लखनऊ: मोदी सरकार 3.0 में उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी ने 9 मंत्रियों को चुना है. जिनमें से सबसे अधिक पिछड़े वर्ग के आते हैं. भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ों पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है. दो क्षत्रियों को मंत्रिमंडल में स्थान मिला है. दलित समाज से भी दो मंत्री बनाए गए हैं. जबकि ब्राह्मण और सिख समाज से भी एक-एक मंत्री को चुना गया है. भारतीय जनता पार्टी ने मंत्रिमंडल के चयन को लेकर क्षेत्रवार समीकरण का भी ध्यान रखा है.
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को इस बार दलित और पिछड़ा वोट बहुत कम मिला. इसके अलावा क्षत्रियों ने भी बीजेपी का साथ नहीं दिया. कई सीटों पर ब्राह्मण भी नाराज दिखे. ऐसी परिस्थितियों में समीकरण को साधने के लिए सबसे बड़े वोट बैंक पिछले समाज को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया गया है.
दो कुर्मी एक जाट और एक अन्य पिछड़ा वर्ग से भी मंत्री बनाया गया है. दलित वर्ग को समीकरण में शामिल करते हुए एसपी सिंह बघेल और कमलेश पासवान भी मंत्री बनाए गए हैं.
यूपी से ये सांसद बने मंत्री
- राजनाथ सिंह (ठाकुर): लखनऊ से मंत्री बनाए गए हैं. लखनऊ अवध क्षेत्र की महत्वपूर्ण सीट है. मोदी सरकार में लगातार तीसरी बार मंत्री बनाए गए. क्षत्रिय वर्ग से राजनाथ सिंह और कीर्तिवर्धन सिंह बीजेपी को संभालेंगे.
- जितिन प्रसाद (ब्राह्मण): पीलीभीत से सांसद चुने गए हैं. उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र की महत्वपूर्ण सीट है. जितिन प्रसाद यूपी में ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं. इसको देखते हुए ब्राह्मणों को खुश करने के लिए उनको मंत्री बनाया गया है.
- पंकज चौधरी (कुर्मी पिछड़े वर्ग): महराजगंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं. पूर्वांचल की इस सीट पर कुर्मी नेता के तौर पर पंकज चौधरी की पहचान है. लगातार दूसरी बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो रहे हैं.
- कमलेश पासवान (बांसगांव दलित): पूर्वांचल के समीकरण साधते हुए भारतीय जनता पार्टी ने दलित चेहरे को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है. पूर्वांचल में दलितों की वोट की वजह से बीजेपी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है.
- कीर्तिवर्धन सिंह (ठाकुर): गोंडा से सांसद बने हैं. अवध क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण सीट से कीर्ति वर्धन सिंह विरोधी लहर के बावजूद जीत कर आए हैं. क्षत्रिय वर्ग से संबंध रखने के कारण इनको भी मंत्री बनाया गया है.
- अनुप्रिया पटेल (कुर्मी): मिर्जापुर सीट से लगातार तीसरी बार चुनी गई हैं. कुर्मी समाज की बड़ी नेता हैं. मोदी सरकार में लगातार तीसरी बार मंत्री बनाई गई हैं. उन्होंने अपनी जीत के साथ मिर्जापुर में इतिहास बनाया है. लगातार तीन बार जीतने वाली वह पहली सांसद बन गई हैं.
- एसपी बघेल (दलित): कभी मुलायम सिंह यादव के सिक्योरिटी ऑफिसर रहने वाले एसपी सिंह बघेल दलित समाज से आते हैं और पश्चिम उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सेट आगरा से सांसद हैं. मोदी सरकार में लगातार दूसरी बार मंत्री बनाए गए हैं.
- हरदीप सिंह पुरी (सिख) राज्यसभा सदस्य: सिख समाज से आने वाले हरदीप सिंह पुरी मोदी सरकार में शहरी विकास एवं आवास मंत्री थे. उनको एक बार फिर मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है. वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं.
- बीएल वर्मा, पिछड़ा वर्ग से राज्यसभा सदस्य हैं: बीएल वर्मा भी पिछड़े वर्ग से आते हैं. मोदी सरकार में पिछली बार भी मंत्री थे. वह राज्यसभा से सांसद हैं.
- जयंत चौधरी पिछड़े, जाट, राज्यसभा सदस्य: राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष हैं. उनकी पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन किया. पश्चिम उत्तर प्रदेश की दो सीटें जीतीं. जाट समाज और पश्चिम उत्तर प्रदेश में उनका बेहतर प्रभाव है. भाजपा ने उनको मंत्री बनाया है. कभी अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में उनके पिता चौधरी अजीत सिंह भी केंद्रीय मंत्री हुआ करते थे.
मोदी 2.0 में यूपी से थे 12 मंत्री: 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में पहुंची थी. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 में बनी दूसरी सरकार में यूपी से 12 मंत्री बने थे. लोकसभा चुनाव 2024 में इन सभी को टिकट दिया गया था, लेकिन इनमें से 7 मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए और हार गए. सिर्फ 5 मंत्री ही जीतकर संसद पहुंचे हैं.
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