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कोरबा के अमृत सरोवर से 97 नए जलाशयों का होगा निर्माण, ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार, होगा जल संरक्षण - Korba Amrit Sarovar New reservoirs

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 9, 2024, 9:31 PM IST

कोरबा के अमृत सरोवर से 97 नए जलाशयों का निर्माण होने जा रहा है. इससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा. इसके साथ ही इससे जल संरक्षण होने से किसानों को भी सुविधा मिलेगी.

Korba Amrit Sarovar
कोरबा अमृत सरोवर (ETV Bharat)

कोरबा: आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया. रोजगार गारंटी योजना के तहत अमृत सरोवर योजना लॉन्च की. इस योजना से कोरबा जिले में 121 अमृत सरोवर का निर्माण हुआ. अच्छी बारिश से प्रत्येक सरोवरों में 16 लाख 16 हजार क्यूबिक मीटर जल संरक्षण हुआ है. इसे देखते हुए रोजगार गारंटी के तहत अमृत सरोवर के तर्ज पर जिला पंचायत ने 97 नए जलाशयों के निर्माण करने की योजना बनाई है, जिसे शासन से स्वीकृति भी मिल चुका है.

Korba Amrit Sarovar
97 नए जलाशयों का निर्माण (ETV Bharat)

ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार: नए सरोवर के अस्तित्व में आने से जिले में इनकी संख्या 218 हो जाएगी. नए सरोवर के निर्माण से ग्रामीणों को एक तरफ जहां रोजगार मिलेगा. वहीं दूसरी ओर 16 हजार किसानों के 7,900 हेक्टेयर कृषि रकबा को सिंचाई की सुविधा भी मिलेगी.

Korba Amrit Sarovar
नए जलाशयों का होगा निर्माण (ETV Bharat)

सिंचाई का क्षेत्र भी बढ़ेगा: कोरबा में पिछले 2 सालों में तलाब निर्माण में 88 हजार मजदूरों को रोजगार मिला है. नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही अब मजदूरी की दर 243 रुपए हो गई है.अमृत सरोवर योजना के तहत गांव लेपरा, तानाखार, कापूबहरा, नगोई, मांगामार, लबेद, रंजना देवलापाठ में प्रति सरोवर 1,600 क्यूबिक मीटर जल संरक्षण बढ़ने से सिंचाई के अलावा निस्तारी सुविधा भी मिल रही है.अब 97 अतिरिक्त जलाशय के निर्माण से जल संरक्षण की क्षमता में अतिरिक्त वृद्धि के साथ सिंचाई का रकबा भी बढ़ेगा.

Korba Amrit Sarovar
कोरबा के अमृत सरोवर से 97 नए जलाशयों का होगा निर्माण (ETV Bharat)

इस तरह के लक्ष्यों को साधने की योजना:नए सरोवर के निर्माण के पहले जिला पंचायत में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिसके अनुसार सरोवर बनने से 2800 हेक्टेयर रकबा की मिट्टी क्षरण रुकेगा. 6.47 लाख क्यूबिक मीटर भूमिगत जल स्त्रोत संरक्षित होगा. इससे आसपास के कुएं, हैंडपंप सहित अन्य जल स्त्रोत भी संरक्षित होंगे. बड़े पैमाने पर ग्राउंड वाटर लेवल रिचार्ज होगा.जल संरक्षण से कृषि रकबा में भी विस्तार होगा. धान के अलावा ग्रीष्म फसल में गेहूं, दहलन व तिलहन का भी पैदावार ले सकेंगे. जलाशय के लिए ऐसे स्थानों का चिन्हाकन किया गया है. जहां वर्षा जल संरक्षण से न केवल किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी बल्कि निस्तारी सुविधा की भी मिलेगी.

Korba Amrit Sarovar
97 नए जलाशयों का होगा निर्माण (ETV Bharat)

"जिले में अमृत सरोवर मिशन के तहत अब तक 121 सरोवरों का निर्माण किया गया है.जल संरक्षण के लिए 97 और स्थानों में भी सरोवर के लिए स्थल चिन्हित किया गया है. वर्षा जल संरक्षण से किसानों के खेतों में सिंचित रकबा में विस्तार होगा. मनरेगा से ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा. मानसून के बाद नए सरोवरों का निर्माण होगा." -प्रतिष्ठा मामगाई, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत

जिले में सिंचाई रकबा काफी कम: छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा बांध कोरबा जिले में मौजूद है. मिनीमाता बांगो परियोजना से जो नहर निकलते हैं. वह सीधे जांजगीर और रायगढ़ जिलों की तरफ चले जाते हैं. कोरबा का सिंचित रकबा महज 10 से 12 फीसदी है, जिसके कारण जिले के किसानों के खेत प्यासे ही रह जाते हैं. अच्छी बरसात नहीं होने पर खेतों में अच्छी पैदावार नहीं हो पाती. जिला पंचायत की जलाशय निर्माण वाली योजना से सिंचित रकबा बढ़ेगा और किसानों के खेतों के प्यास भी बुझेगी. कई बार रोजगार गारंटी से तालाब गहरीकरण, तालाब निर्माण के काम तो होते हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं भर पाता. कई बार तालाब के निर्माण सिर्फ कागजों पर ही हो पाते हैं, इसलिए जलाशय का निर्माण हो और इसमें पानी भर जाए, तब यह एक मल्टीपरपज परियोजना की तरह काम करेगा.

फैक्ट फाइल:

121सरोवर का निर्माण पूर्ण
88हजार मजदूरों को मिला रोजगार
97नये सरोवर को मिली है स्वीकृति
16लाख रूपये प्रत्येक सरोवर की होगी लागत
16,1600क्यूबिक मीटर प्रति सरोवर जल संरक्षण में वृद्धि का लक्ष्य
6.47लाख क्यूबिक मीटर भूमिगत जल स्त्रोत होगा संरक्षित
कांकेर में डैम के दरार से निकल रहा पानी, गांव छोड़कर भाग रहे लोग - Crack in Dam of reservior in kanker
कांकेर में जलाशय के बांध में दरार तीन दिन बाद भी नहीं भरा, दहशत में तीन गांवों के लोग - Kanker crack dam not filled
बारिश के बाद शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ा, कई जलाशय ओवरफ्लो - Shivnath river

कोरबा: आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया. रोजगार गारंटी योजना के तहत अमृत सरोवर योजना लॉन्च की. इस योजना से कोरबा जिले में 121 अमृत सरोवर का निर्माण हुआ. अच्छी बारिश से प्रत्येक सरोवरों में 16 लाख 16 हजार क्यूबिक मीटर जल संरक्षण हुआ है. इसे देखते हुए रोजगार गारंटी के तहत अमृत सरोवर के तर्ज पर जिला पंचायत ने 97 नए जलाशयों के निर्माण करने की योजना बनाई है, जिसे शासन से स्वीकृति भी मिल चुका है.

Korba Amrit Sarovar
97 नए जलाशयों का निर्माण (ETV Bharat)

ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार: नए सरोवर के अस्तित्व में आने से जिले में इनकी संख्या 218 हो जाएगी. नए सरोवर के निर्माण से ग्रामीणों को एक तरफ जहां रोजगार मिलेगा. वहीं दूसरी ओर 16 हजार किसानों के 7,900 हेक्टेयर कृषि रकबा को सिंचाई की सुविधा भी मिलेगी.

Korba Amrit Sarovar
नए जलाशयों का होगा निर्माण (ETV Bharat)

सिंचाई का क्षेत्र भी बढ़ेगा: कोरबा में पिछले 2 सालों में तलाब निर्माण में 88 हजार मजदूरों को रोजगार मिला है. नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही अब मजदूरी की दर 243 रुपए हो गई है.अमृत सरोवर योजना के तहत गांव लेपरा, तानाखार, कापूबहरा, नगोई, मांगामार, लबेद, रंजना देवलापाठ में प्रति सरोवर 1,600 क्यूबिक मीटर जल संरक्षण बढ़ने से सिंचाई के अलावा निस्तारी सुविधा भी मिल रही है.अब 97 अतिरिक्त जलाशय के निर्माण से जल संरक्षण की क्षमता में अतिरिक्त वृद्धि के साथ सिंचाई का रकबा भी बढ़ेगा.

Korba Amrit Sarovar
कोरबा के अमृत सरोवर से 97 नए जलाशयों का होगा निर्माण (ETV Bharat)

इस तरह के लक्ष्यों को साधने की योजना:नए सरोवर के निर्माण के पहले जिला पंचायत में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिसके अनुसार सरोवर बनने से 2800 हेक्टेयर रकबा की मिट्टी क्षरण रुकेगा. 6.47 लाख क्यूबिक मीटर भूमिगत जल स्त्रोत संरक्षित होगा. इससे आसपास के कुएं, हैंडपंप सहित अन्य जल स्त्रोत भी संरक्षित होंगे. बड़े पैमाने पर ग्राउंड वाटर लेवल रिचार्ज होगा.जल संरक्षण से कृषि रकबा में भी विस्तार होगा. धान के अलावा ग्रीष्म फसल में गेहूं, दहलन व तिलहन का भी पैदावार ले सकेंगे. जलाशय के लिए ऐसे स्थानों का चिन्हाकन किया गया है. जहां वर्षा जल संरक्षण से न केवल किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी बल्कि निस्तारी सुविधा की भी मिलेगी.

Korba Amrit Sarovar
97 नए जलाशयों का होगा निर्माण (ETV Bharat)

"जिले में अमृत सरोवर मिशन के तहत अब तक 121 सरोवरों का निर्माण किया गया है.जल संरक्षण के लिए 97 और स्थानों में भी सरोवर के लिए स्थल चिन्हित किया गया है. वर्षा जल संरक्षण से किसानों के खेतों में सिंचित रकबा में विस्तार होगा. मनरेगा से ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा. मानसून के बाद नए सरोवरों का निर्माण होगा." -प्रतिष्ठा मामगाई, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत

जिले में सिंचाई रकबा काफी कम: छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा बांध कोरबा जिले में मौजूद है. मिनीमाता बांगो परियोजना से जो नहर निकलते हैं. वह सीधे जांजगीर और रायगढ़ जिलों की तरफ चले जाते हैं. कोरबा का सिंचित रकबा महज 10 से 12 फीसदी है, जिसके कारण जिले के किसानों के खेत प्यासे ही रह जाते हैं. अच्छी बरसात नहीं होने पर खेतों में अच्छी पैदावार नहीं हो पाती. जिला पंचायत की जलाशय निर्माण वाली योजना से सिंचित रकबा बढ़ेगा और किसानों के खेतों के प्यास भी बुझेगी. कई बार रोजगार गारंटी से तालाब गहरीकरण, तालाब निर्माण के काम तो होते हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं भर पाता. कई बार तालाब के निर्माण सिर्फ कागजों पर ही हो पाते हैं, इसलिए जलाशय का निर्माण हो और इसमें पानी भर जाए, तब यह एक मल्टीपरपज परियोजना की तरह काम करेगा.

फैक्ट फाइल:

121सरोवर का निर्माण पूर्ण
88हजार मजदूरों को मिला रोजगार
97नये सरोवर को मिली है स्वीकृति
16लाख रूपये प्रत्येक सरोवर की होगी लागत
16,1600क्यूबिक मीटर प्रति सरोवर जल संरक्षण में वृद्धि का लक्ष्य
6.47लाख क्यूबिक मीटर भूमिगत जल स्त्रोत होगा संरक्षित
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कांकेर में जलाशय के बांध में दरार तीन दिन बाद भी नहीं भरा, दहशत में तीन गांवों के लोग - Kanker crack dam not filled
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