शिमला: डीपीई शिक्षकों के लिए नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बना लिए गए हैं. अब इन्हें लेक्चरर शारीरिक शिक्षा (स्कूल न्यू) के पदनाम से जाना जाएगा. कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के कारण कैबिनेट बैठक का आयोजन नहीं हो सका, जिस कारण इन नियमों को अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट के समक्ष नहीं रखा जा सका. डीपीई शिक्षकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों से जुड़े मामले में शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट को बताया कि शिक्षा विभाग ने नए नियमों के तहत लेक्चरर शारीरिक शिक्षा (स्कूल न्यू) के 486 पद सृजित करने की औपचारिकताएं पूरी कर ली है.
कोर्ट को बताया गया कि उक्त नियमों को बनाने के लिए सलाहकार विभागों की अनुमति जरूरी होती है. शिक्षा विभाग ने वित्त और कार्मिक विभाग की सहमति ले ली है और अब यह नियम विधि विभाग और लोक सेवा आयोग के विचाराधीन है. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद 20 मई तक इन नियमों को बनाने के आदेश जारी करते हुए शिक्षा सचिव को चेतावनी दी थी कि यदि अगली सुनवाई तक नियम नहीं बने तो उन्हें अदालत की अवमानना के जुर्म में दंडित किया जा सकता है.
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने हिमाचल प्रदेश डीपीई संघ द्वारा दायर अनुपालना याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए थे. कोर्ट ने कहा था कि डेढ़ वर्ष पहले हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षाओं को पढ़ाने वाले शारीरिक शिक्षकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाने के आदेश दिए थे. सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग ने इन नियमों को अंतिम रूप देने के लिए 8 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था जिसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए शिक्षा विभाग को 6 सप्ताह के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उपरोक्त नियमों को लागू करने के आदेश दिए.
मामले पर सुनवाई 3 जुलाई को निर्धारित की गई है. मामले के अनुसार प्रार्थी संघ का आरोप है कि वे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के छात्रों को शारीरिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने बिना भेदभाव के अन्य विषयों के स्कूल लेक्चरर के बराबर वेतनमान पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी. उसमें सफलता पाने के बाद एनसीटीई द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले डीपीई शिक्षकों को सरकार ने अन्य स्कूल प्रवक्ताओं के बराबर वेतनमान तो दे दिया, लेकिन नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम नहीं बनाए. इन नियमों के अभाव में वे उच्च पद के लिए पदोन्नति पाने में असमर्थ हैं.
प्रार्थी संघ का कहना है कि उनके लिए वर्ष 1973 के भर्ती एवं पदोन्नति नियम ही आज तक लागू किए जा रहे हैं. जबकि वर्तमान में वे अब अन्य प्रवक्ताओं के बराबर ही वेतनमान ले रहे हैं. कोर्ट प्रार्थी संघ की दलीलों से सहमति जताते हुए 1 दिसंबर 2022 को पारित फैसले के तहत डीपीई शिक्षकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाने के आदेश दिए थे, जिन्हे आज तक अमल में नहीं लाया गया.