बीकानेर. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है. इस साल चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात्रि 11:51 बजे से शुरू होकर अगले दिन 9 अप्रैल को रात 8:31 बजे तक प्रतिपदा तिथि रहेगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य है, इसलिए 9 अप्रैल को ही प्रथम नवरात्र पर घटस्थापना की जाएगी. नवसंवत्सर का प्रारंभ भी इसी दिन से होगा.
नवरात्र में मां दुर्गा किस सवारी पर आएगी इसको लेकर नवरात्र के शुरू होने के वार से जोड़कर देखा जाता है. वैसे तो मां का वाहन सिंह को माना जाता है, लेकिन कुछ धर्म शास्त्रियों का मानना है कि हर साल नवरात्र के समय वार के अनुसार माता अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं. इस साल चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू होने के कारण माता अश्व पर सवारी करके आएगी और नवरात्र समापन के दिन बुधवार होने से हाथी पर सवार होगी. नवरात्र शुरू होने वाले वार और देवी का किस सवारी से आगमन होता है. इसको लेकर शुभ अशुभ संकेत मिलने की बात भी कही जाती है.
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देवी की सवारी सिंह, बाकी भ्रांति: पंचांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू देवी के चैत्र नवरात्रि में नौका पर सवार होने की बात पर अपना मत रखते हुए कहते हैं कि देवी का नौका पर सवार होने की बात प्रमाणिक नहीं मानी जा सकती है. वे कहते हैं कि मां दुर्गा सिंह की सवारी करती हैं. ऐसे में नवरात्र में नौका या किसी अन्य वाहन पर सवार होने की बात केवल मनगढ़ंत बात है. इस पर तर्क करना भी अनुचित ही होगा. पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि मकर सक्रांति के आगमन पर मां दुर्गा की सवारी से जुड़ी बात लागू होती है. इसको शुभ और अशुभ संकेत फल से जोड़कर देखा जाता है. किराडू कहते हैं कि शुभ और अशुभ संकेत का फल सवारी से जोड़कर देखने की बात देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में होती है, लेकिन उत्तर भारत में इस तरह की भ्रांति नहीं है. अच्छी फसल कठोर निर्णय ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस साल सत्ता में रहने वाले लोगों में निर्णयों को लेकर हठधर्मिता देखने को मिलेगी. हाथी पर प्रस्थान करने का मतलब अच्छी बरसात के साथ अच्छी फसल की पैदावार से जोड़ा जाता है.