नीमच: सायबर सेल व बघाना थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय ठग गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि कई फरार हैं. शुरुआती जांच में 119 खातों को फ्रीज किया गया है. इन खातों से एक माह में 4 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजैक्शन हुआ है. मुख्य आरोपी के तार दुबई से जुड़े हुए हैं.
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
दरअसल, पीयूष कुमार नाम के एक व्यक्ति ने बघाना थाने पर शिकायत दर्ज कराई थी. पीयूष ने बताया कि "करीब 3 महीन पहले उससे उसके परिचित निखिल राव व शुभम ने यह बोलकर बैंक में खाता खुलवाया कि निखिल की सिविल खराब है और उसे व्यवसाय के लिये लोन नहीं मिल रहा है. इसलिए तुम अपने नाम पर बैंक में खाता खुलवाकर उसकी पासबुक, एटीएम व खाते से लिंक की गई मोबाइल नंबर की सिम दे दो. परिचितों के कहने पर पीयूष ने यूको बैंक शाखा नीमच में खाता खुलवाया और बैंक से प्राप्त एटीएम, पासबुक और सिम निखिल को दे दिए."
पुलिस ने जयपुर और जोधपुर में मारा छापा
कुछ दिनों बाद पीयूष का खाता किसी एजेंसी के द्वारा होल्ड किया गया. इसके बाद पीयूष ने बैंक में जाकर संपर्क किया तो उसे पता चला कि उसके खाते से लाखों रुपए के फ्रॉड ट्रांजैक्शन हो रहे हैं. इसलिए खाता होल्ड किया गया है. जब पीयूष को निखिल और शुभम के द्वारा अवैध लेनदेन की शंका हुई तो उसने बघाना थाने में जाकर मामला दर्ज कराया. मामला दर्ज होते ही पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी में जुट गई. कुछ दिनों बाद पुलिस की टीम ने राजस्थान के जयपुर और जोधपुर में आरोपियों के ठिकाने पर छापा मारा.
दुबई में रहता है गिरोह का मास्टर माइंड
इस ठिकाने में आरोपी एक हॉस्टल बनाकर रह रहे थे. यहीं से इनका ऑफिस संचालित होता था. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने यहां से बड़ी मात्रा में गोरखधंधे से जुड़े सामान की बरामदगी की है. पूछताछ में सामने आया कि इस गिरोह का मास्टर माइंड प्रकाश शर्मा है जो कि जोधपुर का रहने वाला है और फिलहाल वह दुबई में रहकर गिरोह का संचालन कर रहा है. यह गिरोह ऐसे युवाओं को टारगेट करता था जो जल्द पैसा कमाना चाहते थे और कमीशन का लालच देकर लोगों से खाते खुलवाए जाते थे. जिनके खाते खुलवाए जाते थे, उन्हें भी पैसों का लालच दिया जाता था.
ये सामान पुलिस ने आरोपियों से किया बरामद
पुलिस ने इनके ठिकाने से नगद 11,18,610 रुपए, नोट गिनने की मशीन, 2 एटीएम स्वैप मशीन, 3 सीपीयू, 1 लैपटॉप, 28 मोबाइल, 44 एटीएम कार्ड, 11 पासबुक, 10 चेकबुक, 1 पासपोर्ट सहित हिसाब लिखे हुए रजिस्टर जब्त किए हैं. शनिवार शाम को नीमच पुलिस कंट्रोल रूम में एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर इस पूरे मामले की जानकारी दी गई है. गिरफ्तार 9 आरोपियों में एक बाल अपचारी शामिल है.
क्या-क्या करते थे गिरोह के सदस्य
- किप्टो ट्रेडिंग एप के माध्यम से आरोपियों के द्वारा करोड़ों रूपये के USDT (क्रिप्टो करेंसी) का लेनदेन किया गया.
- टेलीग्राम के माध्यम से यूएसडीटी खरीदने का प्रलोभन दिया जाता था.
- यूएसडीटी खरीदने के लिए आम लोगों से रुपए फर्जी खातों में जमा कराए जाते थे.
- आम लोगों को कमीशन व कुछ राशि का लालच देकर उनके नाम पर बैंकों में खाते खुलवाकर एटीएम, पासबुक, चेकबुक व सिम ले लेते थे.
- आरोपियों के द्वारा फर्जी खातों में स्थानातंरित राशि को एटीएम सहित अन्य माध्यमों से निकासी की जाती थी. इसके बाद उस रकम को पुन: छोटी-छोटी राशि के रूप में अन्य फर्जी खातों में जमा कराया जाता था.
- आरोपियों के द्वारा अवैध लेनदेन में उपयोग में लाए गए बैंक खातों को ऐजेंसी द्वारा पकड़ने जाने पर होल्ड या फ्रीज किए जाने पर उक्त बैंक खातों की पासबुक एटीएम सहित अन्य सामग्री को नष्ट कर दिया जाता था.
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एक महीने में होते थे करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन
मामले पर नीमच एसपी अंकित जायसवाल ने बताया, ''7 दिन की मेहनत में पुलिस की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. शुरुआती जांच में 119 खातों की फ्रीज किया गया है. इन खातों से एक माह में 4 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजैक्शन हुआ है. अभी अनुमान है कि 500 से अधिक खाता और सामने आ सकते हैं. जांच के दौरान कौन-कौन लोग और भी शामिल हैं और उनकी क्या-क्या भूमिका है इसकी जांच की जा रही है. शुरुआती जांच में सभी खाते मध्य प्रदेश और राजस्थान के हैं, जो अलग-अलग बैंकों के हैं. ये लोग इनवेस्टमेंट कंपनी चलाते थे. मामले की जांच जारी है.''