रांची: झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करवाना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है. यही वजह है कि पुलिस के अधिकारी और जवान शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न करवाने के लिए बेहद ठोस रणनीति के तहत काम कर रहे हैं. नक्सलियों के खिलाफ अभियान के साथ-साथ शैडो एरिया को लोकेट किया गया है, ताकि वहां संचार की व्यवस्था की जा सके.
शैडो एरिया चिन्हित किया गया
शैडो एरिया यानी वैसे इलाके जहां कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है. झारखंड के शैडो एरिया में पड़ने वाले सभी पोलिंग बूथ पर संचार सुविधाओं की व्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि समय से पोलिंग प्रतिशत, सुरक्षाकर्मियों को लेकर जानकारी सब कुछ मुख्यालय तक समय से पहुंच सके. इसके लिए पुलिस के द्वारा विभिन्न तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं. शांतिपूर्ण, सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए झारखण्ड पुलिस का हर सीनियर से लेकर जूनियर अफसर और कर्मी लगातार मेहनत कर रहे हैं. खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में किसी तरह से कोई भी चूक ना हो इसके लिए लगातार तैयारियां जारी है.
नक्सलियों के खिलाफ अभियान तो चलाया ही जा रहा है साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में जहां-जहां कम्युनिकेशन के साधन नहीं है, वहां वैकल्पिक साधन तैयार किया जा रहे है, ताकि मतदान केंद्र से सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ दूसरे लोग भी एक दूसरे के संपर्क में रह सकें. पुलिस की टीम के द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में पड़ने वाले शैडो एरिया को चिन्हित कर लिया गया है.
संचार बेहद महत्वपूर्ण
शैडो एरिया में बने पोलिंग बूथ से सभी तरह की जानकारियां मुख्यालय तक पहुंचना बेहद आवश्यक है. यह सभी जानते हैं कि शैडो एरिया नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ज्यादा है, ऐसे में वहां पुलिस का मूवमेंट, बूथ सुरक्षा की पल-पल जानकारी, वोटिंग के दीन मतदान प्रतिशत सब कुछ की जानकारी संचार से ही उपलब्ध हो पाएगा. यही वजह है कि सभी शैडो एरिया में सीआरपीएफ के वायरलेस सेट, सेटेलाइट फोन के अलावा कुछ अन्य अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर संचार की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है.
रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे के अनुसार मतदान केंद्रों पर जो-जो कमियां पाई गई है, उसे जल्द से जल्द दूर करने का निर्देश उनके द्वारा दिया गया है. डीआईजी ने बताया कि लोहरदगा, सिमडेगा, गुमला और खूंटी में कई ऐसे ही इलाके हैं, जहां किसी भी कंपनी का मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है. इन्हें शैडो एरिया कहा जाता है. ऐसे स्थान पर संचार की सुविधा उपलब्ध करवाना बेहद आवश्यक है इसके लिए वायरलेस कम्युनिकेशन को डेवलप किया जा रहा है. साथ ही साथ सेटेलाइट फोन का भी प्रयोग किया जाएगा.
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