दुर्ग : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के तत्वावधान में दुर्ग कोर्ट में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ.लोक अदालत का शुभारंभ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जज नरेंद्र चंद्रवंशी ने किया. दुर्ग कोर्ट में हुए लोक अदालत में लंबित शमनीय अपराध के प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण, 138 एनआई एक्ट के अंतर्गत चेक बाउंस का प्रकरण, धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता और मेट्रोमोनियल डिस्प्युट के अलावा जल कर, संपत्ति कर, राजस्व संबंधी प्रकरण ट्रैफिक चालान, भाड़ा नियंत्रण आबकारी से संबंधित प्रकरण संबंधी मामलों का निपटारा किया गया.
हाईकोर्ट के जज भी रहे मौजूद : आपको बता दें कि न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य और पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय देने की दिशा में नेशनल लोक अदालत एक प्रभावशाली कदम है. इस दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज नरेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि लोगों को लड़ाई झगड़े से दूर रहना चाहिए. दूसरे के घरों में देखकर अपने घरों में समस्या नहीं लानी चाहिए, लोक अदालत इसलिए किया जा रहा है ताकि जो भी विवाद हैं उन्हें जल्द निपटाया जा सके.
संस्कारधानी में भी लोक अदालत : इसी कड़ी में राजनांदगांव जिला न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें 43 खंडपीठ बनाए गए हैं. जिसमें प्री लिटिगेशन के 11500 मामले सामने आए हैं. इसमें 45 हजार नियमित प्रकरण हैं. जिसमें राजस्व और क्रिमिनल संबंधित मामले हैं. राजनांदगांव खैरागढ़ और मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिला इसमें शामिल किए गए थे.
गरीबों को लोक अदालत से मिली राहत : राजनांदगांव,मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया. जिसमें बैंक,नगर निगम,बिजली विभाग,राजस्व और क्रिमिनल संबंधित मामले रखे गए.इस लोक अदालत में आपसी सहमति और समझौते के तहत मामले का निपटारा किया गया.लोक अदालत में आपसी सहमति के जरिए मामला सुलझाया गया.नेशनल लोक अदालत में गरीब तबके के लोगों को बड़ी राहत मिली है. क्योंकि लोक अदालत में जो मामले समझौते के तहत सुलझाए जाते हैं. उसे देश के किसी भी कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता.
कोरिया जिले में भी आयोजन : कोरिया जिला एवं सत्र न्यायालय बैकुंठपुर में न्यायाधीश विनय कुमार प्रधान के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के लंबित प्रकरणों का अलग-अलग न्याय खंडपीठ में निराकरण किया गया. आपको बता दें नेशनल लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से समझौता कराया जाता है. इसमें किसी की हार जीत का सवाल नहीं होता है. ज्यादातर मामले , मोटर दुर्घटना, जमीनी विवाद, आपसी लड़ाई झगडा, बैंकिंग विवाद मामला, परिवार का बिखराव, विद्युत प्रकरण, नगर निगम पालिका मामले, सिविल प्रकरण, राजस्व वसूली के सुलझाए गए. न्यायालय में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में नेशनल लोक अदालत प्रभावशाली साबित हुआ.