ETV Bharat / state

फ्री में वेयरहाउस ले ले सरकार, पर MSP पर नहीं खरीद पाएंगे धान, वेयरहाउस मालिकों ने किए हाथ खड़े - NEW CONTROVERSY ON DHAN MSP

सरकार और वेयरहाउस मालिकों के बीच असहमति से किसानों पर संकट के बादल, नहीं खरीदी जा रही धान, किसान परेशान

JABALPUR WAREHOUSE OWNERS ON DHAN
एमएसपी पर धान खरीदने से वेयरहाउस संचालकों का इनकार (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 10, 2024, 12:39 PM IST

जबलपुर : मध्य प्रदेश में 2 दिसंबर से 20 जनवरी तक धान खरीदी की जानी है और इसे लेकर तैयारी भी पूरी हो गई लेकिन धान खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. धान खरीदी केंद्रो के बाहर बड़े पैमाने पर धान पहुंच भी गई है लेकिन वेयरहाउस मलिक धान खरीदी करने को तैयार नहीं हैं. वेयरहाउस मालिकों को कहना है कि धान खरीदने में और उसके भंडार में उन्हें घाटा लग रहा है. धान बहुत अधिक सूखती है और इसका पैसा उन्हें जब से देना पड़ता है.

मुफ्त में वेयरहाउस देने को तैयार, पर खरीदी नहीं

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि भारत सरकार की धानी की सूख को लेकर स्पष्ट नीति है इसलिए इस नीति के तहत ही धान खरीदी की जा सकती है. हालांकि, वेयरहाउस मालिकों का कहना है कि सरकार को वे मुफ्त में वेयरहाउस दे देंगे लेकिन धान खरीदी नहीं करेंगे. वेयर हाउस संगठन के अध्यक्ष सतीश शर्मा ने बताया, '' इस विषय में जबलपुर जिला प्रशासन के साथ बैठक हुई लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई. वेयरहाउस के मालिकों का कहना है कि यदि सरकार धान खरीदी करना चाहती है तो वह अपने वेयरहाउस मुफ्त में सरकार को देने को तैयार है लेकिन वह धान खरीदी नहीं कर पाएंगे. धान एक ऐसा अनाज है जिसमें बहुत अधिक सूख आती है.''

सरकार और वेयरहाउस मालिकों के बीच असहमति (Etv Bharat)

क्या है धान सूख का गणित?

उदाहरण के तौर पर जैसे किसी वेयरहाउस मालिक ने 100 किलो धान खरीदी और इसमें यदि नमी बहुत अधिक हुई तो सूखने के बाद इसका वजन 10 किलो तक घट सकता है यानी 10 प्रतिशत तक का नुकसान. जबकि सरकार केवल 2 प्रतिशत सूख ही घटाती है. यानी यदि सरकार ने वेयरहाउस में 100 किलो धान रखवाई है तो वह 98 किलो तक वापस लेगी. यदि सूख इसके नीचे जाती है, तो वह पैसा वेयरहाउस मलिक को अपने जेब से देना होगा. सतीश शर्मा का कहना है कि वे बीते सालों में 5 से 10 लाख रुपए तक जेब से दे चुके हैं इसलिए सरकार की नीति के अनुसार वे धान खरीदी नहीं कर सकते.

jabalpur warehouse owners on dhan
मध्य प्रदेश में 2 दिसंबर से 20 जनवरी तक धान खरीदी की जानी है (Etv Bharat)

सरकार और वेयरहाउस मालिकों के बीच असहमति

वहीं दूसरी तरफ जबलपुर जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए एक वेयरहाउस मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है. कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि उनकी वेयरहाउस संगठन के साथ बैठक सकारात्मक रही है. वेयरहाउस मालिकों के पुराने बकाया पैसे दिए जाएंगे लेकिन सूख को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया. किसान अपनी धान लेकर खरीदी केंद्र पर पहुंच गया है लेकिन वह ज्यादा इंतजार नहीं कर पाएगा. यदि सरकार और वेयरहाउस संचालकों के बीच में कोई सहमति नहीं बनी तो किसान इस धान को बाजार में कम दाम में बेच देगा क्योंकि किसान को रवि सीजन की फसल में लागत लगानी है.

MSP में नहीं खरीदी जाएगी धान?

जबलपुर में लगभग 1000 करोड़ रुपए की धान खरीदी हर साल होती है. किसान भी इसी उम्मीद में बैठा है कि सरकार उसकी धान खरीदेगी. इस साल धान खरीदी ₹2300 प्रति क्विंटल के MSP पर खरीदी जानी है लेकिन वेयरहाउस मालिकों और सरकार के बीच का गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आ रहा.

जबलपुर : मध्य प्रदेश में 2 दिसंबर से 20 जनवरी तक धान खरीदी की जानी है और इसे लेकर तैयारी भी पूरी हो गई लेकिन धान खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. धान खरीदी केंद्रो के बाहर बड़े पैमाने पर धान पहुंच भी गई है लेकिन वेयरहाउस मलिक धान खरीदी करने को तैयार नहीं हैं. वेयरहाउस मालिकों को कहना है कि धान खरीदने में और उसके भंडार में उन्हें घाटा लग रहा है. धान बहुत अधिक सूखती है और इसका पैसा उन्हें जब से देना पड़ता है.

मुफ्त में वेयरहाउस देने को तैयार, पर खरीदी नहीं

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि भारत सरकार की धानी की सूख को लेकर स्पष्ट नीति है इसलिए इस नीति के तहत ही धान खरीदी की जा सकती है. हालांकि, वेयरहाउस मालिकों का कहना है कि सरकार को वे मुफ्त में वेयरहाउस दे देंगे लेकिन धान खरीदी नहीं करेंगे. वेयर हाउस संगठन के अध्यक्ष सतीश शर्मा ने बताया, '' इस विषय में जबलपुर जिला प्रशासन के साथ बैठक हुई लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई. वेयरहाउस के मालिकों का कहना है कि यदि सरकार धान खरीदी करना चाहती है तो वह अपने वेयरहाउस मुफ्त में सरकार को देने को तैयार है लेकिन वह धान खरीदी नहीं कर पाएंगे. धान एक ऐसा अनाज है जिसमें बहुत अधिक सूख आती है.''

सरकार और वेयरहाउस मालिकों के बीच असहमति (Etv Bharat)

क्या है धान सूख का गणित?

उदाहरण के तौर पर जैसे किसी वेयरहाउस मालिक ने 100 किलो धान खरीदी और इसमें यदि नमी बहुत अधिक हुई तो सूखने के बाद इसका वजन 10 किलो तक घट सकता है यानी 10 प्रतिशत तक का नुकसान. जबकि सरकार केवल 2 प्रतिशत सूख ही घटाती है. यानी यदि सरकार ने वेयरहाउस में 100 किलो धान रखवाई है तो वह 98 किलो तक वापस लेगी. यदि सूख इसके नीचे जाती है, तो वह पैसा वेयरहाउस मलिक को अपने जेब से देना होगा. सतीश शर्मा का कहना है कि वे बीते सालों में 5 से 10 लाख रुपए तक जेब से दे चुके हैं इसलिए सरकार की नीति के अनुसार वे धान खरीदी नहीं कर सकते.

jabalpur warehouse owners on dhan
मध्य प्रदेश में 2 दिसंबर से 20 जनवरी तक धान खरीदी की जानी है (Etv Bharat)

सरकार और वेयरहाउस मालिकों के बीच असहमति

वहीं दूसरी तरफ जबलपुर जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए एक वेयरहाउस मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है. कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि उनकी वेयरहाउस संगठन के साथ बैठक सकारात्मक रही है. वेयरहाउस मालिकों के पुराने बकाया पैसे दिए जाएंगे लेकिन सूख को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया. किसान अपनी धान लेकर खरीदी केंद्र पर पहुंच गया है लेकिन वह ज्यादा इंतजार नहीं कर पाएगा. यदि सरकार और वेयरहाउस संचालकों के बीच में कोई सहमति नहीं बनी तो किसान इस धान को बाजार में कम दाम में बेच देगा क्योंकि किसान को रवि सीजन की फसल में लागत लगानी है.

MSP में नहीं खरीदी जाएगी धान?

जबलपुर में लगभग 1000 करोड़ रुपए की धान खरीदी हर साल होती है. किसान भी इसी उम्मीद में बैठा है कि सरकार उसकी धान खरीदेगी. इस साल धान खरीदी ₹2300 प्रति क्विंटल के MSP पर खरीदी जानी है लेकिन वेयरहाउस मालिकों और सरकार के बीच का गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आ रहा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.