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राजस्थान में गर्मी का कहर, फलोदी में लगा पारे का अर्धशतक, 50 डिग्री दर्ज - nautapa 2024

Heat Wave in Rajasthan, आज से नौतपा की शुरुआत हुई है. पहले ही दिन राजस्थान के फलोदी कस्बे का तापमान सर्वाधिक 50 डिग्री रहा. मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन भीषण गर्मी पड़ेगी.

नौतपा का पहला दिन
नौतपा का पहला दिन (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 25, 2024, 6:52 PM IST

पंडित राजेश दवे (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. भीषण गर्मी के दौर में शनिवार से नौतपा शुरू हुआ. पहले दिन प्रदेश में सर्वाधिक 50 डिग्री सेल्सियस तापमान फलोदी कस्बे में दर्ज किया गया है. यह संभवत: देश में भी आज सर्वाधिक है. इसके अलावा नौतपा के पहले दिन जोधपुर और जैसलमेर के तापमान में हल्की गिरावट दर्ज हुई है. यहां क्रमशः 46.9 और 48 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज हुआ है. बाड़मेर में सूरज का कहर अभी तक जारी है. यहां 48.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले तीन दिन तक पूरे पश्चिमी राजस्थान में भीषण गर्मी पड़ेगी.

बादलों ने घटाया पारा, लेकिन लू का असर यथावत : जोधपुर में शनिवार को सुबह से ही गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिला था. इसके साथ हल्के बादल भी थे. दोपहर 3 बजे बाद बादल गहरे हुए तो तापमान में गिरावट दर्ज की गई. शनिवार को जोधपुर का अधिकतम तापमान 46.9 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को तापमान 47.6 डिग्री था.

पढ़ें. राजस्थान में भीषण गर्मी का कहर, हीट स्ट्रोक से एक महिला समेत 5 लोगों की मौत

सूर्य रोहिणी नक्षत्र में हर वर्ष आते हैं, तब होता है नौतपा : नौतपा के वैज्ञानिक और ज्योतिषी दोनों महत्व हैं. वैज्ञानिक कारण के अनुसार सूर्य पृथ्वी के नजदीक होता है तो किरणे सीधे गिरने से गर्मी होती है. ज्योतिषय कारणों की मानें तो सूर्य के रोहणी नक्षत्र में गमन करने से चंद्रमा की शीतलता बाधित होती है. इससे भी गर्मी बढ़ती है. पंडित राजेश दवे के अनुसार ज्येष्ठ मास में हर वर्ष यह प्रक्रिया होती है. सूर्य जब ज्येष्ठ मास में रोहणी नक्षत्र में आता है तो 13 दिन रहता है. रोहणी नक्षत्र का मान 13 डिग्री और 20 मिनट है. सूर्य को घूमने में 14 से 15 दिन लगते हैं. इसमें शुरुआती नौ दिनों में गर्मी तेज पड़ती है. इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि पृथ्वी व सूर्य के बीच की दूरी कम होती है, जिससे सूर्य की किरण सीधे पृथ्वी पर गिरती है तो तापमान में वृद्धि होती है.

तेज गर्मी पड़ने पर अच्छी बारिश होती है : माना जाता है कि नौतपा में जब भीषण गर्मी पड़ती है तो इसके बाद आने वाले मानसून में बारिश अच्छी होती है. यह भी माना जाता है कि इन नौ दिनों में अगर बारिश हो जाती है तो मानसून में बारिश की कमी हो सकती है.

पंडित राजेश दवे (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. भीषण गर्मी के दौर में शनिवार से नौतपा शुरू हुआ. पहले दिन प्रदेश में सर्वाधिक 50 डिग्री सेल्सियस तापमान फलोदी कस्बे में दर्ज किया गया है. यह संभवत: देश में भी आज सर्वाधिक है. इसके अलावा नौतपा के पहले दिन जोधपुर और जैसलमेर के तापमान में हल्की गिरावट दर्ज हुई है. यहां क्रमशः 46.9 और 48 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज हुआ है. बाड़मेर में सूरज का कहर अभी तक जारी है. यहां 48.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले तीन दिन तक पूरे पश्चिमी राजस्थान में भीषण गर्मी पड़ेगी.

बादलों ने घटाया पारा, लेकिन लू का असर यथावत : जोधपुर में शनिवार को सुबह से ही गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिला था. इसके साथ हल्के बादल भी थे. दोपहर 3 बजे बाद बादल गहरे हुए तो तापमान में गिरावट दर्ज की गई. शनिवार को जोधपुर का अधिकतम तापमान 46.9 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को तापमान 47.6 डिग्री था.

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सूर्य रोहिणी नक्षत्र में हर वर्ष आते हैं, तब होता है नौतपा : नौतपा के वैज्ञानिक और ज्योतिषी दोनों महत्व हैं. वैज्ञानिक कारण के अनुसार सूर्य पृथ्वी के नजदीक होता है तो किरणे सीधे गिरने से गर्मी होती है. ज्योतिषय कारणों की मानें तो सूर्य के रोहणी नक्षत्र में गमन करने से चंद्रमा की शीतलता बाधित होती है. इससे भी गर्मी बढ़ती है. पंडित राजेश दवे के अनुसार ज्येष्ठ मास में हर वर्ष यह प्रक्रिया होती है. सूर्य जब ज्येष्ठ मास में रोहणी नक्षत्र में आता है तो 13 दिन रहता है. रोहणी नक्षत्र का मान 13 डिग्री और 20 मिनट है. सूर्य को घूमने में 14 से 15 दिन लगते हैं. इसमें शुरुआती नौ दिनों में गर्मी तेज पड़ती है. इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि पृथ्वी व सूर्य के बीच की दूरी कम होती है, जिससे सूर्य की किरण सीधे पृथ्वी पर गिरती है तो तापमान में वृद्धि होती है.

तेज गर्मी पड़ने पर अच्छी बारिश होती है : माना जाता है कि नौतपा में जब भीषण गर्मी पड़ती है तो इसके बाद आने वाले मानसून में बारिश अच्छी होती है. यह भी माना जाता है कि इन नौ दिनों में अगर बारिश हो जाती है तो मानसून में बारिश की कमी हो सकती है.

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