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आमेर में हाथी सवारी करना होगा महंगा, दरों में 1400 रुपए की बढ़ोतरी, इस दिन से लागू होंगी नई दरें - elephant ride charges increased

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 3, 2024, 5:23 PM IST

जयपुर स्थित आमेर महल में हाथी सवारी के लिए अब पर्यटकों को ज्यादा चार्ज देना पड़ेगा. हाथी सवारी की दर को अब 1100 से बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया गया है. नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी.

elephant ride charges increased
हाथी सवारी की दरों में बढ़ोतरी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. आमेर महल में हाथी सवारी की दरों में 12 साल बाद बढ़ोतरी की गई है. लंबे समय से हाथी पालक दरों में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे थे. पुरातत्व विभाग की ओर से हाथी सवारी की दरों में 1400 रुपए की वृद्धि की गई है. पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉ पंकज धरेंद्र की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब हाथी सवारी की दरें सीधे 1100 से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति पर्यटक हो गई हैं. नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी.

डॉ पंकज धरेंद्र के मुताबिक हाथी सवारी की नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी. आमेर महल में अभी हाथी सवारी के प्रति पर्यटक 1100 रुपए देने होते हैं. इसे बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति पर्यटक किया गया है. हाथी सवारी के लिए प्रति पर्यटक 1400 रुपए की वृद्धि की गई है. हाथी सवारी की नई दरें लागू होने के बाद हाथी मालिक को 2100 रुपए मिलेंगे. वहीं यात्रा अभिकर्ता 180 रुपए, हाथी प्रवेश शुल्क 80 रुपए, हाथी स्थल सफाई शुल्क 40 रुपए, हाथी कल्याण कोष 30 रुपए और हाथी गांव विकास कोष 70 रुपए रहेगा. अब 5 साल बाद हाथी सवारी की दरों में की गई वृद्धि की समीक्षा की जाएगी.

पढ़ें: संकट हाथी का साथी : हाथी गांव योजना की हालत खस्ता...खड़े हाथी पर भी रोजाना 2000 का खर्च, पालकों-महावतों पर संकट

पुरानी दरों के हिसाब से हाथी मलिक को 850 रुपए मिल रहे हैं. वहीं यात्रा अभिकर्ता 90 रुपए, हाथी प्रवेश शुल्क 50 रुपए, हाथी स्थल सफाई शुल्क 20 रुपए, हाथी कल्याण कोष 30 रुपए और हाथी गांव विकास कोष 60 रुपए है. आमेर महल में हाथी सवारी के शुल्क में वृद्धि को लेकर 26 जून को पुरातत्व विभाग की ओर से बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें पुरातत्व विभाग, पर्यटन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों के साथ टूर एंड ट्रेवल्स ट्रेड और हाथी मालिक शामिल हुए थे. बैठक में हाथी सवारी की दरों में वृद्धि को लेकर चर्चा हुई थी.

पढ़ें: हाथी गांव के 20 हाथियों पर सवारी बैन, वन विभाग ने पुरातत्व और संग्रहालय विभाग को दिए आदेश

हाथी सवारी की दरों में दोगुनी से भी अधिक वृद्धि से जहां हाथी मालिकों में खुशी का माहौल है, वहीं पर्यटकों में मायूसी है. हाथी सवारी की दोगुनी दरों से हाथी सवारी के इच्छुक पर्यटकों की संख्या घटने की भी आशंका है. खासकर देशी पर्यटक 30 मिनट की हाथी सवारी के लिए शायद ही 2500 रुपए खर्च करें. पर्यटन और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने मिलकर सीधे 1400 रुपये की बढ़ोतरी कर दी. हाथी सवारी के दरों में बढ़ोतरी होने से अगर हाथी सवारी के इच्छुक पर्यटकों की संख्या कम हुई, तो पुरातत्व विभाग के राजस्व में भी कमी आएगी.

जयपुर. आमेर महल में हाथी सवारी की दरों में 12 साल बाद बढ़ोतरी की गई है. लंबे समय से हाथी पालक दरों में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे थे. पुरातत्व विभाग की ओर से हाथी सवारी की दरों में 1400 रुपए की वृद्धि की गई है. पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉ पंकज धरेंद्र की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब हाथी सवारी की दरें सीधे 1100 से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति पर्यटक हो गई हैं. नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी.

डॉ पंकज धरेंद्र के मुताबिक हाथी सवारी की नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी. आमेर महल में अभी हाथी सवारी के प्रति पर्यटक 1100 रुपए देने होते हैं. इसे बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति पर्यटक किया गया है. हाथी सवारी के लिए प्रति पर्यटक 1400 रुपए की वृद्धि की गई है. हाथी सवारी की नई दरें लागू होने के बाद हाथी मालिक को 2100 रुपए मिलेंगे. वहीं यात्रा अभिकर्ता 180 रुपए, हाथी प्रवेश शुल्क 80 रुपए, हाथी स्थल सफाई शुल्क 40 रुपए, हाथी कल्याण कोष 30 रुपए और हाथी गांव विकास कोष 70 रुपए रहेगा. अब 5 साल बाद हाथी सवारी की दरों में की गई वृद्धि की समीक्षा की जाएगी.

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पुरानी दरों के हिसाब से हाथी मलिक को 850 रुपए मिल रहे हैं. वहीं यात्रा अभिकर्ता 90 रुपए, हाथी प्रवेश शुल्क 50 रुपए, हाथी स्थल सफाई शुल्क 20 रुपए, हाथी कल्याण कोष 30 रुपए और हाथी गांव विकास कोष 60 रुपए है. आमेर महल में हाथी सवारी के शुल्क में वृद्धि को लेकर 26 जून को पुरातत्व विभाग की ओर से बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें पुरातत्व विभाग, पर्यटन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों के साथ टूर एंड ट्रेवल्स ट्रेड और हाथी मालिक शामिल हुए थे. बैठक में हाथी सवारी की दरों में वृद्धि को लेकर चर्चा हुई थी.

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हाथी सवारी की दरों में दोगुनी से भी अधिक वृद्धि से जहां हाथी मालिकों में खुशी का माहौल है, वहीं पर्यटकों में मायूसी है. हाथी सवारी की दोगुनी दरों से हाथी सवारी के इच्छुक पर्यटकों की संख्या घटने की भी आशंका है. खासकर देशी पर्यटक 30 मिनट की हाथी सवारी के लिए शायद ही 2500 रुपए खर्च करें. पर्यटन और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने मिलकर सीधे 1400 रुपये की बढ़ोतरी कर दी. हाथी सवारी के दरों में बढ़ोतरी होने से अगर हाथी सवारी के इच्छुक पर्यटकों की संख्या कम हुई, तो पुरातत्व विभाग के राजस्व में भी कमी आएगी.

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