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नर्मदापुरम में दिखी छठ की रौनक, व्रती महिलाओं ने छठी मैया से मांगा आशीर्वाद

नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर छठ व्रती महिलाओं ने की पूजा-अर्चना, प्रशासन ने किए थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम.

NARMADAPURAM CHHATH PUJA 2024
नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर व्रती महिलाओं ने की पूजा-अर्चना (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 7:05 AM IST

नर्मदापुरम: उत्तर भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक छठ पूजा की रौनक नर्मदापुरम के नर्मदा सेठानी घाट पर भी देखने को मिली. 5 नवंबर से शुरू हुआ छठ पर्व शुक्रवार तक चलेगा. गुरुवार शाम को विशेष पूजा के लिए श्रद्धालु सेठानी घाट पहुंचे, जहां महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान लोगों ने गन्ने की मड़िया बनाकर दीपों से सजाकर पूजा अर्चना की.

नर्मदा घाट पर उमड़ी व्रती महिलाओं की भीड़

खरना से शुरू हुई छठ पूजा के तीसरे दिन श्रद्धालु शाम को नर्मदा घाट पर पहुंचे और व्रती महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान महिलाओं ने अपने परिवार के लिए खुशहाली की कामना की. इस दिन महिलाओं ने निर्जला उपवास रखकर सूर्य देव की विशेष पूजा की. छठ पूजा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं के द्वारा उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की जाएगी, जिसके बाद व्रती महिलाएं अपना उपवास खोलेंगी. पूजा करने पहुंचे लोगों ने बताया कि छठ पूजा का उल्लेख ऋग्वेद में भी किया गया है.

जानकारी देती हुई व्रती महिलाएं (ETV Bharat)

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बच्चों व पति के लिए छठ व्रत रहती हैं महिलाएं

व्रती महिला सुनीता दुबे ने बताया, '' मैं बिहार के सिवान जिले से हूं. हमारे द्वारा छठ पर्व धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है. बिहार का सबसे बड़ा फेस्टिवल है. इसे रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. महिलाएं अपने बच्चों व सुहाग (पति) के लिए ये व्रत रहती हैं.'' व्रती महिला श्रुति कुमारी ने बताया, ''हम बिहार के बलिया जिले से हैं. यह हमारा 36 घंटे का उपवास होता है. पर्व को हम बहुत धूमधाम से मनाते हैं.'' नर्मदा सेठानी घाट पर प्रशासन के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजामात किए गए थे.

नर्मदापुरम: उत्तर भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक छठ पूजा की रौनक नर्मदापुरम के नर्मदा सेठानी घाट पर भी देखने को मिली. 5 नवंबर से शुरू हुआ छठ पर्व शुक्रवार तक चलेगा. गुरुवार शाम को विशेष पूजा के लिए श्रद्धालु सेठानी घाट पहुंचे, जहां महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान लोगों ने गन्ने की मड़िया बनाकर दीपों से सजाकर पूजा अर्चना की.

नर्मदा घाट पर उमड़ी व्रती महिलाओं की भीड़

खरना से शुरू हुई छठ पूजा के तीसरे दिन श्रद्धालु शाम को नर्मदा घाट पर पहुंचे और व्रती महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान महिलाओं ने अपने परिवार के लिए खुशहाली की कामना की. इस दिन महिलाओं ने निर्जला उपवास रखकर सूर्य देव की विशेष पूजा की. छठ पूजा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं के द्वारा उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की जाएगी, जिसके बाद व्रती महिलाएं अपना उपवास खोलेंगी. पूजा करने पहुंचे लोगों ने बताया कि छठ पूजा का उल्लेख ऋग्वेद में भी किया गया है.

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बच्चों व पति के लिए छठ व्रत रहती हैं महिलाएं

व्रती महिला सुनीता दुबे ने बताया, '' मैं बिहार के सिवान जिले से हूं. हमारे द्वारा छठ पर्व धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है. बिहार का सबसे बड़ा फेस्टिवल है. इसे रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. महिलाएं अपने बच्चों व सुहाग (पति) के लिए ये व्रत रहती हैं.'' व्रती महिला श्रुति कुमारी ने बताया, ''हम बिहार के बलिया जिले से हैं. यह हमारा 36 घंटे का उपवास होता है. पर्व को हम बहुत धूमधाम से मनाते हैं.'' नर्मदा सेठानी घाट पर प्रशासन के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजामात किए गए थे.

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