नई दिल्ली : राजधानी में शुक्रवार को बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार के विरोध में विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में दिल्ली एनसीआर से आई करीब 20,000 महिलाएं शामिल हुई. मुख्य आयोजकों में शामिल एडवोकेट डॉ. मोनिका अरोड़ा ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. हिंदू महिलाओं को मारा जा रहा है, दुराचार हो रहा है और आगजनी हो रही हैं. वहीं, एक और पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान हिंदू और माइनॉरिटी विहीन हो गया है. साथ ही पाकिस्तान में मात्र 1 फीसदी ही हिंदू रह गए हैं. इसके अलावा बंगलदेश में 30 फीसदी से मात्र 8 फीसदी ही हिंदू रह गए हैं.
इन सब देशों में धर्म के आधार पर हिंदुओं के साथ अत्याचार हुआ है. इन्हीं देशों में हिन्दू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आज देशभर की महिलाओं को एकत्र होना पड़ा. आज ये कहना होगा कि धर्म के आधार पर अत्याचार करना बंद किया जाए. आज के विरोध प्रदर्शन में भारत सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि वह बंगलादेश की सरकार पर हिंदू महिलाओं को सुरक्षित करने का दवाब बनाएं.
अत्याचार पर विचार करने की जरूरतः वहीं, देश और राजधानी में महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे अत्याचार पर भी विचार करने की जरूरत है. इसे देखते हुए कानून में कई तरह से बदलावों की जरूरत है. 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद जेएस कमिटी का गठन किया गया. उस समय कई वादे हए थे. इनका रिफॉर्म होना बाकी है. वहीं, पब्लिक प्लेस पर महिलाओं की सुरक्षा भी एक अहम चिंता का विषय है.
देश के साथ साथ विदेश में ही महिलाओं को मिलनी चाहिए सुरक्षाः मोनिका ने आगे कहा कि मैं एक वकील हूं. यहां कोई डॉक्टर है, कोई पत्रकार है. देश में हर महिला को सुरक्षा का अधिकार है. अब समय आ गया है कि देश के साथ-साथ विदेश में ही महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. वहीं, प्रोटेस्ट में शामिल हुई एक अन्य महिला ने बताया कि आज वो बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में एकत्र हुई हैं. लेकिन देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर भी गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.
ये भी पढ़ें : नारी शक्ति मार्च: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन, 20 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल