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धर्म परिवर्तन के मास्टरमाइंड मौलाना उमर गौतम समेत 12 को उम्रकैद, 4 दोषियों को 10-10 साल की सजा - Religious Conversion Case

मौलाना उमर गौतम मूल रूप से यूपी के फतेहपुर का रहने वाला है. जिसका 1964 में हिंदू राजपूत परिवार में जन्म हुआ था. तब उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम हुआ करता था. नैनीताल में पढ़ाई के दौरा उसकी मुलाकात बिजनौर जिले के नासिर खान से हुई थी. नासिर की इस्लामिक किताबें पढ़ने के बाद श्याम ने 1984 इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था.

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धर्म परिवर्तन का मास्टरमाइंड मौलाना उमर गौतम. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 2:26 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 6:03 PM IST

फतेहपुर/लखनऊ: अवैध धर्मांतरण के मामले में मौलाना उमर गौतम व कलीम सिद्धिकी समेत दोषियों को NIA-ATS कोर्ट ने सजा सुना दी है. मंगलवार को कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण समेत अन्य धाराओं में दोषी पाया था. एनआईए एटीएस स्पेशल कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने बुधवार को सुनवाई करते हुए अवैध धर्मांतरण मामले में 12 उम्रकैद और 4 दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. धर्मांतरण कानून लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में पहली बार दोषियों सजा हुई है.

बता दें कि 2021 में फतेहपुर की शिक्षिका कल्पना सिंह ने मौलाना उमर गौतम पर बच्चों का अवैध रूप से धर्मांतरण करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए देश भर से गिरफ्तारियां की थी, जिसमें मास्टरमाइंड उमर गौतम भी शामिल था.

श्याम से उमर गौतम बना था: मौलाना उमर गौतम मूल रूप से यूपी के फतेहपुर का रहने वाला है. जिसका 1964 में हिंदू राजपूत परिवार में जन्म हुआ था. तब उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम हुआ करता था. नैनीताल में पढ़ाई के दौरा उसकी मुलाकात बिजनौर जिले के नासिर खान से हुई थी. नासिर की इस्लामिक किताबें पढ़ने के बाद श्याम ने 1984 इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था.

दिल्ली में इस्लामिक सेंटर बनाया, फिर शुरू किया धर्मांतरण: मौलाना उमर गौतम ने पढ़ाई खत्म करने के बाद देश दुनिया में इस्लाम पर व्याख्यान देना शुरू किया. इतना ही नहीं अपनी हिन्दू से मुस्लमान बनने की कहानी सुनाकर वह लोगों को भी इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए कहने लगा. धीरे-धीरे उसने इस्लामिक दावा सेंटर का गठन किया, जो दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके की नूह मस्जिद के पास है.

इस सेंटर के जरिए वो दूसरे धर्म के लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करने का काम करने लगा. स्कूल की शिक्षका ने मौलाना उमर गौतम के खिलाफ धर्म परिवर्तन करवाने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद यूपी ATS ने इस मामले में अपनी जांच शुरू करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया था.

ATS ने 17 लोगों को किया था गिरफ्तार: धर्मांतरण के मामले में यूपी ATS ने अपनी जांच शुरू की तो सामने आया कि उमर गौतम के अलग-अलग अकाउंट में विदेश से करीब 57 करोड़ रुपये मिले थे. इन पैसों को धर्म परिवर्तन करने वालों में बांटा जाता था, जो उमर का बेटा अब्दुल्ला करता था. अब्दुल्ला का साथ उमर द्वारा संचालित अल फारूखी मदरसा व मस्जिद और इस्लामिक दावा का काम देखने वाले जहांगीर आलम, कौसर और फराज शाह भी देते थे. यूपी ATS ने इस मामले में देश भर से 17 लोगों की गिरफ्तारी की थी.

2021 में दर्ज हुई थी FIR: यूपी एटीएस की नोएडा यूनिट ने 20 जून 2021 को लखनऊ के गोमती नगर एटीएस थाने में दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि उत्तर प्रदेश एटीएस को बीते कुछ वक्त समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ देश विरोधी संगठन, असामाजिक तत्व, धार्मिक संगठन/सिंडिकेट व विदेशी संस्थाओं के निर्देशों व वित्तीय मदद से लोगों का धर्म परिवर्तन कर देश का जनसंख्या संतुलन में बदलाव की कोशिश करते हैं. धर्म परिवर्तन किए गए लोगों में उनके मूल धर्म के प्रति विद्वेष, नफरत का भाव पैदा कर कट्टरपंथी बनाया जा रहा है. उन्हें मानसिक तौर पर देश के विभिन्न धार्मिक वर्गों में वैमनस्यता फैलाने के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके जरिए वे देश के सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश में शामिल हैं.

कोर्ट ने इन्हें सुनाई सजा : कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम, उसका बेटा अब्दुल्ला उमर, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल, भुप्रियबंदों मानकर उर्फ अरसलान मुस्तफा, प्रसाद रामेश्वर कांवरे, कौशर आलम, डॉक्टर फराज शाह, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, मौलाना कलीम सिद्दीकी, मोहम्मद सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ, धीरज गोविंद, सरफराज अली जाफरी को सजा सुनाई है.

हनी ट्रैप से शुरू हुई थी कहानी: श्याम प्रताप सिंह उर्फ उमर गौतम एग्रीकल्चर से इंटरमीडिए करने के दौरान मुस्लिम दोस्तों के संपर्क में आया था. वह परिजनों पर दबाव बनाकर पढ़ाई के लिए अलीगढ़ पहुंचा. जहां वह हनी ट्रैप के जरिए एक महिला के संपर्क में आया. उसे प्रोफेसर बनाने का आफर दिया गया. उसने करीब 39 वर्ष पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मुस्लिम धर्म अपना लिया था. वर्ष 1982 में मुस्लिम धर्म अपना कर उसने अपना नाम मौलाना उमर गौतम रख लिया.

ये भी पढ़ेंः धर्मांतरण केस : 20 साल पहले हिंदू से मुस्लिम बना मौलाना उमर, NIA ATS कोर्ट ने 14 आरोपियों को पाया दोषी

फतेहपुर/लखनऊ: अवैध धर्मांतरण के मामले में मौलाना उमर गौतम व कलीम सिद्धिकी समेत दोषियों को NIA-ATS कोर्ट ने सजा सुना दी है. मंगलवार को कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण समेत अन्य धाराओं में दोषी पाया था. एनआईए एटीएस स्पेशल कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने बुधवार को सुनवाई करते हुए अवैध धर्मांतरण मामले में 12 उम्रकैद और 4 दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. धर्मांतरण कानून लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में पहली बार दोषियों सजा हुई है.

बता दें कि 2021 में फतेहपुर की शिक्षिका कल्पना सिंह ने मौलाना उमर गौतम पर बच्चों का अवैध रूप से धर्मांतरण करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए देश भर से गिरफ्तारियां की थी, जिसमें मास्टरमाइंड उमर गौतम भी शामिल था.

श्याम से उमर गौतम बना था: मौलाना उमर गौतम मूल रूप से यूपी के फतेहपुर का रहने वाला है. जिसका 1964 में हिंदू राजपूत परिवार में जन्म हुआ था. तब उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम हुआ करता था. नैनीताल में पढ़ाई के दौरा उसकी मुलाकात बिजनौर जिले के नासिर खान से हुई थी. नासिर की इस्लामिक किताबें पढ़ने के बाद श्याम ने 1984 इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था.

दिल्ली में इस्लामिक सेंटर बनाया, फिर शुरू किया धर्मांतरण: मौलाना उमर गौतम ने पढ़ाई खत्म करने के बाद देश दुनिया में इस्लाम पर व्याख्यान देना शुरू किया. इतना ही नहीं अपनी हिन्दू से मुस्लमान बनने की कहानी सुनाकर वह लोगों को भी इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए कहने लगा. धीरे-धीरे उसने इस्लामिक दावा सेंटर का गठन किया, जो दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके की नूह मस्जिद के पास है.

इस सेंटर के जरिए वो दूसरे धर्म के लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करने का काम करने लगा. स्कूल की शिक्षका ने मौलाना उमर गौतम के खिलाफ धर्म परिवर्तन करवाने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद यूपी ATS ने इस मामले में अपनी जांच शुरू करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया था.

ATS ने 17 लोगों को किया था गिरफ्तार: धर्मांतरण के मामले में यूपी ATS ने अपनी जांच शुरू की तो सामने आया कि उमर गौतम के अलग-अलग अकाउंट में विदेश से करीब 57 करोड़ रुपये मिले थे. इन पैसों को धर्म परिवर्तन करने वालों में बांटा जाता था, जो उमर का बेटा अब्दुल्ला करता था. अब्दुल्ला का साथ उमर द्वारा संचालित अल फारूखी मदरसा व मस्जिद और इस्लामिक दावा का काम देखने वाले जहांगीर आलम, कौसर और फराज शाह भी देते थे. यूपी ATS ने इस मामले में देश भर से 17 लोगों की गिरफ्तारी की थी.

2021 में दर्ज हुई थी FIR: यूपी एटीएस की नोएडा यूनिट ने 20 जून 2021 को लखनऊ के गोमती नगर एटीएस थाने में दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि उत्तर प्रदेश एटीएस को बीते कुछ वक्त समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ देश विरोधी संगठन, असामाजिक तत्व, धार्मिक संगठन/सिंडिकेट व विदेशी संस्थाओं के निर्देशों व वित्तीय मदद से लोगों का धर्म परिवर्तन कर देश का जनसंख्या संतुलन में बदलाव की कोशिश करते हैं. धर्म परिवर्तन किए गए लोगों में उनके मूल धर्म के प्रति विद्वेष, नफरत का भाव पैदा कर कट्टरपंथी बनाया जा रहा है. उन्हें मानसिक तौर पर देश के विभिन्न धार्मिक वर्गों में वैमनस्यता फैलाने के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके जरिए वे देश के सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश में शामिल हैं.

कोर्ट ने इन्हें सुनाई सजा : कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम, उसका बेटा अब्दुल्ला उमर, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल, भुप्रियबंदों मानकर उर्फ अरसलान मुस्तफा, प्रसाद रामेश्वर कांवरे, कौशर आलम, डॉक्टर फराज शाह, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, मौलाना कलीम सिद्दीकी, मोहम्मद सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ, धीरज गोविंद, सरफराज अली जाफरी को सजा सुनाई है.

हनी ट्रैप से शुरू हुई थी कहानी: श्याम प्रताप सिंह उर्फ उमर गौतम एग्रीकल्चर से इंटरमीडिए करने के दौरान मुस्लिम दोस्तों के संपर्क में आया था. वह परिजनों पर दबाव बनाकर पढ़ाई के लिए अलीगढ़ पहुंचा. जहां वह हनी ट्रैप के जरिए एक महिला के संपर्क में आया. उसे प्रोफेसर बनाने का आफर दिया गया. उसने करीब 39 वर्ष पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मुस्लिम धर्म अपना लिया था. वर्ष 1982 में मुस्लिम धर्म अपना कर उसने अपना नाम मौलाना उमर गौतम रख लिया.

ये भी पढ़ेंः धर्मांतरण केस : 20 साल पहले हिंदू से मुस्लिम बना मौलाना उमर, NIA ATS कोर्ट ने 14 आरोपियों को पाया दोषी

Last Updated : Sep 11, 2024, 6:03 PM IST
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