बेतिया: बेतिया की लक्की का बचपन से बड़ा फुटबॉल खिलाड़ी बनने का सपना था, वह सपना अब टूटता नजर आ रहा है, क्योंकि ना ही राज्य सरकार और ना ही जिला प्रशासन के द्वारा इस खिलाड़ी के लिए कोई कदम उठाया गया है. इस खिलाड़ी को कोई सहयोग भी नहीं मिला है. आज वह सरकारी उदासीनता के कारण पूरी तरह से टूट चुकी है और स्टॉल पर पकोड़े बेच रही हैं और उसी से घर का भरण पोषण चल रहा है.
दम तोड़ रही लक्की की प्रतिभा: घर की माली स्थिति खराब है जिस कारण से लक्की आगे फुटबॉल नहीं खेल पा रही हैं. उसकी प्रतिभा दम तोड़ती जा रही है और आज घर का भरण पोषण करने के लिए पकोड़े की दुकान चला रही है. फुटबॉल खिलाड़ी लक्की उड़ीसा में फीफा वर्ल्ड कप का कैंप भी कर चुकी है लेकिन इतने स्टेट खेलने के बाद भी उसे कोई मदद नहीं मिली.
सरकार से नहीं मिली कोई मदद: लक्की के फुटबॉल क्लब के कोच सुनील वर्मा बताते हैं कि लक्की बहुत ही अच्छी खिलाड़ी रही हैं. हालांकि सरकार के द्वारा उसे कोई सहयोग नहीं मिला. आज उसकी प्रतिभा दम तोड़ दी चुकी है. लक्की ने फीफा वर्ल्ड कप का कैंप भी किया है. 5 स्टेट में जाकर फुटबॉल खेल चुकी है. उसने इस जिले का नाम रोशन किया है. लेकिन जिला प्रशासन ने ना कोई पहल कदमी की और ना ही राज्य सरकार के तरफ से कोई सहयोग मिला. जिस कारण से लक्की आज पूरी तरह से टूट चुकी है. लक्की के घर की स्थिति बहुत खराब है.
"क्लब के सहयोग से हम लोगों ने इसे एक दुकान चलाने में मदद किया है. इसी पकोड़े के दुकान से इसका भरण पोषण चलता है. सरकार का कोई ध्यान नहीं है. अगर सरकार इसकी मदद करें कि यह दोबारा फुटबॉल खेल सकती है. बचपन से लक्की का फुटबॉल खेलने का सपना रहा है कि वह एक बड़ी फुटबॉल खिलाड़ी बने लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण लक्की का प्रतिभा दम तोड़ती नजर आ रही है."-सुनील वर्मा, कोच