बीजापुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में फोर्स ने अपनी दखलांदाजी बढ़ाई है. पुलिस ने उन क्षेत्रों में कैंप स्थापित किए हैं जहां जाना पहले कभी मुमकिन ना था. सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शुमार सिलगेर में भी सड़क का निर्माण हुआ है. जो बीजापुर जिले से 70 किलोमीटर और आवापल्ली (उसूर) ब्लॉक से 40 किलोमीटर दूर है. इस क्षेत्र में नक्सली की दखलंदाजी के कारण जनता को बुनियादी सुविधाओं को मोहताज होना पड़ रहा था. लेकिन अब इस गांव की दशा और दिशा बदलने लगी है.
सिलेगर में कड़ी सुरक्षा के बीच विकास के काम : सुरक्षाबलों के कैंप के कारण इस क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है. सुरक्षाबलों की निगरानी में इस क्षेत्र में सड़क का निर्माण हुआ है. जिससे ये क्षेत्र अब तेजी से विकसित हो रहा है.छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के सीमावर्ती जिला सुकमा जिले का सिलेगर पिछले चार साल से सुर्खियों में है.इसी जगह पर कैंप स्थापना के दौरान फायरिंग में दो लोगों की मौत हुई थी. जिसे लेकर ग्रामीण आज भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.इन सब के बावजूद फोर्स और प्रशासन ने क्षेत्र का विकास करने में जरा सी भी देरी नहीं की.
पहुंच विहिन गांवों तक बिछ रहा सड़क का जाल : आपको बता दें कि नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सड़कों का निर्माण किया जाना चुनौतियों से भरा है. इसके बाद भी कोडोली,नेलनसार और गंगालूर तक सड़क निर्माण का कार्य प्राथमिकता से कराए जा रहे हैं. इन क्षेत्रों में नक्सली भोले भाले ग्रामीणों को मोहरा बना कर सड़क निर्माण का विरोध करते हैं.इसी वजह से बेचापाल के पास सड़क निर्माण का काम रुक गया था.लेकिन अब एक बार फिर इन इलाकों में सड़क निर्माण शुरु हो चुका है.