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आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की जान से खिलवाड़,जर्जर मकान में पढ़ाई और भोजन की व्यवस्था,कभी भी हो सकता है हादसा - Negligence in Anganwadi center

NEGLIGENCE IN ANGANWADI CENTER कोरिया जिले में आज भी कई आंगनबाड़ी केंद्र हैं जो कच्चे मकान में संचालित हो रहे हैं.ईटीवी भारत ने ऐसे ही आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लिया.

Anganwadi center of Koriya
आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की जान से खिलवाड़ (Etv Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 2, 2024, 7:57 PM IST

कोरिया : कोरिया में नौनिहाल के लिए किए जा रहे विकास के दावे कितने सच्चे हैं.इसकी एक बानगी ग्राम पंचायत धौराटिकुरा में देखने को मिली.जहां जर्जर और कच्चे मकान में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जा रहा है.इस जिले की बात करें तो यहां 655 आंगनबाड़ी केंद्र है.लेकिन इनमें 20 आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है.उन्हीं आंगनबाड़ी केंद्रों में से एक धौराटिकुरा में बना केंद्र भी है.इस केंद्र के पास खुद का पक्का भवन भी नहीं है.हैरानी की बात ये है कि प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े कोरिया विधानसभा क्षेत्र की ही बेटी हैं.लेकिन उनके खुद के घर में आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है.


ईटीवी भारत ने आंगनबाड़ी केंद्र का किया दौरा : ईटीवी भारत ने जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र की हालत को अपने कैमरे में कैद किया जहां कोरिया जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पंचायत धौराटिकुरा के दो आंगनबाड़ी केंद्र है.ये केंद्र दो कच्चे कमरों में संचालित हो रहा है. पहला आंगनबाड़ी केंद्र कोरिया सेक्टर के धौराटिकुरा में है.जो पिछले सात साल से संचालित है.इस आंगनबाड़ी केंद्र में 17 बच्चे पढ़ाई करने आते हैं.इस आंगनबाड़ी केंद्र की हालत खस्ता है.इस केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद भी खाली है. ये केंद्र सहायिका के भरोसे संचालित हो रहा है. पास के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को धौराटिकुरा केंद्र का प्रभार दिया गया है. ताकि सरकारी डेटा मासिक रिपोर्ट की जानकारी बनकर हर महीने सबमिट हो सके.

Anganwadi center of Koriya
थोड़ी सी जगह में बच्चों के लिए खेलने की जगह (Etv Bharat Chhattisgarh)


जर्जर जगह पर बनता है मध्यान्ह भोजन : धौराटिकुरा आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए पौष्टिक गर्म भोजन कामचलाऊ छत के नीचे बनता है. छत लकड़ी, खपरैल और टीन के चादर से बनी है. जिससे लकड़ियां सड़कर बच्चों के खाने में भी गिरते हैं. इस छत पर कीड़े और दूसरे जीव भी बच्चों के खाने में भोजन पकाते समय गिर सकते हैं.लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता.यदि ऐसा किसी दिन हुआ तो समझिए कितने बच्चों की जान पर आफत आ जाएगी. आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए प्रशासन ने खेलने,खाने और शिक्षा की व्यवस्था की है. नाश्ता,गर्म भोजन के साथ-साथ खेल सामग्री उपलब्ध होती है. लेकिन इस आंगनबाड़ी में ऐसा कुछ नहीं है.

Anganwadi center of Koriya
काम चलाऊ छत के नीचे पकता है भोजन (Etv Bharat Chhattisgarh)
जर्जर आंगनबाड़ी में टीकाकरण का होता है काम : आपको बता दें कि इस आंगनबाड़ी केंद्र के छोटे से कच्चे मकान के अंदर ही बड़ा सरकारी काम भी होता है.ये काम है गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का.तपती गर्मी,बारिश और ठंड ये तीनों मौसम में नर्सिंग स्टाफ समय पर इस आंगनबाड़ी केंद्र में आता है और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करता है. यही नहीं आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को गर्म पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है. ताकि स्वथ्य बच्चे का जन्म हो सके.लेकिन जिस तरह से खुले में खाना बन रहा है,उससे गर्भवती महिलाएं भी अछूती नहीं रह सकती.



आंगनबाड़ी का भवन नहीं बना है पूरा : वहीं दूसरे आंगनबाड़ी केंद्र बाहर से बंद था.लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र के मकान की हालत तो पहले वाले से कुछ हद तक बेहतर नजर आई.लेकिन सवाल ये उठता है कि 2 साल से आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल पारा धौराटिकुरा वार्ड नंबर 7 का पक्का भवन बन चुका है.लेकिन इसे हैंडओव्हर क्यों नहीं किया गया.वहीं कार्यकर्ता ने फोन पर बताया कि नए आंगनबाड़ी भवन का निर्माण तो हो गया है.लेकिन किचन और शौचालय नहीं बना है.इसलिए अफसर हैंडओव्हर नहीं लिए हैं.इस मामले पर कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लहंगे का कहना है कि महिला बाल विकास अधिकारी से टीएल मीटिंग में चर्चा हुई है. जितने भी ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र है जो निजी भवन में संचालित हो रहे हैं उनकी सूची तैयार कर लें. साथ ही तहसीलदार को निर्देशित किया गया है कि वे भवन निर्माण के लिए जगह का चयन कर लें.

आपको बता दें मामला सामने आने के बाद भले ही अफसरों से रिपोर्ट मंगवाकर काम करने की बात कही जा रही है.लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों का ब्यौरा हर माह अफसरों के पास से कलेक्टर के पास जाता है.ऐसे में अब तक कलेक्टर का ध्यान इस ओर क्यों नहीं गया ये सोचने वाली बात है.

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कोरिया : कोरिया में नौनिहाल के लिए किए जा रहे विकास के दावे कितने सच्चे हैं.इसकी एक बानगी ग्राम पंचायत धौराटिकुरा में देखने को मिली.जहां जर्जर और कच्चे मकान में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जा रहा है.इस जिले की बात करें तो यहां 655 आंगनबाड़ी केंद्र है.लेकिन इनमें 20 आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है.उन्हीं आंगनबाड़ी केंद्रों में से एक धौराटिकुरा में बना केंद्र भी है.इस केंद्र के पास खुद का पक्का भवन भी नहीं है.हैरानी की बात ये है कि प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े कोरिया विधानसभा क्षेत्र की ही बेटी हैं.लेकिन उनके खुद के घर में आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है.


ईटीवी भारत ने आंगनबाड़ी केंद्र का किया दौरा : ईटीवी भारत ने जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र की हालत को अपने कैमरे में कैद किया जहां कोरिया जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पंचायत धौराटिकुरा के दो आंगनबाड़ी केंद्र है.ये केंद्र दो कच्चे कमरों में संचालित हो रहा है. पहला आंगनबाड़ी केंद्र कोरिया सेक्टर के धौराटिकुरा में है.जो पिछले सात साल से संचालित है.इस आंगनबाड़ी केंद्र में 17 बच्चे पढ़ाई करने आते हैं.इस आंगनबाड़ी केंद्र की हालत खस्ता है.इस केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद भी खाली है. ये केंद्र सहायिका के भरोसे संचालित हो रहा है. पास के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को धौराटिकुरा केंद्र का प्रभार दिया गया है. ताकि सरकारी डेटा मासिक रिपोर्ट की जानकारी बनकर हर महीने सबमिट हो सके.

Anganwadi center of Koriya
थोड़ी सी जगह में बच्चों के लिए खेलने की जगह (Etv Bharat Chhattisgarh)


जर्जर जगह पर बनता है मध्यान्ह भोजन : धौराटिकुरा आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए पौष्टिक गर्म भोजन कामचलाऊ छत के नीचे बनता है. छत लकड़ी, खपरैल और टीन के चादर से बनी है. जिससे लकड़ियां सड़कर बच्चों के खाने में भी गिरते हैं. इस छत पर कीड़े और दूसरे जीव भी बच्चों के खाने में भोजन पकाते समय गिर सकते हैं.लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता.यदि ऐसा किसी दिन हुआ तो समझिए कितने बच्चों की जान पर आफत आ जाएगी. आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए प्रशासन ने खेलने,खाने और शिक्षा की व्यवस्था की है. नाश्ता,गर्म भोजन के साथ-साथ खेल सामग्री उपलब्ध होती है. लेकिन इस आंगनबाड़ी में ऐसा कुछ नहीं है.

Anganwadi center of Koriya
काम चलाऊ छत के नीचे पकता है भोजन (Etv Bharat Chhattisgarh)
जर्जर आंगनबाड़ी में टीकाकरण का होता है काम : आपको बता दें कि इस आंगनबाड़ी केंद्र के छोटे से कच्चे मकान के अंदर ही बड़ा सरकारी काम भी होता है.ये काम है गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का.तपती गर्मी,बारिश और ठंड ये तीनों मौसम में नर्सिंग स्टाफ समय पर इस आंगनबाड़ी केंद्र में आता है और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करता है. यही नहीं आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को गर्म पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है. ताकि स्वथ्य बच्चे का जन्म हो सके.लेकिन जिस तरह से खुले में खाना बन रहा है,उससे गर्भवती महिलाएं भी अछूती नहीं रह सकती.



आंगनबाड़ी का भवन नहीं बना है पूरा : वहीं दूसरे आंगनबाड़ी केंद्र बाहर से बंद था.लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र के मकान की हालत तो पहले वाले से कुछ हद तक बेहतर नजर आई.लेकिन सवाल ये उठता है कि 2 साल से आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल पारा धौराटिकुरा वार्ड नंबर 7 का पक्का भवन बन चुका है.लेकिन इसे हैंडओव्हर क्यों नहीं किया गया.वहीं कार्यकर्ता ने फोन पर बताया कि नए आंगनबाड़ी भवन का निर्माण तो हो गया है.लेकिन किचन और शौचालय नहीं बना है.इसलिए अफसर हैंडओव्हर नहीं लिए हैं.इस मामले पर कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लहंगे का कहना है कि महिला बाल विकास अधिकारी से टीएल मीटिंग में चर्चा हुई है. जितने भी ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र है जो निजी भवन में संचालित हो रहे हैं उनकी सूची तैयार कर लें. साथ ही तहसीलदार को निर्देशित किया गया है कि वे भवन निर्माण के लिए जगह का चयन कर लें.

आपको बता दें मामला सामने आने के बाद भले ही अफसरों से रिपोर्ट मंगवाकर काम करने की बात कही जा रही है.लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों का ब्यौरा हर माह अफसरों के पास से कलेक्टर के पास जाता है.ऐसे में अब तक कलेक्टर का ध्यान इस ओर क्यों नहीं गया ये सोचने वाली बात है.

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