वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लोकल यानी बनारस के लोगों के लिए एक अलग से एंट्री गेट को रिजर्व कर दिया गया है. सुबह और शाम 4 से 5 बजे सीधे गर्भगृह तक पहुंचकर दर्शन की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रक्रिया को लेकर पासधारक नेमी दर्शनार्थियों ने बुधवार को विश्वनाथ मंदिर के बाहर नारेबाजी की थी. सावन सोमवार के पास रद्द करने का विरोध करते हुए अलग गेट से एंट्री की मांग भी की थी. इसके बाद देर शाम तक मंदिर प्रशासन ने एक बैठक करते हुए नेमी दर्शनार्थियों के लिए कई नए नियम बना दिए हैं, जो आज से लागू होंगे. विश्वनाथ मंदिर में नेमी दर्शनार्थियों को दिक्कत न हो इसे देखते हुए कई सुविधाओं को अपडेट किया गया है.
मंदिर के मुख्य कार्यपालिक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि काशी के स्थानीय दशनार्थियों के साथ मंदिर सभागार में प्रतिदिन दर्शन का आग्रह करने वाले स्थानीय निवासियों की व्यवस्था के संबंध में बैठक की थी. इसमें विभिन्न प्रकार से प्रातः काल दर्शन करने वाले नेमी दर्शनार्थियों से बात की गई, उनकी समस्याओं व जरूरत को जाना गया है. इसके बाद प्रशासन ने यह साफ किया है कि नेमी दर्शनार्थियों के स्पर्श दर्शन कराने में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि सभी काशीवासियों और देश के अन्य श्रद्धालुओं के लिए स्पर्श दर्शन प्रातः कराए जा रहे हैं तो नेमी दर्शनार्थियों को भी अवश्य कराए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि नेमी दर्शनार्थियों के लिए गेट 4B पर विशेष लाइन से प्रवेश देने पर अधिकतर लोगों से सहमति बनी है. बताया गया कि यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि ढूंढीराज गली से प्रवेश करने वाले लोगों को सामान्य लाइन के फ्रंट में लगा कर प्रवेश दिया जाएगा. दोनों ही लाइन में काशीवासी होने का पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा. जैसा अन्य काशीवासियों के लिए जरूरी है. यह व्यवस्था केवल उसी दशा में संचालित करते रहना संभव होगी जब प्रतिदिन दर्शन करने आने वाले लोकल दर्शनार्थी काशी के स्थानीय निवासी अनुशासन का पालन करें और एक-एक कर लाइन से प्रवेश करें.
मंदिर के मुख्य कार्यपालिक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा का कहना है कि कुछ नेमी दर्शनार्थियों की यह शिकायत है कि कुछ नेमी दर्शनार्थी दर्शन करने में व्यवधान उत्पन्न करते हैं. विशेषकर मंदिर गर्भगृह घेरकर खड़े हो जाने से महिला नेमियों को दर्शन में विशेष असुविधा होती है. नेमी दर्शनार्थियों के दर्शन के अन्य दिनों के अनेक सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए. यह पाया गया कि नेमी दर्शनार्थी होने के कारण पुलिस भी सख्ती नहीं करती और कई नेमी अत्यंत उग्र व्यवहार करते हैं. इसलिए ऐसे आचरण को दर्शनार्थियों को स्वयं नियंत्रित करना होगा, जिससे कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो. उन्होंने कहा कि द्वार संख्या 4B और ढूंढीराज गली से विशेष सुविधा देते हुए काशी निवासियों की तरह स्थानीय पहचान पत्र दिखाने पर सुबह व शाम 4 से 5 बजे भी प्रवेश कराया जायेगा.