ETV Bharat / state

मंत्री जी आपका इलाका है, देखिए तो जान हथेली पर लिए बच्चे स्कूल जा रहे हैं - Narsinghpur Poor Education Facility

मध्य प्रदेश में कई नदियों पर पुल की सुविधा नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. स्कूल शिक्षा मंत्री के क्षेत्र तेंदूखेड़ा के कई बच्चे जान जोखिम में डाल स्कूल जा रहे हैं. वहीं, कुछ बच्चे इस जोखिम से बचने स्कूल छोड़ चुके हैं.

MADHYA PRADESH NO ROAD TO SCHOOL
जान जोखिम में डाल स्कूल पहुंच रहें हैं बच्चे (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 7:23 PM IST

भोपाल: आप अपने बच्चे को स्कूल बस से रवाना करते हुए फिक्र में आ जाते हैं. जरा उन बच्चों के बारे में सोचिए जो रोज उफनती नदी में नाव के सहारे इस किनारे से उस किनारे पहुंचते हैं. ताकी कक्षा में अपनी हाजिरी लगा पाएं. कुछ ऐसे ही हालात प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के इलाके तेंदूखेड़ा विधानसभा के जैथारी गांव के हैं, जहां कई बच्चे तो सिर्फ इस जोखिम से बचने के लिए पढ़ाई ही छोड़ चुके हैं.

नदियों पर पुल की सुविधा नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित (ETV Bharat)

जान हथेली पर लेकर स्कूल..यहां स्कूल पहुंचना भी इम्तेहान

एमपी के नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा विधानसभा की बेलखेड़ी ग्राम पंचायत का यह मामला है, जहां जैथारी गांव के बच्चों के लिए स्कूल का सफर तय करने के लिए उफनती शक्कर नदी पार करनी होती है. नाव के सहारे ये बच्चे कल्याणपुर गांव जाते हैं, जहां इनका स्कूल है. करीब एक हजार की आबादी वाले गांव जैथारी में कई बच्चों ने जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने के बजाए पढ़ाई ही छोड़ दी है. लेकिन 30 से 40 बच्चे ऐसे हैं जो आज भी इसी जोखिम भरे रास्ते से स्कूल का सफर तय करते हैं. अब आपका सवाल लाजमी है कि क्या कोई रास्ता नहीं. तो स्कूल में पढ़ने वाले छात्र राज कौरव बताते हैं कि "लंबे समय से पुल बन रहा है, जिसके बाद बच्चों का रास्ता आसान हो सकता है. लेकिन अब तक उसका निर्माण ही पूरा नहीं हो सका है." राज कहते हैं हमारी सबसे बड़ी समस्या अब ये नदी बन गई है.

मियाद पूरी हुई लेकिन नदी पर बनने वाला पुल अधूरा

शक्कर नदी के दोनो किनारों को जोड़ने वाला करीब 186 मीटर का ब्रिज अब भी अधूरा है. हांलाकि इसके पूरा होने की मियाद खत्म हुए भी 4 साल बीत गए. इस पुल को दिसम्बर 2020 में पूरा हो जाना था. प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह की पहले लोकसभा और विधानसभा में ये इलाका आता है. लेकिन उनके अपने इलाके में बच्चों की बुनियादी जरूरत पढ़ाई और स्कूल को लेकर ऐसी अनदेखी है.

ये भी पढ़ें:

पढ़ाई के लिए मौत का सफर! नर्मदापुरम में जान पर खेल कर बच्चे पहुंच रहे स्कूल, बारिश से उफान पर नदी

बारिश में 'बह' रही बच्चों की पढ़ाई, ये क्या नौबत आई, टपकती छत के नीचे पॉलिथीन का सहारा

खातेगांव में जामनेर की पुलिया छात्रों की मुसीबत

इधर, खातेगांव के जियागांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राएं इस तेज बारिश में जामनेर नदी का तेज बहाव पार कर स्कूल जाती हैं. असल में तेज बारिश में नदी का पानी पुल पर आ जाता है. यहां पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन चेता नहीं अब तक.

भोपाल: आप अपने बच्चे को स्कूल बस से रवाना करते हुए फिक्र में आ जाते हैं. जरा उन बच्चों के बारे में सोचिए जो रोज उफनती नदी में नाव के सहारे इस किनारे से उस किनारे पहुंचते हैं. ताकी कक्षा में अपनी हाजिरी लगा पाएं. कुछ ऐसे ही हालात प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के इलाके तेंदूखेड़ा विधानसभा के जैथारी गांव के हैं, जहां कई बच्चे तो सिर्फ इस जोखिम से बचने के लिए पढ़ाई ही छोड़ चुके हैं.

नदियों पर पुल की सुविधा नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित (ETV Bharat)

जान हथेली पर लेकर स्कूल..यहां स्कूल पहुंचना भी इम्तेहान

एमपी के नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा विधानसभा की बेलखेड़ी ग्राम पंचायत का यह मामला है, जहां जैथारी गांव के बच्चों के लिए स्कूल का सफर तय करने के लिए उफनती शक्कर नदी पार करनी होती है. नाव के सहारे ये बच्चे कल्याणपुर गांव जाते हैं, जहां इनका स्कूल है. करीब एक हजार की आबादी वाले गांव जैथारी में कई बच्चों ने जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने के बजाए पढ़ाई ही छोड़ दी है. लेकिन 30 से 40 बच्चे ऐसे हैं जो आज भी इसी जोखिम भरे रास्ते से स्कूल का सफर तय करते हैं. अब आपका सवाल लाजमी है कि क्या कोई रास्ता नहीं. तो स्कूल में पढ़ने वाले छात्र राज कौरव बताते हैं कि "लंबे समय से पुल बन रहा है, जिसके बाद बच्चों का रास्ता आसान हो सकता है. लेकिन अब तक उसका निर्माण ही पूरा नहीं हो सका है." राज कहते हैं हमारी सबसे बड़ी समस्या अब ये नदी बन गई है.

मियाद पूरी हुई लेकिन नदी पर बनने वाला पुल अधूरा

शक्कर नदी के दोनो किनारों को जोड़ने वाला करीब 186 मीटर का ब्रिज अब भी अधूरा है. हांलाकि इसके पूरा होने की मियाद खत्म हुए भी 4 साल बीत गए. इस पुल को दिसम्बर 2020 में पूरा हो जाना था. प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह की पहले लोकसभा और विधानसभा में ये इलाका आता है. लेकिन उनके अपने इलाके में बच्चों की बुनियादी जरूरत पढ़ाई और स्कूल को लेकर ऐसी अनदेखी है.

ये भी पढ़ें:

पढ़ाई के लिए मौत का सफर! नर्मदापुरम में जान पर खेल कर बच्चे पहुंच रहे स्कूल, बारिश से उफान पर नदी

बारिश में 'बह' रही बच्चों की पढ़ाई, ये क्या नौबत आई, टपकती छत के नीचे पॉलिथीन का सहारा

खातेगांव में जामनेर की पुलिया छात्रों की मुसीबत

इधर, खातेगांव के जियागांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राएं इस तेज बारिश में जामनेर नदी का तेज बहाव पार कर स्कूल जाती हैं. असल में तेज बारिश में नदी का पानी पुल पर आ जाता है. यहां पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन चेता नहीं अब तक.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.