नई दिल्ली/गाजियाबाद: नमो भारत ट्रेनों में खोई हुई वस्तुओं को उनके असली मालिकों तक पहुंचाने के लिए एनसीआरटीसी का लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस हर संभव प्रयास कर रहा है. अधिकारियों की एक टीम इस कार्य में जुटी है और यह सुनिशिचित करने की कोशिश करती है कि ट्रेनों में मिलने वाली वस्तुओं को जल्द से जल्द उनके असली मालिकों तक पहुंचाया जा सके.
लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन के कॉन्कोर्स लेवल पर बनाया गया है. आरआरटीएस स्टेशनों के परिसर में या नमो भारत ट्रेनों में पाई जाने वाली कोई भी लावारिस वस्तु स्टेशन नियंत्रण में जमा की जाती है. यदि वस्तु का मालिक 24 घंटे के भीतर खोई हुई वस्तु का दावा नहीं करता, तो इसे गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन के लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस में जमा करवा दिया जाता है.
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इस प्रक्रिया के तहत जब खोई हुई वस्तु एलपीओ में स्थानांतरित हो जाती है, तो इसे आरआरटीएस की वेबसाइट पर लॉस्ट एंड फाउंड सेक्शन (https://www.rrts.co.in/web/lost-found) के तहत सूचीबद्ध किया जाता है. वेबसाइट के जरिए वस्तुओं के दावेदार अपनी खोई हुई वस्तुओं की खोज कर सकते हैं. इसके साथ ही वस्तु के संबंध में अपना स्वामित्व एवं व्यक्तिगत पहचान का प्रमाण देने के लिए गाजियाबाद स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल स्थित लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस में आ सकते हैं. सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण के बाद खोई हुई वस्तुओं को उनके असली मालिकों को वापस किया जाता है.
अक्टूबर 2023 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के प्रायोरिटी सेक्शन के संचालन की शुरुआत के बाद एलपीओ की स्थापना की गई. तब से लेकर अब तक एलपीओ को कई वस्तुएं बरामद हुई हैं और उनमें से कई वस्तुओं को सफलतापूर्वक उनके मालिकों को लौटा दिया गया है. यात्रियों ने अपना खोया हुआ सामान वापस पाकर बेहद खुशी व्यक्त की है.
एक यात्री दक्ष त्यागी का महत्वपूर्ण दस्तावेजों और नकदी से भरा लाल बैग दुहाई आरआरटीएस स्टेशन पर छूट गया था. यह बैग बरामद होने के बाद स्टेशन स्टाफ ने इसे गाजियाबाद स्टेशन में स्थित एलपीओ को भेज दिया. जहां दक्ष त्यागी ने संपर्क किया और फिर सत्यापन के बाद अपना बैग वापस पा लिया. बैग वापस मिलने पर उन्होनें एनसीआरटीसी की टीम का धन्यवाद किया.
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