सुकमा: छत्तीसगढ़ में आगामी लोकसभा चुनाव के पहले पुलिस को नक्सल मोर्चे पर लगातार सफलता मिल रही है. गुरुवार को 3 नक्सलियों ने नक्सलवाद का दामन छोड़ सरेंडर किया है. तीनों समर्पित नक्सली सरकार की पुनर्वास नीति और पूना नर्कोम अभियान (नई सुबह-नई शुरुआत) से प्रभावित होकर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं. इनमें 1 नक्सली पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 3 लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था.
तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर: सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया, "नक्सल विरोधी अभियान के तहत लगातार अंदरूनी इलाकों में नवीन कैम्प की स्थापना की जा रही है. क्षेत्र में विकास की गति को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है. साथ ही नक्सलियों से मुख्यधारा में जुड़ने के लिए लगातार बैनर पोस्टर के जरिए अपील की जा रही है. जिससे प्रभावित होकर आज 3 पुरुष माओवादियों पुलिस के समक्ष नक्सल ऑपरेशन कार्यालय में सरेंडर किया है."
"सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने पूछताछ में बताया कि बाहरी नक्सलियों के अमानवीय रवैए, आधारहीन विचारधारा और उनके शोषण, अत्याचार, भेदभाव और स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर उन्होंने सरेंडर किया है." - किरण चव्हाण, एसपी, सुकमा
पुनर्वास नीति का तीनों को मिलेगा लाभ: सरेंडर करने वाले नक्सलियों में पहला माड़वी जगरू उर्फ जगदीश है, जो पालाचलमा आरपीसी, सीएनएम अध्यक्ष के रूप में सक्रिय था. जिस पर 1 लाख रूपये का इनाम घोषित था. सुकमा जिले का निवासी है. दूसरा नक्सली माड़वी देवा है, जो पालाचलमा आरपीसी मिलिशिया सदस्य है. वह सुकमा जिला का निवासी है. तीसरा नक्सली कट्टम गंगा है, जो बुर्कलंका आरपीसी सीएनएम सदस्य है, वह भी सुकमा जिले का निवासी है. इन तीनों को जल्द ही सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात सुकमा पुलिस ने कही है.