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पोस्ता के पैसे से हथियार खरीदने की फिराक में नक्सली संगठन! जारी किया गया हाई अलर्ट

Illegal poppy business in Palamu. पलामू में नक्सली संगठन पोस्ता की खेती के पैसों से हथियार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं. जिले में पोस्ता का सलाना 70 करोड़ रुपए का अवैध कारोबार चलता है. इन पैसों के जरिए हथियार खरीदने की योजना बनाई जा रही है.

Illegal poppy business
Illegal poppy business
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 23, 2024, 5:28 PM IST

पलामू: नक्सली संगठन पोस्ता के पैसे से हथियार खरीदने की फिराक में हैं. इस संबंध में पुलिस और सुरक्षा एजेंसी को कई जानकारियां मिली हैं. इसके बाद पोस्ता के नेटवर्क के खिलाफ अलर्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल, भाकपा माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी जैसे प्रतिबंधित नक्सली संगठन चुनाव का बहिष्कार करते हैं. चुनाव के दौरान नक्सली संगठन पुलिस और अन्य लोगों पर हमले भी करते हैं. इसे लेकर पिछले पांच वर्षों में झारखंड क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया है. जिसमें नक्सली संगठनों को भारी नुकसान हुआ है.

700 से अधिक हथियार बरामद

पिछले पांच साल के आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले पलामू प्रमंडल से पुलिस ने 700 से अधिक हथियार बरामद किये हैं. जिसमें एके 47, एके 56, इंसास, एसएलआर जैसे कई हथियार हैं. सभी हथियार नक्सली संगठनों के पास से बरामद किये गये हैं. नक्सली संगठन हथियारों के संकट से जूझ रहे हैं, वहीं उन तक गोलियां भी नहीं पहुंच पा रही हैं. आशंका है कि नक्सली संगठन चुनाव में इस्तेमाल के लिए पोस्ता के पैसों से हथियार और गोलियां खरीद सकते हैं.

करोड़ों का है पोस्ता का कारोबार

पलामू, चतरा, लातेहार और बिहार सीमा से सटे इलाकों में बड़े पैमाने पर पोस्ता की खेती होती है. हाल ही में पलामू पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी पोस्ता की खेती करा रहा है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक नक्सली संगठन पोस्ता की खेती से पैसा कमा रहे हैं.

अकेले झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों को सालाना 70 करोड़ रुपये से अधिक की लेवी मिलती है. जिसका एक बड़ा हिस्सा बीड़ी पत्ता और पोस्ता की खेती है. टीएसपीसी के प्रभाव वाले इलाकों में पोस्ता की खेती सबसे ज्यादा हो रही है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नक्सली संगठन पोस्ता की खेती करने वालों से 20 से 30 फीसदी लेवी वसूल रहे हैं, वहीं कई इलाकों में पोस्ता की खेती भी करवा रहे हैं.

पोस्ता की खेती के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान

इस बारे में पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, पोस्ता की खेती का संबंध नक्सली संगठनों से है. कई इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है, अभियान चलाए जा रहे हैं. पुलिस ने पोस्ता के आर्थिक नेटवर्क के खिलाफ एक योजना तैयार की है. इसके आर्थिक नेटवर्क में कई लोग शामिल हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है. सीमा पर भी निगरानी बढ़ा दी गयी है.

यह भी पढ़ें: पोस्ता की खेती को नष्ट करना बन गई बड़ी चुनौती! पुलिस बदल रही है रणनीति

यह भी पढ़ें: झारखंड-बिहार सीमा पर टीएसपीसी की मदद से पोस्ता की खेती! पहली बार संगठन ने किया पुलिस पर घात लगाकर हमला

यह भी पढ़ें: पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान: पलामू के नौडीहा बाजार और मनातू में फसल को किया गया नष्ट

पलामू: नक्सली संगठन पोस्ता के पैसे से हथियार खरीदने की फिराक में हैं. इस संबंध में पुलिस और सुरक्षा एजेंसी को कई जानकारियां मिली हैं. इसके बाद पोस्ता के नेटवर्क के खिलाफ अलर्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल, भाकपा माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी जैसे प्रतिबंधित नक्सली संगठन चुनाव का बहिष्कार करते हैं. चुनाव के दौरान नक्सली संगठन पुलिस और अन्य लोगों पर हमले भी करते हैं. इसे लेकर पिछले पांच वर्षों में झारखंड क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया है. जिसमें नक्सली संगठनों को भारी नुकसान हुआ है.

700 से अधिक हथियार बरामद

पिछले पांच साल के आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले पलामू प्रमंडल से पुलिस ने 700 से अधिक हथियार बरामद किये हैं. जिसमें एके 47, एके 56, इंसास, एसएलआर जैसे कई हथियार हैं. सभी हथियार नक्सली संगठनों के पास से बरामद किये गये हैं. नक्सली संगठन हथियारों के संकट से जूझ रहे हैं, वहीं उन तक गोलियां भी नहीं पहुंच पा रही हैं. आशंका है कि नक्सली संगठन चुनाव में इस्तेमाल के लिए पोस्ता के पैसों से हथियार और गोलियां खरीद सकते हैं.

करोड़ों का है पोस्ता का कारोबार

पलामू, चतरा, लातेहार और बिहार सीमा से सटे इलाकों में बड़े पैमाने पर पोस्ता की खेती होती है. हाल ही में पलामू पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी पोस्ता की खेती करा रहा है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक नक्सली संगठन पोस्ता की खेती से पैसा कमा रहे हैं.

अकेले झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों को सालाना 70 करोड़ रुपये से अधिक की लेवी मिलती है. जिसका एक बड़ा हिस्सा बीड़ी पत्ता और पोस्ता की खेती है. टीएसपीसी के प्रभाव वाले इलाकों में पोस्ता की खेती सबसे ज्यादा हो रही है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नक्सली संगठन पोस्ता की खेती करने वालों से 20 से 30 फीसदी लेवी वसूल रहे हैं, वहीं कई इलाकों में पोस्ता की खेती भी करवा रहे हैं.

पोस्ता की खेती के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान

इस बारे में पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, पोस्ता की खेती का संबंध नक्सली संगठनों से है. कई इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है, अभियान चलाए जा रहे हैं. पुलिस ने पोस्ता के आर्थिक नेटवर्क के खिलाफ एक योजना तैयार की है. इसके आर्थिक नेटवर्क में कई लोग शामिल हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है. सीमा पर भी निगरानी बढ़ा दी गयी है.

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