पटनाः एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2024 लोकसभा का चुनाव हैट्रिक है. बिहार में भी कुछ सीटें ऐसी हैं जो वर्तमान सांसदों के लिए हैट्रिक साबित होने वाली है. बीजेपी सरकार के लिए यह सीट उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी नरेंद्र मोदी के लिए प्रधानमंत्री बनना है.
तीसरी बार मैदान में उतरेंगे 12 सांसदः बिहार में 12 ऐसे व्यक्तिगत नेता हैं जो तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. इन लोकसभा सीटों में 9 भाजपा कोटे के सांसद हैं. दो जदयू कोटे के सांसद हैं. हालांकि यदि लोजपा रामविलास की तरफ से खगड़िया से महबूब अली कैसर को फिर से टिकट दे दिया जाता है तो वे भी तीसरी बार मैदान में उतरेंगे. महबूब अली कैसर को मिलाकर सांसदों की संख्या 12 हो जाएगी जो तीसरी बार मैदान में उतरेंगे.
बीजेपी के 9 सांसद शामिलः भाजपा के 9 सांसद जो 2014 और 2019 में जीत दर्ज कर चुके हैं. 2024 में भी उम्मीदवार बनाए गए हैं. इसमें पश्चिम चंपारण से संजय जयसवाल, पूर्वी चंपारण से राधा मोहन सिंह, अररिया से प्रदीप कुमार, महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, छपरा से राजीव प्रताप रूडी, उजियारपुर से नित्यानंद राय, पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव, आरा से आरके सिंह और औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह हैं जो तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे.
जदयू के दो और लोजपा के एकः जदयू में नालंदा से कौशलेंद्र कुमार 2014 और 2019 में चुनाव जीत चुके हैं. 2024 में भी जदयू ने उम्मीदवार बनाया है. संतोष कुशवाहा भी पूर्णिया से 2014 और 2019 में चुनाव जीत चुके हैं. 2024 में उम्मीदवार बनाए गए हैं. खगड़िया से महबूब अली कैसर 2014 और 2019 में लोजपा से चुनाव जीते थे. लोजपा के दो गुट होने पर यह सीट लोजपा रामविलास(चिराग गुट) को एनडीए ने दिया है. अगर इसबार भी महबूब अली कैसर को टिकट मिलता है तो ये भी हैट्रिक की लिस्ट में शामिल हो जाएंगे.
कई सीट पर एनडीए की हैट्रिकः 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार के चुनावी समीकरण बदले थे. बीजेपी ने जदयू से समझौता किया था. 17 -17 सीटों पर बंटवारा हुआ था. इसके बावजूद 11 ऐसी सीटें हैं जो एनडीए तीसरी बात फतह करने उतरेगी. इन सीटों पर उम्मीदवार जरूर बदले हैं. लेकिन सीटें बीजेपी और लोजपा के पास ही रही है.
उम्मीवार बदले लेकिन सीट भाजपा कोः भाजपा की हैट्रिक सीट की बात करें तो बक्सर में 2014 और 2019 अश्वनी चौबे यहां से जीते लेकिन इसबार 2024 में बक्सर से मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया गया है. सासाराम में छेदी पासवान दो टर्म से सांसद रहे हैं. इसबार शिवेश राम को टिकट मिला है. मधुबनी में 2024 में हुकुमदेव नारायण यादव और 2019 में अशोक यादव जीते थे. इसबार भी अशोक यादव को मौका दिया गया है.
कई नेता को दूसरी बार मिला मौकाः दरभंगा से 2014 में कीर्ति झा आजाद, 2019 में गोपाल जी ठाकुर सांसद रहे. इसबार 2024 में भी गोपाल जी ठाकुर को टिकट मिला. मुजफ्फरपुर से 2014 और 2019 में अजय निषाद लेकिन इस बार राज भूषण निषाद को टिकट दिया गया है. बेगूसराय से 2014 में भोला सिंह और 2019 में गिरिराज सिंह रहे. इसबार भी गिरिराज सिंह को मौका मिला है. पटना साहिब से 2014- शत्रुघ्न सिन्हा, 2019 में रविशंकर प्रसाद रहे. इसबार भी रविशंकर प्रसाद को टिकट मिला है.
लोजपा की हैट्रिक सीटः रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गया. पहला लोजपा रामविलास जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष चिरास पासवान हैं और दूसरा रालोसपा जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस हैं. हालांकि इसबार पशुपति पारस एनडीए से बाहर हैं. लोजपा कोटे से हैट्रिक सीट की बात करें तो हाजीपुर से 2014 में दिवगंत रामविलास पासवान, 2019 में पशुपति पारस लेकिन इसबार 2024 चिराग पासवान खुद यहां से चुनाव लड़ेंगे.
इसबार चिराग पासवान ने बदला सीटः समस्तीपुर से 2014 रामचंद्र पासवान, 2019 में प्रिंस राज पासवान सांसद का चुनाव जीते. 2024 में प्रिंस पासवान को चिरास पासवान टिकट दे सकते हैं. ऐसे में लोजपा रामविलास के लिए यह भी सीट हैट्रिक साबित होगी. जमुई से 2014 और 2019 में चिराग पासवान खुद सांसद रहे. इसबार हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में यहां से अरुण भारती को टिकट दिया गया है. वैशाली से 2014 में रामा किशोर सिंह, 2019 में वीणा सिंह हैं. 2024 में वीणा सिंह को टिकट मिलने की संभावना है. हाल में वीणा देवी पशुपति गुट से चिराग गुट में आ गई हैं.
प्रत्याशी बदले लेकिन सीट एनडीए के पासः कुछ सीटें ऐसी है जो घुमा फिरा कर एनडीए के पास ही रही है. कुछ सीट बंटवारे में इधर से उधर की गई लेकिन एनडीए के पास ही रही है. 2014 में एनडीए के साथ थी, 2019 में भी एनडीए के साथ रही और 2024 में भी भले प्रत्याशी बदलेंगे या दल बदले गए लेकिन एनडीए के तरफ से ही इन सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा.
तीनों चुनाव में एनडीए के पास रहने वाली सीट में काराकाट जहां से 2014 रालोसपा, 2019 में जदयू और 2024 में उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह जहानाबाद में 2014 रालोसपा, 2019 में जदयू और 2024 में जदयू को यह सीट मिली. गया 2014 में बीजेपी, 2019 में जदयू और 2024 में हम पार्टी के जीतन राम मांझी चुनाव लड़ेंगे.
कई सीटों का हेरफेरः सीतामढ़ी सीट की बात करें तो 2014 में रालोसपा, 2019 में जदयू और 2024 में भी जदयू चुनाव लड़ेगी. नवादा से 2014 और 2019 में लोजपा और 2024 में बीजेपी उम्मीदवार उतारी है. शिवहर में 2014 और 2019 में बीजेपी लेकिन 2024 में जदयू उम्मीदवार उतारेगी. जदयू ने यहां से बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को यहां से टिकट दिया है.
युवा और अनुभवी नेता मैदान मेंः बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं कि इसबार मोदी की सरकार हैट्रिक मारने वाली है. जो उम्मीदवार तीसरी बार मैदान में आ रहे हैं वो अनुभवी लोग है. गिरिराज सिंह, राधामोहन सिंह, रविशंकर प्रसाद जैसे सरीखे नेता काफी अनुभव हैं. नित्यानंद राय, संजय जायसवाल, जैसे यूवा नेता भी है जो एनर्जी से लबरेज हैं.
"सभी दिल्ली जाएंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों को पूरा करने में सहयोगी होंगे. कई चेहरे पुराने हैं तो कई नए भी हैं. मोदी सरकार सभी वर्ग और समुदाय को साथ लेकर चलती है. घटक दल उम्मीदवारों का बेहतरीन चयन कर रहे हैं. बिहार में 40 और देश में एनडीए 400 का आंकड़ा पार करेगी." -मनोज शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
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