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पैदा होते ही आंबेडकर प्रतिमा के नीचे फेंक गए नवजात बच्ची; महिला सिपाही ने हॉस्पिटल पहुंचाया - Unclaimed Baby Girl

अब इसके पीछे क्या कारण हो सकता है ये तो बच्ची को जन्म देने वाली मां ही बता सकती है. लेकिन बच्ची का क्या कसूर था. क्या बिटिया थी इसलिए उसे फेंक दिया गया, या कोई अन्य कारण. इस तरह के कई सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 20, 2024, 10:36 AM IST

Updated : Apr 20, 2024, 11:52 AM IST

गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर में एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली है. किसी मां ने जन्म देने के कुछ ही घंटे बाद बच्ची को कपड़े में लपेटकर लावारिस अवस्था में छोड़ दिया. महिला कौन थी, उसने ऐसा क्यों किया अभी इसके बारे में जानकारी नहीं हो सकी है.

वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के मरदह बस स्टैंड स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के सामने मरदह गांव निवासी राधेश्याम मद्धेशिया की मिठाई और चाय की दुकान है. इसी के पास शनिवार की सुबह नवजात बच्ची को कपड़े में लपेटकर लावारिस अवस्था में छोड़ दिया गया.

अब इसके पीछे क्या कारण हो सकता है ये तो बच्ची को जन्म देने वाली मां ही बता सकती है. लेकिन बच्ची का क्या कसूर था. क्या बिटिया थी इसलिए उसे फेंक दिया गया, या कोई अन्य कारण. इस तरह के कई सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं.

लोग कयास लगा रहे हैं कि बच्ची शायद यहीं आसपास की होगी. जब स्थानीय लोग कपड़े में लिपटी हुई बच्ची के पास गए तो समझने में देर नहीं लगी. उन्होंने बगल में कुछ दूर पर स्थित होमगार्ड के जवानों सहित पुलिस को सूचना देखकर बुलाया.

मरदह थाने में तैनात एक महिला सिपाही लावारिस मिली नवजात बच्ची को अपनी गोद में रखकर एकटक निहारे जा रही थी. शायद यही सोच रही थी कि आखिर इस बच्ची का क्या कसूर था जो उसके ही अपनों ने उसे जीवन भर की सजा दे दी.

इस संबंध में थानाध्यक्ष धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि एक गमछे में एक नवजात बच्ची पड़ी मिली. बच्ची को थाने लाकर महिला पुलिसकर्मी के पास रखा गया था. बच्ची पूर्णतः स्वस्थ है. बच्ची को जिला महिला चिकित्सालय गाजीपुर भेजा गया है. वहां से चाइल्ड केयर को सौंपा जाएगा.

ये भी पढ़ेंः सरकारी अस्पताल की पैथालॉजी में निकला 4 फीट लंबा सांप, देर तक सहमे रहे कर्मचारी

गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर में एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली है. किसी मां ने जन्म देने के कुछ ही घंटे बाद बच्ची को कपड़े में लपेटकर लावारिस अवस्था में छोड़ दिया. महिला कौन थी, उसने ऐसा क्यों किया अभी इसके बारे में जानकारी नहीं हो सकी है.

वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के मरदह बस स्टैंड स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के सामने मरदह गांव निवासी राधेश्याम मद्धेशिया की मिठाई और चाय की दुकान है. इसी के पास शनिवार की सुबह नवजात बच्ची को कपड़े में लपेटकर लावारिस अवस्था में छोड़ दिया गया.

अब इसके पीछे क्या कारण हो सकता है ये तो बच्ची को जन्म देने वाली मां ही बता सकती है. लेकिन बच्ची का क्या कसूर था. क्या बिटिया थी इसलिए उसे फेंक दिया गया, या कोई अन्य कारण. इस तरह के कई सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं.

लोग कयास लगा रहे हैं कि बच्ची शायद यहीं आसपास की होगी. जब स्थानीय लोग कपड़े में लिपटी हुई बच्ची के पास गए तो समझने में देर नहीं लगी. उन्होंने बगल में कुछ दूर पर स्थित होमगार्ड के जवानों सहित पुलिस को सूचना देखकर बुलाया.

मरदह थाने में तैनात एक महिला सिपाही लावारिस मिली नवजात बच्ची को अपनी गोद में रखकर एकटक निहारे जा रही थी. शायद यही सोच रही थी कि आखिर इस बच्ची का क्या कसूर था जो उसके ही अपनों ने उसे जीवन भर की सजा दे दी.

इस संबंध में थानाध्यक्ष धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि एक गमछे में एक नवजात बच्ची पड़ी मिली. बच्ची को थाने लाकर महिला पुलिसकर्मी के पास रखा गया था. बच्ची पूर्णतः स्वस्थ है. बच्ची को जिला महिला चिकित्सालय गाजीपुर भेजा गया है. वहां से चाइल्ड केयर को सौंपा जाएगा.

ये भी पढ़ेंः सरकारी अस्पताल की पैथालॉजी में निकला 4 फीट लंबा सांप, देर तक सहमे रहे कर्मचारी

Last Updated : Apr 20, 2024, 11:52 AM IST
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