पंचकूला: हरियाणा में दीपावली से ठीक पहले प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है. एनएचएम के निदेशक ने एक पत्र जारी कर कर्मचारियों को वर्ष 2018 में दिए गए सेवा नियमों के लाभ को निरस्त कर दिया है. इस फैसले से प्रदेश के करीब 17 हजार एनएचएम कर्मियों में रोष व्याप्त है. नतीजतन उन्होंने दीपावली पर प्रदेश भर में इस आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
एनएचएम कर्मचारियों को नुकसान: एनएचएम कर्मचारी प्रदेश के सभी जिलों में सेवाएं दे रहे हैं. सेवा नियमों के निरस्त होने पर इन कर्मचारियों को साल में दो बार मिलने वाला महंगाई भत्ता फ्रीज हो गया है. इसी तरह साल में एक बार होने वाली तीन प्रतिशत वेतन वृद्धि भी बंद हो जाएगी. यही कारण है कि धनतेरस के दिन जारी इस पत्र के बाद से एनएचएम कर्मचारी यूनियन ने रोष प्रकट किया है. साथ ही इस फैसले की कड़ी निंदा की है.
26 साल से कार्यरत हैं एनएचएम कर्मचारी: एनएचएम कर्मचारी हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में पिछले 26 वर्ष से सेवाएं दे रहे हैं. तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2018 में एनएचएम कर्मचारियों को सर्विस बायलॉज का लाभ दिया था. उस दौरान एनएचएम कर्मियों ने इसे जन कल्याणकारी कदम बताया था. इससे एनएचएम कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली थी.
एनएचएम कर्मियों के सेवा नियम फ्रीज: हरियाणा में कर्मचारियों को अभी तक सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलना भी शुरू नहीं हुआ था. लेकिन बीते मंगलवार को एनएचएम कर्मचारियों के सेवा नियमों फ्रीज कर दिया गया. नतीजतन प्रदेश के सभी करीब 17 हजार एनएचएम कर्मचारी इस बार काली दीवाली मनाने को मजबूर हुए हैं.
उम्मीदों को लगा बड़ा झटका: एनएचएम के सभी कर्मचारी प्रदेश सरकार से दीपावली के पावन पर्व पर महंगाई भत्ता मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे. सभी कर्मचारी सरकार से घोषित वेतन विसंगतियों को दूर कर सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलने की उम्मीद में थे. लेकिन इस दीपावली एनएचएम के करीब 17 हजार कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है.