नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के देनवा के बैक वॉटर में इंडियन स्कीमर पक्षी देखने को मिले हैं. इन पक्षियों की घटती आबादी के कारण अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने स्किमर्स को विलुप्त प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया है. एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में विशेषज्ञों के द्वारा की गई गणना में पता चला है कि ऐसे पक्षी लगभग 3 हजार से 4 हजार ही बचे हैं.
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने जताई खुशी
यह पक्षी रेतीले मैदानों और द्वीपों पर सर्दी के मौसम के अंत से गर्मियों के महीनों के अंत तक बैक वॉटर क्षेत्र का भ्रमण करते हैं व पारिस्थितिकी तंत्र को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. रेतीले द्वीपों व रेतीली नदी के तटों पर ये पक्षी के प्रजनन जोड़े देखे जा सकते हैं. इंडियन स्कीमर की एक अनूठी विशेषता यह है कि ये भोजन की तलाश करते समय अपनी निचली नारंगी चोंच को खुला रखते हैं और पानी की सतह पर उड़ते हुए मछली का शिकार कर लेते हैं. इन पक्षियों के नजर आने पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने खुशी जताई है.
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काले पंख व सिर, सफेद गर्दन-पेट और नारंगी-पीली रंग की लंबी चोंच वाला यह भारतीय स्कीमर पक्षी, दुनिया के अधिकांश देशों में विलुप्त हो चुका है. इसके विलुप्त होने के कई कारण हैं. कुछ सालों से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व द्वारा किए जा रहे प्रयासों के परिणाम स्वरूप इंडियन स्कीमर की उपस्थिति नजर आई है.