मध्य प्रदेश में खाद का हाहाकार, भूखे-प्यासे किसानों पर छोड़ा गया पानी - NARMADAPURAM FERTILIZER CRISIS
नर्मदापुरम में किसान डीएपी खाद को लेकर लंबी-लंबी लाइनों में लगे हुए हैं. खाद की मारामारी देखते हुए प्रशासन ने किसानों पर पानी भी छोड़ा.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Oct 10, 2024, 5:34 PM IST
नर्मदापुरम: मध्य प्रदेश में इन दिनों खाद की समस्या से किसान परेशान हैं. चारों तरफ डीएपी खाद को लेकर हाय तौबा मची हुई है. किसान खाद के लिए दिन-रात लाइनों में लग रहे हैं. जबकि रबी की फसलों का बुवाई का दौर शुरू हो गया है. नर्मदापुरम में सर्वाधिक गेहूं की फसल लगाई जाती है. जिसकी बुवाई के लिए किसानों को डीएपी खाद मुहैया नहीं कराया जा रहा है. किसान रात से डीएपी खाद के लिए लाइन में लगे हुए हैं.
उपज मंडी पहुंचे कांग्रेस नेता
किसानों का आरोप है कि 'हर बार खाद को लेकर मची मारामारी के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. वहीं इस संबंध में एसडीम टी प्रतीक राव का कहना है कि 'खाद के लिए किसानों को टोकन वितरण किए गए हैं. देश भर में डीएपी खाद की कमी है. यह बात विगत दिनों किसान संघ की बैठक में स्पष्ट की गई.' आज कृषि उपज मंडी में 50-60 टन डीएपी खाद वितरित की गई. किसानों की परेशानी को देखते हुए नगर कांग्रेस अध्यक्ष मयूर जायसवाल भी कृषि उपज मंडी पहुंचे हुए थे. उन्होंने किसानों और खाद वितरण कर रहे अधिकारियों से चर्चा की.
खाद के लिए परेशान हो रहे किसान
किसानों ने बताया कि डीएपी के साथ किसानों को अन्य खाद दी जा रही है. किसानों को खाद के लिए खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान रात से ही गोदामों के बाहर लंबी लाइने लगाना शुरू कर देते हैं. किसान संतोष कुमार और सुखराम, धनपाल का आरोप है कि '8 से 10 घंटे तक लाइन में खड़े रहने के बावजूद ज्यादातर किसानों को टोकन नहीं मिल पाता है. अब बिना टोकन खाद नहीं मिल सकती. जिससे किसानों को अतिरिक्त समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति इतनी गंभीर है कि कई किसान अपने परिवार के सदस्यों को भी लाइन में बारी-बारी से बिठाते हैं, ताकि टोकन मिलने की बारी न छूट जाए.
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किसानों पर छोड़ा पानी
किसान कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष विजय बाबू चौधरी ने बताया कि 'सरकार सहकारी बैंक के माध्यम से नगद खाद का वितरण भी नहीं कर रही है. जिससे किसानों को परेशानी का सामना न करना पड़े.' खाद्य वितरण के दौरान अव्यवस्था होने की वजह से पुलिस ने किसानों को कंट्रोल करने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.' हालांकि संबंध में थाना प्रभारी गौरव सिंह बुंदेला का कहना है कि 'उन्होंने किसी भी पुलिसकर्मियों को ऐसा करने के आदेश नहीं दिए हैं.'