रायपुर : छत्तीसगढ़ में बस्तर में पहले चरण का मतदान होना है. मतदान को लेकर बस्तर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. मतदान से पहले 16 अप्रैल को कांकेर में पुलिस,डीआरजी और बीएसएफ के जवानों ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर 29 हार्डकोर नक्सलियों का सफाया किया है. इस ऑपरेशन में बीएसएफ की टीम 15 किलोमीटर घने जंगल में पैदल चलकर नक्सलियों के ठिकाने तक पहुंची.यहीं नहीं रणनीति बनाकर नक्सलियों को चारों ओर से घेरकर सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया. इस दौरान नक्सलियों को बचने का मौका नहीं मिला.इस रणनीति का नतीजा ये निकला कि मोस्ट वांटेड 25 लाख के इनामी नक्सली कमांडर शंकर राव और ललिता भी इस मुठभेड़ में ढेर हो गए.
लोकसभा चुनाव से पहले नक्सली वारदात : चुनाव आयोग ने 16 मार्च 2024 को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी.तब से लेकर छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान होने तक पुलिस और नक्सलियों के बीच कई मुठभेड़ हुई है.इसी महीने रायपुर में नक्सलियों को लेकर रायपुर में एक बड़ी मीटिंग का आयोजन किया गया था.माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद ही कांकेर में बीएसएफ की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया.आईए आपको बताते हैं लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद से छत्तीसगढ़ में हुई नक्सली मुठभेड़ों के बारे में.
16 मार्च 2024 : लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद कोयलीबेड़ा में एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान जवानों की टीम का नक्सलियों से सामना हुआ. टीम जब कोयलीबेड़ा पहुंची तो नक्सलियों ने गोलीबारी शुरु की. इसके बाद जब जवानों ने जवाबी कार्रवाई की तो नक्सलियों ने मोर्चा छोड़ दिया. जवानों को भारी पड़ता देख मौके से नक्सली भाग खड़े हुए. मुठभेड़ वाली जगह से एक नक्सली की डेड बॉडी बरामद हुई.
27 मार्च 2024 : बीजापुर में 27 मार्च 2024 को नक्सलियों का डिप्टी कमांडर नागेश मारा गया. बीजापुर पुलिस और सीआरपीएफ के डीआईजी विकास कुमार ने इस बारे में खुलासा किया था. इस एनकाउंटर में बासागुड़ा ट्रिपल मर्डर कांड को अंजाम देने वाले नक्सली भी ढेर हुए थे.
31 मार्च 2024 : महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सीमा पर 31 मार्च 2024 को सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के कैंप को नेस्तनाबूद किया. इस कैंप में छत्तीसगढ़ के कसानसुर चटगांव दलम और औंधी दलम के नक्सलियों ने अपना ठिकाना बनाया है. सी 60 कमांडो फोर्स ने नक्सलियों के ठिकाने को बर्बाद किया.नक्सली छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव में हिंसा फैलाने की प्लानिंग कर रहे थे.
2 अप्रैल 2024 : बीजापुर जिले के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 13 नक्सलियों को मार गिराया था. लगभग इतनी ही संख्या में नक्सली बुरी तरह से घायल भी हुए थे. गंगालूर थाना क्षेत्र के लेंड्रा में दो अप्रैल को हुए मुठभेड़ में 13 में से 11 नक्सलियों की पहचान हुई थी. इसमें पीएलजीएस कंपनी दो के सुखराम हेमला, हूंगा परसी, लक्खू कोरसा, डिवीसीएम सीतक्का (जितरू, डीवीसी की पत्नी), दुला कुहराम, सोनू अवलम, सुदरू हेमला, चैतु पोटाम, लच्छू कड़ती, लक्ष्मी ताती व कमली कुंजाम के रूप में हुई थी.
6 अप्रैल 2024 : तेलंगाना ग्रेहाउंड और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया. जिसमें जवानों को बड़ी कामयाबी मिली. तेलंगाना छत्तीसगढ़ सीमा पर मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए. कांकेर उसूर थाना क्षेत्र में तेलंगाना के ग्रेहाउंड्स के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान चलाया गया. इस मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर हुए. मारे गए एक नक्सली की शिनाख्त सागर उर्फ संतोष के रूप में हुई. जो डिविजनल कमांडर रैंक का नक्सली था. सागर पर 25 लाख रुपए का इनाम था. घटनास्थल से एक LMG और एक AK 47 समेत कई हथियार और नक्सलियों के शव बरामद किये गए हैं. मुठभेड़ सुबह साढ़े 5 बजे हुई.
13 अप्रैल 2024 : धमतरी थाना बोराई क्षेत्र के एकावरी जंगल में पुलिस और नक्सलियों का आमना सामना हुआ. मैनपुर नुआपाड़ा संयुक्त डिवीजन के नक्सलियों की होने की जानकारी पर टीम मौके पर पहुंची थी. जिस पर एसटीएफ, गरियाबंद डीआरजी, धमतरी डीआरजी और सीआरपीएफ 211 बटालियन की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान के तहत निकली थी. मौके पर जब टीम पहुंची तो वहां 25 से 30 नक्सली थे.ये नक्सली नुआपाड़ा दलम के थे.अंधेरे में जब सुरक्षा बलों ने नक्सलियों पर धावा बोला तो सभी मौके से भाग खड़े हुए.
16 अप्रैल : कांकेर में पुलिस,डीआरजी और बीएसएफ के जवानों ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर 29 हार्डकोर नक्सलियों का सफाया किया है. इस ऑपरेशन में बीएसएफ की टीम 15 किलोमीटर घने जंगल में पैदल चलकर नक्सलियों के ठिकाने तक पहुंची.25 लाख के इनामी नक्सली हुए ढेर.
छत्तीसगढ़ में हुई थी बड़ी मीटिंग : आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 9 और 10 अप्रैल को रायपुर में बड़ी बैठक हुई थी. दो दिवसीय बैठक में गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और आइबी के डायरेक्टर तपन कुमार डेका मौजूद थे. जिन्होंने नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की रणनीति बनाने की तैयारी शुरु की थी. इस बैठक में 10 राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ ऑनलाइन बैठक भी हुई थी. इस दौरान शांतिपूर्ण तरीके से लोकसभा चुनाव संपन्न कराने और नक्सल इलाकों में इंटेलीजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर खुफिया आपरेशन की रणनीति भी बनाई गई थी. जिसका असर देखा जा रहा है.