लखनऊ: राजधानी लखनऊ में देश के काई राज्यों के अलावा नेपाल से भी बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग एकजुट हुए. मौका था रविवार को राष्ट्रीय कायस्थ समागम का. इस समागम में विभिन्न पार्टियों के कायस्थ नेता भी पहुंचे. उत्तर प्रदेश सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना भी शामिल हुए. केपी ट्रस्ट की तरफ से ये आयोजन किया गया. कायस्थ समाज को शिक्षित करने को लेकर मंथन हुआ.
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने कहा कि कायस्थ समागम का मकसद ये है कि सब एक होकर रहें. सब मिलकर रहें. तरक्की इसी में है. लोगों को बेहतर शिक्षा दें. बेहतर संस्कार दें. बेहतर रोजगार दें. कायस्थ समाज तरक्की करे. हम अपने समाज का उत्थान करें.
वहीं संगठन के पदाधिकारी आरके सिन्हा ने कहा कि समाज को जोड़ने का ये कार्यक्रम है. आज जब देश में हर तरफ राष्ट्र विरोधी शक्तियां समाज को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं. ऐसे समागम का होना बहुत जरूरी है जो समाज को जोड़े, सबको लेकर साथ चले और सामाजिक एकता को प्रशस्त करें. राष्ट्र भावना को प्रबल बनाएं और देश की सेवा के लिए नौजवानों को आगे लाएं. कार्यक्रम में पूरे देश से लोग आए हुए हैं. उत्तर भारत से ज्यादा लोग आए हैं. दक्षिण भारत से बहुत लोग आने वाले थे लेकिन वहां पर समुद्री तूफान का प्रकोप था. उसकी वजह से काफी लोग नहीं आ सके.
केपी ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी विकास श्रीवास्तव ने कहा कि काली प्रसाद कुल भास्कर ने देश के शैक्षणिक विकास के लिए योगदान दिया. उन्होंने अपनी सारी संपत्ति, अपनी जीवन भर की कमाई सब उन्होंने ट्रस्ट में लगा दी. आज की तारीख में यह एशिया का सबसे बड़ा ट्रस्ट है जो शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक कार्यों में लगा हुआ है. प्रयागराज इसका मुख्यालय है और पहली बार ये लखनऊ में आयोजित हो रहा है. इसका मकसद है कि उत्तर प्रदेश के अंदर खास तौर से लखनऊ में चंद्रिका देवी के पास काली प्रसाद की एक पैतृक संपत्ति है जो उन्होंने ट्रस्ट को दान दी थी उस पर विश्वविद्यालय का निर्माण करना है. ट्रस्ट के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह हैं और मेंबर इंचार्ज आनंद प्रकाश श्रीवास्तव बनाए गए हैं.
कायस्थ पाठशाला लखनऊ के मेंबर इंचार्ज आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि पूरे देश प्रदेश का कायस्थ समाज एक साथ इकट्ठा होकर आपस में मिलें और बात करें. एकता का परिचय दें. आज हमारा उद्देश्य पूरा हो रहा है. देश के सभी राज्यों से बड़ी संख्या में लोग यहां पर आए हैं. नेपाल से भी लोग यहां पर पहुंचे हैं. गुजरात, मुंबई, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से लोग यहां पहुंचे हैं. उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से लोग यहां पर आए हुए हैं.
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