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माओवादियों को लेवी मिलना हुआ बंद! अपनी ताकत बढ़ाने के लिए वसूलना चाहते हैं रंगदारी

Naxalite organizations facing financial crisis. बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा इलाके में माओवादियों को लेवी मिलना बंद हो गया है. पुलिस की दबिश के कारण उनके आर्थिक तंत्र को नुकसान पहुंचा है. नक्सली संगठन फंड की कमी से जूझ रहा है.

Naxalite organizations facing financial crisis
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 5, 2024, 5:44 PM IST

पालमू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को कई इलाकों में लेवी मिलना बंद हो गई है. जबकि कई इलाकों में इनका प्रभाव बेहद कम हो गया है. उनकी आर्थिक हालत खराब हो गई है. माओवादी फिर से एकजुट हो कर अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं. माओवादी खुद को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक लेवी वसूलना चाहते हैं. हाल के दिनों में माओवादी लेवी वसूलने के लिए कई तरह की नीतियों पर काम कर रहे हैं.

माओवादी कई इलाकों में लेवी वसूलने के लिए लोगों को वीडियो कॉल किया है. कई लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी है जबकि कई लोगों ने जानकारी नहीं दी है. 15 लाख के टॉप इनामी माओवादी कमांडर मनोहर गंझू ने सबसे अधिक ठेकेदार एवं अन्य तरह के लोगों से लेवी के लिए संपर्क किया है. वहीं छोटू खरवार ने कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया है. बावजूद इसके माओवादियों को लेवी नहीं मिल रही है.

झारखंड बिहार सीमावर्ती इलाके से माओवादियों को मिलती है सबसे अधिक लेवी: दरअसल माओवादियों को झारखंड बिहार सीमा पर सबसे अधिक लेवी मिलती थी. माओवादियों का झारखंड बिहार सीमावर्ती मध्य जोन में है. इस जोम में पलामू, चतरा और बिहार का गया औरंगाबाद का जिला शामिल है. प्रतिवर्ष माओवादी इस इलाके से 70 से 80 करोड़ रुपए के लेवी वसूलते थे. मध्य जोन के बाद माओवादी कोयल शंख जोन से सबसे अधिक लेवी वसूलते थे, इस इलाके में लातेहार, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, गढ़वा का इलाका शामिल है. मध्य जोन का मुख्यालय छकरबंधा जबकि कोल शंख जोन का मुख्यालय बूढ़ापहाड़ में था. कहा जाता है कि 2021-22 तक झारखंड बिहार में माओवादियों को कहीं भी पैसे की जरूरत होती थी तो पैसा छकरबंधा से जाता था.

पुलिस की माओवादियों के एक-एक गतिविधि पर नजर: पुलिस एवं सुरक्षाबल माओवादियों की एक-एक गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं. पुलिस इनके आर्थिक नेटवर्क को कमजोर कर दिया है लेकिन यह नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त नहीं हुआ है. पलामू के जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि माओवादियो के खिलाफ सभी मोर्चो पर नजर है, पुलिस लगातार माओवादियों मुख्य धारा में शामिल होने की अपील कर रही है. माओवादियों के सभी नेटवर्क खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.

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नक्सली अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए बच्चों से कर रहे हैं संपर्क, संगठन में करेंगे भर्ती

पालमू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को कई इलाकों में लेवी मिलना बंद हो गई है. जबकि कई इलाकों में इनका प्रभाव बेहद कम हो गया है. उनकी आर्थिक हालत खराब हो गई है. माओवादी फिर से एकजुट हो कर अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं. माओवादी खुद को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक लेवी वसूलना चाहते हैं. हाल के दिनों में माओवादी लेवी वसूलने के लिए कई तरह की नीतियों पर काम कर रहे हैं.

माओवादी कई इलाकों में लेवी वसूलने के लिए लोगों को वीडियो कॉल किया है. कई लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी है जबकि कई लोगों ने जानकारी नहीं दी है. 15 लाख के टॉप इनामी माओवादी कमांडर मनोहर गंझू ने सबसे अधिक ठेकेदार एवं अन्य तरह के लोगों से लेवी के लिए संपर्क किया है. वहीं छोटू खरवार ने कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया है. बावजूद इसके माओवादियों को लेवी नहीं मिल रही है.

झारखंड बिहार सीमावर्ती इलाके से माओवादियों को मिलती है सबसे अधिक लेवी: दरअसल माओवादियों को झारखंड बिहार सीमा पर सबसे अधिक लेवी मिलती थी. माओवादियों का झारखंड बिहार सीमावर्ती मध्य जोन में है. इस जोम में पलामू, चतरा और बिहार का गया औरंगाबाद का जिला शामिल है. प्रतिवर्ष माओवादी इस इलाके से 70 से 80 करोड़ रुपए के लेवी वसूलते थे. मध्य जोन के बाद माओवादी कोयल शंख जोन से सबसे अधिक लेवी वसूलते थे, इस इलाके में लातेहार, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, गढ़वा का इलाका शामिल है. मध्य जोन का मुख्यालय छकरबंधा जबकि कोल शंख जोन का मुख्यालय बूढ़ापहाड़ में था. कहा जाता है कि 2021-22 तक झारखंड बिहार में माओवादियों को कहीं भी पैसे की जरूरत होती थी तो पैसा छकरबंधा से जाता था.

पुलिस की माओवादियों के एक-एक गतिविधि पर नजर: पुलिस एवं सुरक्षाबल माओवादियों की एक-एक गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं. पुलिस इनके आर्थिक नेटवर्क को कमजोर कर दिया है लेकिन यह नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त नहीं हुआ है. पलामू के जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि माओवादियो के खिलाफ सभी मोर्चो पर नजर है, पुलिस लगातार माओवादियों मुख्य धारा में शामिल होने की अपील कर रही है. माओवादियों के सभी नेटवर्क खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.

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