बात करता था. पांच साल पहले वह बिजनेस वीजा पर भारत आया था. दिल्ली में कपड़े का बिजनेस किया. इसके बाद नुकसान हुआ तो दोस्तों के माध्यम से साइबर ठगी में एक्सपर्ट हो गया. सहायक अभियोजन अधिकारी संतोष कुमार यादव ने बताया कि साइबर क्राइम में लिप्त अपराधी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं. हैदराबाद में भी उसने ठगी की है. मजबूत साक्ष्यों के आधार पर अलीगढ़ एसीजेएम चतुर्थ कोर्ट के शिवांक सिंह की अदालत ने सजा सुनाई है.
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