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खेती के लिए वरदान से कम नहीं नौतपा, इस दौरान किसान खेतों में करें गहरी जुताई - Nautapa 2024

नौतपा 25 मई से शुरू हो गया है. डीडवाना कृषि विभाग का कहना है कि इस दौरान किसानों को खेतों में गहरी जुताई करने की सलाह दी है. इससे किसानों का खर्च बचता है और पैदावार भी अच्छी होती है.

Nautapa best for farming
नौतपा से किसानों को फायदा (ETV Bharat Kuchaman City)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 25, 2024, 9:22 PM IST

Updated : May 25, 2024, 11:21 PM IST

नौतपा में किसानों को होगा ये फायदा (ETV Bharat Kuchaman City)

कुचामनसिटी. इस बार रोहिणी नक्षत्र में सूर्यदेव का प्रवेश 25 मई से हो रहा है. जिसके बाद अगले 9 दिन तक भीषण गर्मी पड़ेगी इस अवधि को नौतपा कहा जाता है. सरकार ने आमजन से भीषण गर्मी और लू ताप घात से बचाव की अपील की है. हालांकि नौतपा की भीषण गर्मी खेती-किसानी के लिए कुदरत का दिए किसी वरदान से कम नहीं है. डीडवाना जिले के संयुक्त निदेशक कृषि कल्प वर्मा का कहना है कि नौतपा किसानों के लिए वरदान है.

उन्होंने बताया कि नौतपा की भीषण गर्मी पड़ने से चूहों, कीटों व अन्य जहरीले जीव-जन्तुओं के अण्डे समाप्त हो जाते हैं. क्योंकि यह उनका प्रजनन काल होता है. तो कहीं न कहीं नौतपा किसानों के लिए वरदान है. नौतपा की गर्मी के कारण जब किट, पतंग, टिड्डी के अंडे और कातरे के कीट खत्म हो जाते हैं, तो आगामी फसल में किसानों को इनके उपचार पर कम खर्च करना पड़ता है. साथ ही किसानों की फसलों की पैदावार भी अच्छी होती है.

पढ़ें: गर्मी से बचाव के लिए प्रशासन ने किया नवाचार, रेल फाटक पर लगाया टेंट - Heat Protection

कल्प वर्मा संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डीडवाना ने बताया कि रबी की गेहूं, जौ, सरसों आदि फसलों की कटाई के बाद मई-जून माह में खरीफ की फसलों की बुवाई से पहले सामान्य से दो-तीन सेमी ज्यादा गहरी जुताई करनी चाहिए. रबी फसलों के अवशेष को भी जुताई के साथ खेत में मिला दें. इससे कार्बनिक पदार्थ बढ़ेंगे और हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं. साथ ही खरपतवार व उसके बीज भी सूखकर नष्ट हो जाते हैं. इससे मिट्टी भूरभरी हो जाती है, जिससे वर्षा का जल अवशोषित अच्छी तरह से होता है. इससे खेत में लंबे समय तक नमी बनी रहेगी और फसलों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होगी. गहरी जुताई से फसल को दीमक, कीट के नुकसान से बचाने में सहायक होती है. यह पद्धति रेतीली जमीन में कारगर नहीं है.

पढ़ें: राजस्थान में गर्मी का कहर, फलोदी में लगा पारे का अर्धशतक, 50 डिग्री दर्ज - Nautapa 2024

किसान मांगीलाल जाट, गिरधारी, दीनदयाल और लालाराम मेघवाल ने बताया कि ये विधि अपनाने पर कीटनाशक का खर्च बचेगा. रबी की फसलों की कटाई के बाद जब खेत खाली हो जाते हैं, तब नौतपा से पहले खेत की गहरी जुताई करवा कर खेत को बिना रासायनिक दवाओं के ही फसल कीट, रोग और खरपतवारों से मुक्ति करते है. ज्यादातर किसान एक ही खेत में लगातार दो-तीन फसलें उगाते हैं, जिससे मिट्टी में कीट व बीमारियों के रोगाणु पनपते रहते हैं और कई खरपतवार भी वृद्धि करते रहते हैं. ऐसे में किसान गर्मियों में गहरी जुताई कर इनसे छुटकारा पाने के लिए नौतपा से पहले गहरी जुताई करवाते हैं.

नौतपा में किसानों को होगा ये फायदा (ETV Bharat Kuchaman City)

कुचामनसिटी. इस बार रोहिणी नक्षत्र में सूर्यदेव का प्रवेश 25 मई से हो रहा है. जिसके बाद अगले 9 दिन तक भीषण गर्मी पड़ेगी इस अवधि को नौतपा कहा जाता है. सरकार ने आमजन से भीषण गर्मी और लू ताप घात से बचाव की अपील की है. हालांकि नौतपा की भीषण गर्मी खेती-किसानी के लिए कुदरत का दिए किसी वरदान से कम नहीं है. डीडवाना जिले के संयुक्त निदेशक कृषि कल्प वर्मा का कहना है कि नौतपा किसानों के लिए वरदान है.

उन्होंने बताया कि नौतपा की भीषण गर्मी पड़ने से चूहों, कीटों व अन्य जहरीले जीव-जन्तुओं के अण्डे समाप्त हो जाते हैं. क्योंकि यह उनका प्रजनन काल होता है. तो कहीं न कहीं नौतपा किसानों के लिए वरदान है. नौतपा की गर्मी के कारण जब किट, पतंग, टिड्डी के अंडे और कातरे के कीट खत्म हो जाते हैं, तो आगामी फसल में किसानों को इनके उपचार पर कम खर्च करना पड़ता है. साथ ही किसानों की फसलों की पैदावार भी अच्छी होती है.

पढ़ें: गर्मी से बचाव के लिए प्रशासन ने किया नवाचार, रेल फाटक पर लगाया टेंट - Heat Protection

कल्प वर्मा संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डीडवाना ने बताया कि रबी की गेहूं, जौ, सरसों आदि फसलों की कटाई के बाद मई-जून माह में खरीफ की फसलों की बुवाई से पहले सामान्य से दो-तीन सेमी ज्यादा गहरी जुताई करनी चाहिए. रबी फसलों के अवशेष को भी जुताई के साथ खेत में मिला दें. इससे कार्बनिक पदार्थ बढ़ेंगे और हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं. साथ ही खरपतवार व उसके बीज भी सूखकर नष्ट हो जाते हैं. इससे मिट्टी भूरभरी हो जाती है, जिससे वर्षा का जल अवशोषित अच्छी तरह से होता है. इससे खेत में लंबे समय तक नमी बनी रहेगी और फसलों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होगी. गहरी जुताई से फसल को दीमक, कीट के नुकसान से बचाने में सहायक होती है. यह पद्धति रेतीली जमीन में कारगर नहीं है.

पढ़ें: राजस्थान में गर्मी का कहर, फलोदी में लगा पारे का अर्धशतक, 50 डिग्री दर्ज - Nautapa 2024

किसान मांगीलाल जाट, गिरधारी, दीनदयाल और लालाराम मेघवाल ने बताया कि ये विधि अपनाने पर कीटनाशक का खर्च बचेगा. रबी की फसलों की कटाई के बाद जब खेत खाली हो जाते हैं, तब नौतपा से पहले खेत की गहरी जुताई करवा कर खेत को बिना रासायनिक दवाओं के ही फसल कीट, रोग और खरपतवारों से मुक्ति करते है. ज्यादातर किसान एक ही खेत में लगातार दो-तीन फसलें उगाते हैं, जिससे मिट्टी में कीट व बीमारियों के रोगाणु पनपते रहते हैं और कई खरपतवार भी वृद्धि करते रहते हैं. ऐसे में किसान गर्मियों में गहरी जुताई कर इनसे छुटकारा पाने के लिए नौतपा से पहले गहरी जुताई करवाते हैं.

Last Updated : May 25, 2024, 11:21 PM IST
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