ETV Bharat / state

भक्त प्रहलाद को प्रताड़ित कर रहे थे राक्षस, रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने लिया नरसिंह अवतार - Narsingh prakatotsav in Chanderi - NARSINGH PRAKATOTSAV IN CHANDERI

ऐतिहासिक नगरी चंदेरी में बैशाख शुक्ल चौदस को नरसिंह मंदिर में भगवान नरसिंह का प्रकटोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया. शाम को भगवान नरसिंह की भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे.

Narasimha Jayanti 2024
नरसिंह जयंती 2024 (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 22, 2024, 8:05 AM IST

Updated : May 22, 2024, 9:40 AM IST

चंदेरी में 500 साल पुराने नरसिंह मंदिर में मनाया प्रकटोत्सव (ETV Bharat)

अशोकनगर। चंदेरी में 500 साल पुराने भगवान नरसिंह मंदिर में प्रभु का प्रकटोत्सव मनाया गया. जिसमें बड़ी संख्या में आसपास क्षेत्र के श्रद्धालु उपस्थित रहे. इस दौरान भगवान नरसिंह और भक्त प्रहलाद का मंचन भी किया गया. जिसे देखने के लिए श्रद्धालु दूर अंचल से चंदेरी पहुंचे. बता दें कि भगवान नरसिंह, भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, भगवान नरसिंह वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर प्रकट हुए थे.

खंभा तोड़कर प्रकट हुए भगवान नरसिंह

इस दौरान मनमोहन मंचन का आयोजन भी किया गया. जिसमें भगवान नरसिंह एक खंबे को तोड़कर प्रकट हुए और वह सीधे भक्त प्रहलाद के पास पहुंचे. जहां उन्होंने भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाकर खूब लाड प्यार दिया. इसके बाद भक्त प्रहलाद और भगवान नरसिंह की श्रद्धालुओं द्वारा भव्य आरती उतारी गई.

प्रदेश में केवल चंदेरी में निकलती है भगवान नरसिंह की सवारी

नरसिंह भगवान की सवारी मध्यप्रदेश में केवल एक मात्र चंदेरी में ही निकाली जाती है. नरसिंह मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना है, जो पूरे क्षेत्र में अपने आप में अलग ही महत्व रखता है. जिस तरह से भगवान का प्रकटोत्सव शास्त्रों में वर्णित है, ठीक उसी प्रकार यहां पर प्रकटोत्सव का मंचन किया जाता है. नरसिंह भगवान की सवारी निकालने के करीब एक घंटे पहले से ही राक्षस एवं दानव द्वारा पूरे क्षेत्र में भ्रमण किया जाता है और भक्त प्रहलाद के साथ लोगों को सताया जाता है. उसके बाद एक खम्बे में से भगवान नरसिंह के प्रकट होते ही राक्षस अपने आप समाप्त हो जाते हैं.

Also Read:
वैशाख पूर्णिमा 2024 पर क्या करें और क्या न करें? जानें किस तरह प्रसन्न होते हैं भगवान विष्णु - Vaisakh Poornima Significance

40 वर्षों बाद पंरपरा की वापसी, निकाला गया 'नारोन्या' का जुलूस, भगवान विष्णु ने किया था हिरण्यकश्यप का वध - Betul Rama Navami Old Tradition

वैशाख अमावस्या के दिन जरूर करें ये 6 काम, बहुत जल्द बन जाएंगे धनवान - Vaishakh Amavasya 2024

मंचन की परंपरा भी प्राचीन

जबसे भगवान नरसिंह मंदिर की स्थापना हुई है तभी से मंचन यहां लगातार किया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहता है. चंदेरी स्थित नरसिंह मंदिर एक मायने में नहीं बल्कि कई मायनाें में विशिष्ठ हाेते हुए चंदेरी की अमूल्य धराेहर है. भगवान नरसिंह प्रकटाेत्सव पूर्वकाल से चंदेरी की विरासत का एक महत्वपूर्ण अंश है.

चंदेरी में 500 साल पुराने नरसिंह मंदिर में मनाया प्रकटोत्सव (ETV Bharat)

अशोकनगर। चंदेरी में 500 साल पुराने भगवान नरसिंह मंदिर में प्रभु का प्रकटोत्सव मनाया गया. जिसमें बड़ी संख्या में आसपास क्षेत्र के श्रद्धालु उपस्थित रहे. इस दौरान भगवान नरसिंह और भक्त प्रहलाद का मंचन भी किया गया. जिसे देखने के लिए श्रद्धालु दूर अंचल से चंदेरी पहुंचे. बता दें कि भगवान नरसिंह, भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, भगवान नरसिंह वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर प्रकट हुए थे.

खंभा तोड़कर प्रकट हुए भगवान नरसिंह

इस दौरान मनमोहन मंचन का आयोजन भी किया गया. जिसमें भगवान नरसिंह एक खंबे को तोड़कर प्रकट हुए और वह सीधे भक्त प्रहलाद के पास पहुंचे. जहां उन्होंने भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाकर खूब लाड प्यार दिया. इसके बाद भक्त प्रहलाद और भगवान नरसिंह की श्रद्धालुओं द्वारा भव्य आरती उतारी गई.

प्रदेश में केवल चंदेरी में निकलती है भगवान नरसिंह की सवारी

नरसिंह भगवान की सवारी मध्यप्रदेश में केवल एक मात्र चंदेरी में ही निकाली जाती है. नरसिंह मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना है, जो पूरे क्षेत्र में अपने आप में अलग ही महत्व रखता है. जिस तरह से भगवान का प्रकटोत्सव शास्त्रों में वर्णित है, ठीक उसी प्रकार यहां पर प्रकटोत्सव का मंचन किया जाता है. नरसिंह भगवान की सवारी निकालने के करीब एक घंटे पहले से ही राक्षस एवं दानव द्वारा पूरे क्षेत्र में भ्रमण किया जाता है और भक्त प्रहलाद के साथ लोगों को सताया जाता है. उसके बाद एक खम्बे में से भगवान नरसिंह के प्रकट होते ही राक्षस अपने आप समाप्त हो जाते हैं.

Also Read:
वैशाख पूर्णिमा 2024 पर क्या करें और क्या न करें? जानें किस तरह प्रसन्न होते हैं भगवान विष्णु - Vaisakh Poornima Significance

40 वर्षों बाद पंरपरा की वापसी, निकाला गया 'नारोन्या' का जुलूस, भगवान विष्णु ने किया था हिरण्यकश्यप का वध - Betul Rama Navami Old Tradition

वैशाख अमावस्या के दिन जरूर करें ये 6 काम, बहुत जल्द बन जाएंगे धनवान - Vaishakh Amavasya 2024

मंचन की परंपरा भी प्राचीन

जबसे भगवान नरसिंह मंदिर की स्थापना हुई है तभी से मंचन यहां लगातार किया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहता है. चंदेरी स्थित नरसिंह मंदिर एक मायने में नहीं बल्कि कई मायनाें में विशिष्ठ हाेते हुए चंदेरी की अमूल्य धराेहर है. भगवान नरसिंह प्रकटाेत्सव पूर्वकाल से चंदेरी की विरासत का एक महत्वपूर्ण अंश है.

Last Updated : May 22, 2024, 9:40 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.