नर्मदापुरम। मां की भक्ति के साथ बहुत से संदेश लिए चल रहीं मार्शल आर्ट्स चैंपियन शारदा ठाकुर नर्मदा परिक्रमा के दौरान साइकिल से नर्मदापुरम पहुंची. यहां पर नर्मदापुरम युवा मंडल के सदस्यों ने उनका स्वागत किया. दो माह तीन दिनों की परिक्रमा के दौरान वह हर एक व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण, नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाए रखने एवं महिलाओं को सशक्त करने के उद्देश्य से जागरूक कर रही हैं. उन्होंने अभी तक 500 से अधिक बालिकाओं को मार्शल आर्ट सिखाया है.
सभी को मां नर्मदा की परिक्रमा करनी चाहिए
नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में शारदा ठाकुर ने बताया कि उन्होंने नर्मदा परिक्रमा यात्रा 26 फरवरी को साइकिल से ओंकारेश्वर से शुरू की थी. दो माह तीन दिन बाद वह नर्मदापुरम पहुंची हैं. शारदा ने बताया कि "मेरा उद्देश्य सिर्फ यही है कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाएं. बेटियों-महिलाओं को आगे आना चाहिए और भारत में जितने भी युवा हैं, वह बालक हो चाहे बालिका हो हर युवा को मां नर्मदा की परिक्रमा जरूर करनी चाहिए."
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नदियों की स्वच्छता हम सबकी जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि "मैं यह कहना चाहूंगी कि मां नर्मदा को हम मां कहते हैं, तो हम उन्हें स्वच्छ क्यों नहीं रखे हैं. उनकी स्वच्छता की जिम्मेदारी हम सबकी है. हम सबको इस जिम्मेदारी को समझना चाहिए और मां नर्मदा की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए." शारदा ठाकुर ने बताया कि उनका ग्रेजुएशन कंप्लीट है. महिलाओं को बढ़ावा देने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि "महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. सेल्फ डिफेंस महिलाओं को सीखना चाहिए. मैं खुद मार्शल आर्ट में गोल्ड मेडलिस्ट हूं. अभी तक मैं 500 से अधिक बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस सिखा चुकी हूं."