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शहीदी सप्ताह में कांकेर शहर के पास पहुंचे नक्सली, सड़क किनारे बांधे नक्सली बैनर, भारी मात्रा में पर्चे भी फेंके - Martyrdom Week

Naxal Martyrdom Week बस्तर में शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली अपनी उपस्थिति दर्ज करने जगह जगह बैनर पोस्टर और पर्चे फेंक रहे हैं. कांकेर में नक्सलियों ने शहर के पास बैनर बांधा. बैनर में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात लिखी.

Naxal Martyrdom Week
शहीदी सप्ताह (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 29, 2024, 12:14 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 7:21 PM IST

कांकेर: बस्तर में शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली शहर के पास पहुंच रहे हैं. कांकेर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर मलांजकुड़म रोड पर नक्सलियों ने सड़क किनारे बैनर बांधे हैं. नक्सली बैनर के पास बड़ी संख्या में नक्सली पर्चे भी फेंके गए. हालांकि पर्चे लगातार हो रही बारिश में भीग चुके हैं.

नक्सलियों ने बैनर में क्या लिखा: मलांजकुड़म रोड पर बांधे गए बैनर में नक्सलियों ने लिखा है "28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली शहीद सप्ताह मनाया जा रहा है. शहीद सप्ताह गांव, पंचायत, कस्बों, गलियों, शहर में क्रांतिकारी संकल्प के साथ मनाएंगे." लगातार मुठभेड़ में नक्सलियों को हो रहे नुकसान को लेकर नक्सलियों ने लिखा है "नक्सली छापामार युद्ध नियमों का सृजनात्मक रूप से पालन करेंगे, ताकि अनावश्यक नुकसान को कम किया जा सके." गुरिल्ला युद्ध में विजय का अनुपात बढ़ाने का भी उल्लेख बैनर में है.

कांकेर पुलिस ने हटाया नक्सली बैनर: कांकेर में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण इस रोड पर लोगों की आवाजाही कम है लेकिन बड़ी संख्या में लोग मलांजकुडुम का प्राकृतिक सौंदर्य देखने पहुंच रहे हैं. पुलिस को भी नक्सली बैनर की जानकारी मिली. कांकेर टीआई मनीष नागर ने बताया की बैनर की सूचना मिली थी जिसे सड़क से हटवा दिया गया है.

नक्सली क्यों मनाते हैं शहीदी सप्ताह ? : नक्सली हर साल अपने मारे गए नक्सलियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाते हैं. इस साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली शहीदी सप्ताह मना रहे हैं. इस दौरान अपने मारे गए नक्सल साथियों की गाथाओं को आम जनता को सुनाते हैं. उनकी याद में स्मारक बनाते हैं. इसके अलावा नक्सल संगठन का संदेश बैनर और पर्चों के जरिए लोगों तक पहुंचाते हैं. शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सल हिंसक गतिविधियां कम होती हैं. इस दौरान नक्सली अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश करते हैं.

शहीदी सप्ताह कब से शुरु हुआ: नक्सल जानकारों के मुताबिक साल 1990 से 2000 के दशक में नक्सल संगठन के सेंट्रल कमेटी के 3 सदस्य श्याम, मुरली और महेश पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए थे. तब से नक्सली नियमित रूप से 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते आ रहे हैं. माओवादियों के शहीदी सप्ताह को देखते हुए पूरे बस्तर संभाग में पुलिस अलर्ट पर है. अंदरूनी इलाकों में सर्चिंग तेज कर दी गई है.

नक्सलियों का शहीदी सप्ताह आज से शुरू, बस्तर में सुरक्षाबल अलर्ट मोड पर - Naxal martyrdom week
नक्सलियों के शहीदी सप्ताह पर सिक्योरिटी फोर्स की स्ट्राइक, दंतेवाड़ा में नक्सली स्मारक तबाह - Strike on Naxalite memorial
नक्सलगढ़ के लोगों के लिए बस्तर का बेटा बना दूसरा भगवान, कहा- डॉक्टर बनने के बाद कही और ज्वाइनिंग की नहीं सोची - Success Story of Naxalgarh

कांकेर: बस्तर में शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली शहर के पास पहुंच रहे हैं. कांकेर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर मलांजकुड़म रोड पर नक्सलियों ने सड़क किनारे बैनर बांधे हैं. नक्सली बैनर के पास बड़ी संख्या में नक्सली पर्चे भी फेंके गए. हालांकि पर्चे लगातार हो रही बारिश में भीग चुके हैं.

नक्सलियों ने बैनर में क्या लिखा: मलांजकुड़म रोड पर बांधे गए बैनर में नक्सलियों ने लिखा है "28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली शहीद सप्ताह मनाया जा रहा है. शहीद सप्ताह गांव, पंचायत, कस्बों, गलियों, शहर में क्रांतिकारी संकल्प के साथ मनाएंगे." लगातार मुठभेड़ में नक्सलियों को हो रहे नुकसान को लेकर नक्सलियों ने लिखा है "नक्सली छापामार युद्ध नियमों का सृजनात्मक रूप से पालन करेंगे, ताकि अनावश्यक नुकसान को कम किया जा सके." गुरिल्ला युद्ध में विजय का अनुपात बढ़ाने का भी उल्लेख बैनर में है.

कांकेर पुलिस ने हटाया नक्सली बैनर: कांकेर में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण इस रोड पर लोगों की आवाजाही कम है लेकिन बड़ी संख्या में लोग मलांजकुडुम का प्राकृतिक सौंदर्य देखने पहुंच रहे हैं. पुलिस को भी नक्सली बैनर की जानकारी मिली. कांकेर टीआई मनीष नागर ने बताया की बैनर की सूचना मिली थी जिसे सड़क से हटवा दिया गया है.

नक्सली क्यों मनाते हैं शहीदी सप्ताह ? : नक्सली हर साल अपने मारे गए नक्सलियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाते हैं. इस साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली शहीदी सप्ताह मना रहे हैं. इस दौरान अपने मारे गए नक्सल साथियों की गाथाओं को आम जनता को सुनाते हैं. उनकी याद में स्मारक बनाते हैं. इसके अलावा नक्सल संगठन का संदेश बैनर और पर्चों के जरिए लोगों तक पहुंचाते हैं. शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सल हिंसक गतिविधियां कम होती हैं. इस दौरान नक्सली अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश करते हैं.

शहीदी सप्ताह कब से शुरु हुआ: नक्सल जानकारों के मुताबिक साल 1990 से 2000 के दशक में नक्सल संगठन के सेंट्रल कमेटी के 3 सदस्य श्याम, मुरली और महेश पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए थे. तब से नक्सली नियमित रूप से 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते आ रहे हैं. माओवादियों के शहीदी सप्ताह को देखते हुए पूरे बस्तर संभाग में पुलिस अलर्ट पर है. अंदरूनी इलाकों में सर्चिंग तेज कर दी गई है.

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नक्सलियों के शहीदी सप्ताह पर सिक्योरिटी फोर्स की स्ट्राइक, दंतेवाड़ा में नक्सली स्मारक तबाह - Strike on Naxalite memorial
नक्सलगढ़ के लोगों के लिए बस्तर का बेटा बना दूसरा भगवान, कहा- डॉक्टर बनने के बाद कही और ज्वाइनिंग की नहीं सोची - Success Story of Naxalgarh
Last Updated : Jul 29, 2024, 7:21 PM IST
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