बोकारो: भारत एकता कोऑपरेटिव से एके 47 समेत भारी मात्रा में विदेशी हथियार बरामद होने के मामले में जांच के लिए एनआईए की टीम बोकारो आ सकती है. बोकारो पुलिस भी इस मामले को जांच के लिए एनआईए को सौंप सकती है. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी इस मामले में जांच कर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
बिहार में एके 47 की जांच कर रही एनआईए बोकारो में भी जांच कर सकती है, क्योंकि अब तक की पुलिस जांच में बोकारो में बरामद हथियार का बिहार लिंक सामने आया है. बिहार में एनआईए की टीम पहले से ही नागालैंड से एके 47 की डिलीवरी के मामले की जांच कर रही है.
बिहार में जब्त एके 47 के मामले में यह बात सामने आई है कि उत्तर बिहार के कई आपराधिक गिरोहों को नागालैंड के उग्रवादी संगठनों द्वारा एके 47 की आपूर्ति की गई है. बोकारो में 18 जुलाई को हुए शंकर रवानी हत्याकांड में शामिल शूटर बिहार के ही हैं. हत्याकांड में गिरफ्तार पटना के विकास सिंह और अमित मुखिया भी बिहार के चर्चित गिरोहों में से एक हैं. इस मामले में बोकारो एसपी पूज्य प्रकाश ने भी संकेत दिए हैं कि इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जा सकती है.
"फिलहाल बोकारो पुलिस की एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन जितने भी विदेशी हथियार बरामद हुए हैं, हथियार कहां से आए, कैसे सप्लाई किए गए आदि बिंदुओं पर जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी की मदद ली जाएगी." - पूज्य प्रकाश, एसपी, बोकारो
आपको बता दें कि 18 जुलाई को बोकारो के हरला थाना अंतर्गत बसंती मोड़ के पास अंधाधुंध फायरिंग कर शंकर रवानी की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में गिरफ्तार वीरेंद्र प्रसाद उर्फ बीरेंद्र यादव की निशानदेही पर पुलिस ने 06 अगस्त को भारत एकता कोऑपरेटिव कॉलोनी स्थित एक दुकान से एके 47, एक विदेशी कार्बाइन, कई विदेशी पिस्तौल और भारी मात्रा में गोलियां बरामद की थी.
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