कोटा. नीट यूजी 2024 परीक्षा पिछले कई दिनों से सुर्खियों में हैं. आज एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, उन 1563 कैंडिडेट की दोबारा परीक्षा करवाई जाएगी. यह परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी और इसका रिजल्ट 30 जून को आएगा.
इसके बावजूद परीक्षा में गड़बड़झाले और पेपर लीक का आरोप लगाने वाले शिक्षाविद और कैंडिडेट मानने को तैयार नहीं है. इन सब की मांग है कि परीक्षा दोबारा होनी चाहिए. वे इस मामले में अपने अलग-अलग तर्क रख रहे हैं. उनका कहना है कि रैंक व अंक में इतना अंतर एक साथ नहीं आ सकता. इसके अलावा एक साथ इतने टॉपर्स भी नहीं आ सकते हैं. नीट यूजी के आयोजन में गड़बड़ी के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट में 20,000 कैंडीडेट्स की तरफ से जनहित याचिका दायर करने वाले कोटा के मोशन कोचिंग संस्थान के सीईओ नितिन विजय का कहना है कि नीट यूजी में बड़े स्तर पर अनियमितता हुई है. पुलिस जांच में सामने आया है कि पेपर लीक भी हुआ है. ऐसे में री-नीट परीक्षा ही होनी चाहिए.
नॉन डिजर्विंग कैंडीडेट्स को होगा फायदा : नितिन विजय का कहना है कि एनटीए का जारी किया गया डाटा ही अपने आप में बता देगा कि इस बार चीटिंग हुई है. यही रिजल्ट बना रहा, तो डॉक्टर नहीं बनने लायक 20 से 25 हजार कैंडिडेट एमबीबीएस में एडमिशन ले लेंगे, जबकि डॉक्टर बनने के लिए डिजर्व करने वाले 20 से 25 हजार बच्चे रह जाएंगे. यह बहुत बड़ी हानि स्वास्थ्य व्यवस्था की है.
नीट परीक्षा देने वाले अलवर के राहुल का कहना है कि उसके पिता ड्राइवर हैं और उसकी अच्छी पढ़ाई की वजह से ही कोटा उसे भेजा गया था. इस बार उसके 590 नंबर आए हैं और इस बार उसे उम्मीद थी कि उसे कॉलेज मिल जाएगा, लेकिन इस बार पेपर लीक और गड़बड़ी की वजह से रैंक इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब उसको मेडिकल कॉलेज नहीं मिल पाएगा. यह उसके साथ धोखा हुआ है. राहुल का कहना है कि करीब 50,000 के आसपास कैंडिडेट की गलत एंट्री की वजह से गड़बड़झाला हुआ है. इसलिए री नीट की परीक्षा होनी चाहिए, क्योंकि ईमानदारी से पढ़कर 600 से 640 के बीच रैंक लाने वाले कैंडिडेट के साथ धोखा हुआ है. दोबारा एग्जाम होगा, तो ट्रांसपेरेंसी आएगी. ऐसा नहीं होने पर मैं खुद अगले साल तैयारी नहीं कर पाऊंगा, मेरे पिता 4 से 5 लाख रुपए कोटा में रहने का खर्चा नहीं उठा सकते हैं.
इतनी रैंक नहीं आ सकती : कोटा निवासी पूर्वा खंडेलवाल का कहना है कि "उनके 590 नंबर आए हैं और मुझे कुछ नहीं मिलेगा. पहले मेरे पेरेंट्स काफी खुश थे. अभी की स्थिति में सब दुखी हैं. मैं खुद डिमोटिवेट हो गई हूं. एनटीए की ट्रांसपेरेंसी पर पूरी तरह से सवालिया निशान लग गया है. इस सिस्टम पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इतना बड़ा स्कैम किस तरह से हो गया. सरकार को सोचना चाहिए. नीट यूजी एग्जाम में ऐसा भी नहीं था कि इतने बच्चे 700 स्कोर कर पाएं. इतना भी आसान प्रश्न पत्र नहीं आता है. यह सब गड़बड़ी के चलते ही हुआ है.
जनहित याचिका दाखिल करने वाले नितिन विजय ने बताए यह 3 पॉइंट
- पहला ग्रेस मार्क्स हटाने चाहिए थे. यह किस बेसिस पर दिए गए. ग्रेस मार्क्स कैंडिडेट के हटा दिए हैं, लेकिन 23 जून को दोबारा एग्जाम होगा. एनटीए ने मान लिया कि टाइम लॉस हुआ है, लेकिन यह 1563 में कैंडिडेट वे हैं, जिन्होंने लीगल तरीके से शिकायत की थी, जिन्हें ही सही माना गया है, जबकि छोटी-छोटी कमियां तो बहुत सारी हैं, जहां पर टाइम लॉस हुआ है. ऐसे में उन कैंडिडेट को दोबारा एग्जामिनेशन देने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है. एनटीए को दोबारा एक विंडो खोलने चाहिए और कैंडिडेट से पूछना चाहिए कि किस तरह से टाइम लॉस हुआ है. जिन-जिन जगहों पर टाइम लॉस हुआ है, उन सब जगह पर भी री- नीट एग्जामिनेशन होना चाहिए.
- रैंक में जितनी अनियमितता हुई है, अगर ध्यान दें कि बीते साल 2023 में 600 नंबर पर 29,000 रैंक थी. इस बार 81,000 पहुंच गई. देश में इस बार इंटेलीजेंट बच्चे अचानक कैसे पैदा हो गए हैं, जबकि पेपर का डिफिकल्टी लेवल पिछले साल जैसा ही था. यह अंतर ग्रेस मार्क्स वाले 1563 कैंडीडेट से नहीं आ सकता है. इसे केवल 500 से 700 का गैप ही आता. यह अंतर चीटिंग और पेपर लीकेज की वजह से यह हुआ है.
- पटना में दर्ज हुई एफआईआर में लिखा हुआ है कि एक कैंडिडेट को रात में ही पेपर मिल गया था और वही पेपर दूसरे दिन एग्जाम में मिला, जबकि एनटीए ने यह पेपर पुलिस ने मांगा, तो अभी तक मुहैया नहीं करवाया गया है. इसी तरह की कंप्लेंट गुजरात में भी हुई है.
दोपहर 2:00 से 5:20 होगी परीक्षा : कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया नीट यूजी परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जारी कर दिया, जिसके 1563 कैंडिडेट की परीक्षा 23 जून को दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक आयोजित होगी. इस परीक्षा में बैठने वाले कैंडिडेट की मर्जी होगी कि वह इस एग्जाम में बैठे या नहीं. अगर वह इस एग्जाम में नहीं बैठता है, तो उसको बिना ग्रेस के दिए गए मार्क्स मानने होंगे. एग्जाम में बैठने पर उसके वर्तमान स्कोर कार्ड को रद्द कर दिया जाएगा. वहीं, 23 जून के बाद जारी होने वाले परिणामों का स्कोर कार्ड मान्य होगा.